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अमेरिका ने लीबिया में ड्रोन विमान भेजे

२२ अप्रैल २०११

अमेरिका ने लीबिया में मुअम्मर गद्दाफी समर्थक सेना के खिलाफ ड्रोन विमानों का इस्तेमाल शुरू कर दिया है. पश्चिमी देशों की हवाई हमले बढ़ाने की चेतावनी के बावजूद मिसराता में गद्दाफी की सेना के विद्रोहियों पर हमले जारी हैं.

Libyan rebel fighters drive by a previously-destroyed pro-Gadhafi forces tank as they make their way to the frontline, on the outskirts of Ajdabiya, Libya, Wednesday, April 20, 2011. Moammar Gadhafi's loyalists shelled the Nafusa mountain area and clashed with opposition forces in the besieged coastal city of Misrata Wednesday, rebels said, as the Libyan leader also sought to quell resistance in the western part of the country that is largely under his control. (Foto:Bernat Armangue/AP/dapd)
तस्वीर: dapd

विद्रोहियों ने अमेरिका के ड्रोन विमान इस्तेमाल करने के फैसले का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि इससे नागरिकों की सुरक्षा होगी. मिसराता में डॉक्टरों ने कहा कि गुरुवार को संघर्ष में नौ लोगों की मौत हुई.

अमेरिकी रक्षा मंत्री रॉबर्ट गेट्स ने वॉशिंगटन में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मानवरहित ड्रोन विमानों के इस्तेमाल की अनुमति दे दी है और वह अभियान में शामिल भी हो चुके हैं.

मौसम की मार

अमेरिका के जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के उपाध्यक्ष जेम्स कार्टराइन ने कहा कि गुरुवार को पहले दो प्रिडेटर लीबिया भेजे गए लेकिन खराब मौसम के कारण उन्हें लौटना पड़ा.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

पाकिस्तान के पश्चिमोत्तर इलाके में अमेरिका काफी समय ड्रोन हमले कर रहा है. खासकर ऐसे इलाकों में जहां जमीन पर सैनिक नहीं हैं, मानव रहित ड्रोन विमान ही अमेरिका का हथियार हैं. वे हवा में बिना किसी को नजर आए, मिसाइल हमले कर सकते हैं.

विद्रोहियों के प्रवक्ता अब्देल हाफिर घोगा ने अल जजीरा टीवी को बताया, "इसमें कोई शंका नहीं कि इससे नागरिकों की रक्षा होगी. हम अमेरिकी प्रशासन के इस कदम का स्वागत करते हैं."

अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन कह चुकी हैं कि गद्दाफी की सेना मिसराता पर 'क्रूर तरीके' से हमले कर रही है और शायद क्लस्टर बमों का इस्तेमाल भी किया गया.

फ्रांस, ब्रिटेन सलाहकार भेजेंगे

मिसराता में अस्पताल घायलों से भरे हुए हैं. विद्रोही सलमान अल मुबारक ने बताया कि लड़ाकों का एक दल जब सेना के कब्जे वाली इमारत में घुसने की कोशिश कर रहा था तो उस पर भारी गोलीबारी हुई. मुबारक ने बताया, "हमें अचानक समझ में आया कि हमें चारों ओर से घेर लिया गया है. इमारत में शायद कई सरकारी सैनिक थे."

फ्रांस ने कहा है कि वह 10 सैन्य सलाहकार लीबिया भेजेगा. ब्रिटेन एक दर्जन सैनिकों को वहां भेजेगा ताकि विद्रोहियों का संगठन और काम बेहतर किया जा सके. वहीं इटली ने कहा है कि वह सैन्य ट्रेनिंग देने के लिए एक छोटी टीम भेजेगा.

लीबिया की सरकार ने ऐसी किसी भी कार्रवाई के खिलाफ चेतावनी दी है और कहा है कि अगर पश्चिमी देशों ने यहां कदम रखा तो कार्रवाई तेज कर दी जाएगी. वहीं रूसी विदेश मंत्री सर्गई लावरोव ने कहा है कि रूस लीबिया के ताजा घटनाक्रम पर खुश नहीं है. लावरोव ने चेतावनी दी कि विदेशी सेना की वहां मौजूदगी के नतीजों का अनुमान नहीं लगाया जा सकता.

लीबिया की चेतावनी

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने लीबियाई अधिकारियों से अपील की है कि वे लड़ाई छोड़ दें. वहीं फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोला सारकोजी ने कड़ी सैन्य कार्रवाई की बात कही है. फ्रांस के रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि उन्होंने पिछले हफ्ते अपने हवाई आक्रमणों को बढ़ा कर 41 कर दिया.

लीबिया ने गुरुवार को विद्रोहियों से शांति वार्ता की अपील की लेकिन साथ ही कहा कि नाटो सेना का नागरिकों को हमले के लिए तैयार करना खतरे की घंटी है. सरकार के प्रवक्ता मूसा इब्राहिम ने कहा कि नाटो के संभावित हमले से लड़ने के लिए कई शहर तैयार हैं. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि विदेशी कर्मचारियों को ले जाने के लिए आए जहाजों का सरकार स्वागत करती है. लेकिन वह सैनिक आवरण में दबी अंतरराष्ट्रीय मानवीय सहायता को कतई स्वीकार नहीं करेंगे.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम

संपादनः वी कुमार

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