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अमेरिका ने पाकिस्तान को करोड़ों डॉलर की मदद रोकी

१० जुलाई २०११

अमेरिका में राष्ट्रपति बराक ओबामा प्रशासन पाकिस्तान को 80 करोड़ डॉलर की मदद रोकने का फैसला किया है. पाकिस्तान और अमेरिका के दरकते रिश्तों को एक और झटका. पाकिस्तान के बर्ताव का हवाला देते हुए अमेरिका ने मदद रोकी है.

तस्वीर: AP

व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ बिल डेली ने एबीसी टेलिविजन को बताया कि पाकिस्तान ने कुछ ऐसे कदम उठाए हैं जिससे अमेरिका ने मदद रोकने का फैसला किया है. अमेरिका के मुताबिक अमेरिकी सैन्य कार्रवाई में ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद से पाकिस्तान में कई हलकों में बेहद नाराजगी है. 2 मई को अमेरिकी सेना के विशेष दस्ते ने एबटाबाद में ओसामा बिन लादेन को मार गिराया.

अमेरिकी चैनल एबीसी के एक कार्यक्रम में बिल डेली ने माना कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान एक अहम साथी रहा है और वह भी आतंकवाद से पीड़ित है. अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ रिश्तों को बेहद जटिल और मुश्किल बताया है. अमेरिका ने कहा है कि जब तक पाकिस्तान के साथ ये मुश्किलें सुलट नहीं जाती तब तक मदद रोकी जाएगी.

तस्वीर: AP

इससे पहले अमेरिकी अखबार न्यू यॉर्क टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा कर दिया था कि अमेरिका पाकिस्तान को दी जाने वाली 80 करोड़ डॉलर की मदद रोक सकता है. "सैन्य साजोसामान और उपकरण खरीदने के लिए अमेरिका पाकिस्तान को सालाना 2 अरब अमेरिकी डॉलर से ज्यादा की मदद देता है. इस मदद के एक तिहाई हिस्से यानी 80 करोड़ डॉलर पर असर पड़ सकता है."

आतंकवाद से लड़ने के लिए पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से लगी सीमा पर एक लाख से ज्यादा सैनिकों को तैनात किया है और उसके एवज में पाकिस्तान को 30 करोड़ डॉलर की सहायता राशि दी जाती है.

पेंटागन, ओबामा प्रशासन सहित कई अन्य अहम अधिकारियों के हवाले से न्यू यॉर्क टाइम्स ने लिखा है कि सैनिकों की तैनाती, ट्रेनिंग और सैन्य उपकरण के लिए मदद को रोका जा सकता है.

अखबार के मुताबिक इस मुद्दे पर ओबामा प्रशासन में बहस से पता चलता है कि आतंकवाद के विरूद्ध लड़ाई में अमेरिका के अहम सहयोगी देश के रुख में परिवर्तन लाने पर कितना विचार विमर्श चल रहा है. पाकिस्तान को अमेरिकी मदद रोके जाने के मंडराते खतरे की खबर ऐसे समय में आई है जब कुछ ही दिन पहले अमेरिकी सेना प्रमुख एडमिरल माइक मुलन ने कहा कि पाकिस्तानी पत्रकार की हत्या के तार सरकार तक जुड़े हुए हैं.

तस्वीर: AP

पाकिस्तान सेना में अल कायदा की कथित घुसपैठ को अपनी रिपोर्टों के जरिए सामने लाने वाले पत्रकार सलीम शहजाद की कुछ समय पहले हत्या कर दी गई. शहजाद की हत्या के बाद आरोप लगे कि खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ है क्योंकि सलीम शहजाद ऐसी रिपोर्टें लिख रहे थे जो पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठान के लिए शर्मिंदगी का सबब बन रही थीं. अमेरिका ने इस हत्या पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है.

जब गुरुवार को एडमिरल माइक मुलन से पूछा गया कि मीडिया में ऐसी रिपोर्टें हैं कि सलीम शहजाद की हत्या के पीछे पाकिस्तान सरकार का हाथ हो सकता है तो उन्होंने कि अब तक ऐसे तथ्य सामने नहीं आए हैं जिनके आधार पर कहा जा सके कि ऐसी मीडिया रिपोर्टें गलत हैं. हालांकि आईएसआई ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ए जमाल

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