अमेरिका में उड़िए, खतरा कम है
४ सितम्बर २०१०अमेरिका में विमान यात्रा के जोखिम पर अध्ययन किया गया और यह जांचने की कोशिश हुई कि यात्रा के दौरान कितना जोखिम होता है. रिपोर्ट के नतीजों के मुताबिक कनाडा, जापान जैसे विकसित देशों में विमान यात्रा के दौरान मौत का खतरा डेढ़ करोड़ में सिर्फ एक बार ही है. लेकिन भारत और ब्राजील जैसे देशों में विमान यात्रा में ज्यादा जोखिम है यानी 20 लाख उड़ानों में मरने का खतरा एक बार है.
अफ्रीका और लातिन अमेरिका में हर आठ लाख उड़ानों में से एक उड़ान क्रैश होने का जोखिम है. यह अध्ययन एमआईटी के स्लोअन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के आर्नोल्ड बार्नेट ने तैयार किया है. रिपोर्ट तैयार करने के लिए उन्होंने हवाई सुरक्षा डाटा के नतीजों का सहारा लिया. बार्नेट के मुताबिक अफ्रीकी देश नाइजीरिया का हवाई सुरक्षा के मामले में बेहद खराब रिकॉर्ड है. "ऐसा लगता है कि हवाई यात्रा का जोखिम अब भी हर देश में एक जैसा नहीं है जो पहले भी रहा है."
बार्नेट का कहना है कि सिंगापुर और हांगकांग जैसे देशों में भी हवाई सुरक्षा विकसित देशों के बराबर नहीं है बल्कि उनका रिकॉर्ड विकासशील देशों के नजदीक बैठता है. विकसित और विकासशील देशों में हवाई यात्रा के जोखिम में अंतर होने के बावजूद अच्छी खबर यह है कि विमान यात्रा की सुरक्षा का रिकॉर्ड बेहतर हो रहा है.
बार्नेट का कहना है कि बड़े अधिकारियों के प्रति सम्मान की भावना और व्यक्तिवाद दुर्घटनाओं की वजह समझा सकती हैं. "कई देशों में अगर विमान का कैप्टन कुछ गलत करता है तो उससे जूनियर अधिकारी पूछेंगे कि आप क्या कर रहे हैं लेकिन कई देशों में ऐसा नहीं होता. कुछ देशों के पायलट समस्या को हल करने की कोशिश करते हैं. बाकी देशों के पायलट सिर्फ वही करते हैं जो उन्हें बताया जाता है."
एक समय था जब बार्नेट को विमान से सफर करने में डर लगता था और इसी वजह से उनकी इस विषय में दिलचस्पी बढ़ गई. उनका कहना है कि लोगों को विमान यात्रा से डरने की जरूरत नहीं है, फिर चाहे वे विकसित देश में यात्रा कर रहे हों या विकासशील देश में. बार्नेट मानते हैं कि अगर आप दुकान में सामान खरीदने जाएं और उसकी छत गिर जाए तो भी आप दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं. ऐसे में विमान यात्रा के बारे में चिंता करने सही नहीं है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ए जमाल