पाकिस्तान ने अमेरिका पर 'भारत की भाषा बोलने' का आरोप लगाया. उसका कहना है कि भारत की तरफदारी कर अमेरिका क्षेत्र में असंतुलन पैदा कर रहा है.
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पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) नसीर खान जांजुआ ने कहा कि अमेरिका, अफगानिस्तान में भारत को एक बड़ी भूमिका देने के लिए तैयार है, जबकि वह इस क्षेत्र में अपनी असफलता के लिए पाकिस्तान को दोष देता है.
पाकिस्तानी अखबार 'डॉन' ने एनएसए के हवाले से कहा, "अमेरिका ने भारत को पाकिस्तान के मुकाबले स्पष्ट तौर पर प्राथमिकता दी है, जबकि भारत पाकिस्तान के साथ परंपरागत युद्ध की लगातार धमकी दे रहा है."
उन्होंने कहा, "अमेरिका ने पाकिस्तान पर हक्कानी नेटवर्क और तालिबान के साथ संबंध रखने का आरोप लगाया, जबकि असल में पाकिस्तान ने जब से अमेरिका के साथ अपनी सेना का गठबंधन किया, तभी से वह आतंकवाद का सामना कर रहा है. पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में भारी कीमत चुकाई है, लेकिन दुनिया ने इस नुकसान को कभी स्वीकार नहीं किया."
पाकिस्तान में बैन इंडियन प्रोडक्ट्स
एक जैसा खाना, एक जैसी संस्कृति इसके बावजूद ना के बराबर कारोबार. पाकिस्तान में 1,000 से ज्यादा भारतीय प्रोडक्ट्स बैन हैं. देखिये कैसी कैसी चीजों पर है बैन.
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टूथपेस्ट
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डायपर, पट्टी
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नोटबुक, डायरी, फोल्डर, फाइल
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पेंसिल
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पेन, निप, रिफिल
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पेंसिल शार्पनर
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सर्जरी का सामान
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आई ड्रॉप्स
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किचन का सामान
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फ्रूट मिक्सर
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कॉफी या टी मेकर
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ट्रैक्टर
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पेटी और हर तरह के बॉक्स
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सूटकेस
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कई तरह का कागज
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टॉयलेट पेपर
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तौलिये, रूमाल
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जूते और सैंडल
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टाइल्स
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एलईडी बल्ब
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कई खेलों का सामान
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ब्लेड, रेजर
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चरखी
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ऑटोमोबाइल
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गाड़ियों के पार्ट्स
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साइकिल और उसके पार्ट्स
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प्लास्टिक के कंगन
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परफ्यूम
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चमड़े का सामान
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वॉश बेसिन, सिंक और बाथ टब
(स्रोत: पीके रेवेन्यू)
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जांजुआ ने दावा किया कि अमेरिका चीन-पाकिस्तान आर्थिक कोरिडोर का भी विरोध करता है. चीन पाकिस्तान में अरबों डॉलर का निवेश कर रहा है, जिसके तहत पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को चीन के कशगर शहर से जोड़ा जाएगा. यह कोरिडोर चीन की महत्वाकांक्षी 'वन बेल्ट वन रोड' परियोजना का हिस्सा है जिसके तहत चीन पूरी दुनिया को रेलवे, सड़क और समुद्री मार्ग से जोड़ कर व्यापार के प्राचीन सिल्क रूट को पुर्जीवित करना चाहता है. भारत इस परियोजना के खिलाफ है. लेकिन हाल ही में दिल्ली में रूस के विदेश मंत्री ने भारत से इस परियोजना में शामिल होने को कहा.
चााइनीज सीखते पाकिस्तान के लोग
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दूसरी तरफ, अमेरिका के साथ भारत के संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं, जिन्हें लेकर पाकिस्तान अकसर चिंतित दिखता है. जंजुआ ने कहा, "अमेरिका इस क्षेत्र में असंतुलन पैदा कर यह सुनिश्चित करना चाहता है कि इस क्षेत्र में चीन की वृद्धि न हो और न ही रूसी ताकत फिर से मजबूत हो."
चीन जहां पाकिस्तान का पारंपरिक सहयोगी रहा है, वही रूस के साथ पाकिस्तान के रिश्ते धीरे धीरे बेहतर हो रहे हैं. दशकों तक भारत का करीबी सहयोगी रहने वाला रूस क्षेत्र के अन्य देशों के साथ अपने संबंधों को विस्तार दे रहा है. हाल के समय में उसने न सिर्फ अफगानिस्तान में सक्रियता दिखाई है बल्कि पाकिस्तान के साथ भी संबंधों पर नए सिरे विचार करना शुरू किया है.
--आईएएनएस
चीन की मदद से पाकिस्तान में सर्कुलर रेलवे
बीस साल पहले बंद हो चुके कराची सर्कुलर रेलवे को दोबारा खोलने के लिए पाकिस्तान प्रशासन चीन की मदद ले रहा है. चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के नाम पर चीन इस प्रोजेक्ट में अपने 1.7 अरब यूरो लगा रहा है.
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रुक गया था संपर्क
सन 1999 तक कराची सर्कुलर रेलवे का सार्वजनिक परिवहन तंत्र दक्षिणी पोर्ट सिटी के उपनगरीय इलाके को बाकी औद्योगिक और आर्थिक क्षेत्रों से जोड़ता था. दो करोड़ की आबादी के साथ पाकिस्तान के सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले शहर कराची में सार्वजनिक परिवहन की कोई व्यवस्था नहीं है.
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अस्त व्यस्त और प्रदूषित
एक बार प्रोजेक्ट पूरा हो जाने पर फिलहाल ऐसी धूल धुसरित और अस्त व्यस्त सी दिखने वाली सड़कों की शक्ल बदल जाएगी. इससे शहर के अव्यवस्थित यातायात और भीषण वायु प्रदूषण को काबू में करने में मदद मिलने की उम्मीद है.
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पटरियों पर बसेरा
पटरियां गवाही देती हैं कि कुल 43 किलोमीटर लंबे सर्कुलर रेलवे का बड़ा हिस्सा अब भी मौजूद है. हालांकि इसके बंद होने के बाद से पटरियों के ऊपर और आसपास लोगों ने रहने के लिए बस्ती बना ली.
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गिराया और फिर बनाया जाएगा
आधिकारिक आंकड़ों की मानें तो इस रूट पर करीब 5,000 घर बने हैं. कराची रेलवे की पटरियों पर लगभग 7,000 ऐसे रिहाइशी ढांचे भी हैं जिन्हें ध्वस्त करना पड़ेगा. इसमें दिक्कतें तो आएंगी ही लेकिन फिर भी इसी साल इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने की योजना है.
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निवासियों को है प्रोजेक्ट पर आपत्ति
अप्रैल 2017 में यहां के निवासियों ने इस प्रोजेक्ट के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन किये. झुग्गियों को खाली कराने के सरकार के प्रयासों का यहां कड़ा विरोध हुआ. लंबे समय से रेलवे पटरी के पास रह रहे लोगों की पुलिस के साथ झड़प हुई और उन्होंने बुलडोजरों को आग लगा दी.
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'नये सिल्क रोड' का हिस्सा
कराची का नया रेलवे रूट असल में चीन के नये सिल्क रोड का हिस्सा है. इसके लिए धन भी बीजिंग के कई अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे प्रोजेक्ट के मद से आ रहा है. (रोडियॉन एबिगहाउसेन/आरपी)