यूएन महासचिव बान की मून ने सीरिया में यूएन काफिले पर हुए हमले को "कुत्सित, बर्बर और साफ तौर पर जानबूझकर किया गया" बताया. सीरियाई लोगों के लिए मदद ले जा रहे इस काफिले के 21 लोगों की जान चली गई.
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संयुक्त राष्ट्र ने सीरिया भेजी जाने वाली सभी तरह की मानवीय मदद को फिलहाल स्थगित कर दिया है. सोमवार शाम उत्तरी अलेप्पो में उनके लिए मदद ले जा रहे काफिले पर हवाई हमला हुआ, जिसमें 21 लोगों की मौत हो गई और कुल 31 में से 18 ट्रकों में जा रही सारी सामग्री तबाह हो गई. इस हमले को अमेरिका ने या तो रूस या फिर सीरियाई शासन का काम बताया है.
व्हाइट हाउस के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बेन रोड्स ने कहा, "हमें मिली सारी जानकारी इस ओर इशारा करती है कि यह एक हवाई हमला था. जिसका अर्थ हुआ कि इसके जिम्मेदार दो ही तरह के लोग हो सकते हैं, सीरियाई शासन या फिर रूसी सरकार."
रोड्स के आरोपों को मॉस्को और दमिश्क दोनों ने खारिज किया है. रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने किसी तरह के बम हमले से इनकार किया है और इसके लिए अपने पास ड्रोन कैमरों से दर्ज हुए वीडियो फुटेज होने की बात कही है. प्रवक्ता कोनासेंकोव ने कहा, "वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि एक लार्ज-कैलिबर मोर्टार लिए आतंकवादी (विद्रोही) ट्रक काफिले से साथ साथ जा रहा है."
सीरियाई सरकार की मदद से यूएन, रेड क्रॉस, सीरियाई रेड क्रिसेंट तीनों संस्थाओं ने मिलकर मदद का काफिला भेजा था. यूएन का कहना है कि इसे युद्ध अपराध माना जा सकता है. महासचिव बान की मून ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा, "लोगों की जान बचाने वाली मानवीय मदद ले जा रहे लोग हीरो थे... जिन्होंने उन पर हमला किया वो कायर."
एक हफ्ते तक चले संघर्षविराम के खत्म होने के कुछ ही घंटे बाद काफिले पर यह हमला हुआ. अमेरिका और रूस की सहमति से हुए संघर्षविराम के खत्म होने के बाद से ही अलेप्पो और आसपास के इलाकों में हवाई हमले हो रहे हैं. देश के उत्तर में भी जमीनी युद्ध की खबरें हैं.
अमेरिका में महासभा की बैठक के दौरान 'इंटरनेशनल सीरिया सपोर्ट ग्रुप' के विदेश मंत्री युद्धविराम संधि पर सहमति बनाने का प्रयास कर रहे हैं. ग्रुप ने कहा है कि "मानवीय आपूर्ति की बेरोक, सुरक्षित और निरंतर" खेप पहुंचाने के लिए ये जरूरी है. इस ग्रुप में बीस देशों के दूत शामिल हैं और वे इस मुद्दे पर शुक्रवार को फिर मिलेंगे. एक हफ्ते चले संघर्षविराम के दौरान सीरिया में हिंसा कुछ कम हुई और कुछ लाख लोगों तक थोड़ी मदद भी पहुंचाई जा सकी.
तीन महीने तक भुखमरी से जूझने के बाद जनवरी 2016 में सीरियाई शहर मदाया को मानवीय मदद पहुंचनी शुरू हुई. देखिए सरकार समर्थित सेना से घिरे मदाया की बदहाली के सबूत.
भुखमरी में लिपटा शहर मदाया
तीन महीने तक भुखमरी से जूझने के बाद आखिरकार सीरियाई शहर मदाया को मानवीय मदद पहुंचनी शुरू हुई. सरकार समर्थित सेना से घिरे मदाया की बदहाली बयान करती तस्वीरें.
तस्वीर: Aktivisten aus Madaja
शहर में फंसे लोग
सीरिया में जारी गृहयुद्ध के चलते विद्रोहियों और आईएस कट्टरपंथियों ने मदाया पर कब्जा कर रखा है. शहर की सीमा को सरकार समर्थित सेना ने घेरा हुआ है. मदाया तक खाने पीने की सामग्री के नहीं पहुंच पाने के कारण लोग घास और पत्तियां तक खाने को मजबूर हो गए.
तस्वीर: Aktivisten aus Madaja
पानी और नमक
मदाया से आई तस्वीरों में लोगों की बदहाली साफ झलकती है. कई लोग कचरे में से खाने पीने की चीजें ढूंढने को मजबूर हो गए. माओं ने दूध की जगह बच्चों को पानी में नमक घोलकर पिलाया.
तस्वीर: Aktivisten aus Madaja
भीषण भुखमरी
5 जनवरी 2016 के एक वीडियो से ली गई इस बच्चे की तस्वीर इसकी भूख और प्यास को खुलकर बयान करती है. ठंड बढ़ जाने के कारण परेशानियां और बढ़ गई हैं.
तस्वीर: Reuters
बच्चों को कष्ट
बड़ों के युद्ध में अक्सर बच्चे, बूढ़े और महिलाएं शिकार बनने हैं. सितंबर से कोई बाहरी मदद ना पहुंच पाने के कारण मदाया में बुरा हाल रहा. यह तस्वीर फ्रांस में सीरियाई विद्रोहियों से उपलब्ध हुई. डीडब्ल्यू ने इनकी पुष्टि नहीं की है.
तस्वीर: Aktivisten aus Madaja
मानवीय त्रासदी
सीरिया में घास की रोटी खाने को मजबूर हुए लोगों की तस्वीरें देखकर दुनिया भर में रोष की लहर है. अंतरराष्ट्रीय समूह इसे मानवीय तबाही का दर्जा दे रहे हैं.
तस्वीर: Aktivisten aus Madaja
विरोध की लहर
यह तस्वीर सीरियाई शहर इदलिब की है जहां लोग मदाया मदद पहुंचाने की गुहार के साथ ही ग्रह युद्ध के संकट के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं.
तस्वीर: picture-alliance/AA/F. Faham
मदद कैसे पहुंचती
मदाया से निकल भागने की कोशिश में कई लोग गोलियों का शिकार हुए और मारे गए. सरकार समर्थित सेना ने जुलाई से शहर के चारों तरफ बाड़ लगा रखी है. सीमाएं बंद होने के कारण शहर में मदद का पहुंचना मुश्किल हो गया.
तस्वीर: picture alliance/dpa/P. Krzysiek
पहुंची मदद
सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद से अनुमति मिलने के बाद वर्ल्ड फूड प्रोग्राम, रेड क्रॉस और रेड क्रेसेंट की तरफ से मदद पहुंचनी शुरू हुई.
तस्वीर: Getty Images/AFP/L. Beshara
अन्य शहरों को मदद
सिर्फ मदाया ही नहीं सीरिया के अन्य शहरों फुआ और कफराया में भी भोजन और दवाओं की सख्त जरूरत है. सालों से जारी ग्रह युद्ध ने सीरिया को तबाह करके रख दिया है.