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अमेरिका तालिबान की अदला बदली

१८ फ़रवरी २०१४

अफगानिस्तान में अपने एक सैनिक को छुड़ाने के लिए अमेरिका ग्वांतानामो बे जेल में कैद पांच तालिबान को छोड़ सकता है. इस साल के आखिर में नाटो फौज अफगानिस्तान छोड़ रही है और अमेरिका यह काम उससे पहले करना चाहता है.

Afghanistan USA Soldaten 27.12.2013
तस्वीर: Noorullah Shirzada/AFP/Getty Images

अमेरिका के आर्मी सार्जेंट बो बेर्गडाल को तालिबान ने 2009 में पकड़ लिया था. वॉशिंगटन पोस्ट ने अमेरिकी सेना के मौजूदा और पूर्व अधिकारियों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि बेर्गडाल के बदले ग्वांतानामो बे में कैद पांच तालिबान को कतर भेजा जा सकता है, जहां वे निगरानी में रहेंगे.

विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता जेन साकी ने इस मुद्दे पर जानकारी देने से इनकार कर दिया लेकिन इतना जरूर कहा कि, "इस बात में कोई शक नहीं कि हम हर रोज काम कर रहे हैं, अपनी सेना, अपनी खुफिया एजेंसी और राजनयिक तरीकों से, ताकि सार्जेंट बेर्गडाल सुरक्षित अपने घर लौट सकें." रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी बातचीत के लिए औपचारिक तौर पर तालिबान से संपर्क नहीं किया गया है. संभावना है कि बेर्गडाल को पाकिस्तानी सीमा में हक्कानी नेटवर्क की निगरानी में रखा गया है.

दुनिया की सबसे बदनाम ग्वांतानामो जेलतस्वीर: picture-alliance/dpa

जनवरी में अमेरिकी सेना को ऐसा वीडियो मिला है, जिससे साबित होता है कि सार्जेंट बेर्गडाल जीवित हैं. तीन साल में यह पहला वीडियो है. तालिबान के कब्जे में वह इकलौते अमेरिकी सैनिक हैं. बेर्गडाल 2009 में अफगानिस्तान के पकतिका प्रांत में एक सैनिक अड्डे से अचानक गायब हो गए. बाद में तालिबान ने दावा किया कि वह उनके कब्जे में हैं. उन्हें छोड़ने के लिए शर्त रखी गईः 10 लाख डॉलर और 21 कैदियों की रिहाई.

अमेरिका ने इससे पहले भी ग्वांतानामो जेल के कैदियों से बेर्गडाल की अदला बदली करने की कोशिश की थी लेकिन तब यह काम नहीं हो पाया. दो साल पहले की डील के मुताबिक अमेरिका एक एक तालिबान को छोड़ना चाहता था, जिस पर तालिबान राजी नहीं थे. लेकिन ताजा प्रस्ताव के मुताबिक पांचों तालिबान को एक साथ छोड़ा जा सकता है. 2014 के आखिर में नाटो सेना अफगान धरती खाली कर देगी. लेकिन अफगानिस्तान और अमेरिका के बीच हुए समझौते के मुताबिक इसके बाद भी करीब 10,000 अमेरिकी सैनिक वहां बने रहेंगे.

एजेए/एमजे (एएफपी)

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