हत्या का आरोप झेल रहे दो अमेरिकी कैदी कैलिफोर्निया की जेल से भागने में कामयाब हो गए हैं. इन कैदियों ने टॉयलेट की छत में छेद बना कर खुद को आजाद करा लिया.
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21 साल के सांतोर फोनसेका और 20 साल के जोनाथन सालाजर ने जेल की छत में करीब 8 इंच लंबा और 22 इंच चौड़ा छेद कर दिया. इसके बाद गार्ड की नजरों से दूर एक कोने से जेल की दीवारों के पार चले गए. यह घटना रविवार शाम को सालिनास शहर में हुई. सालिनास के काउंटी शेरिफ कैप्टेन जॉन थोर्नबर्ग ने यह जानकारी दी.
जेल के भीतर दोनों कैदी मेंटेनेंस एरिया में नालियों और पाइपों से होकर पहुंच गए. इसके बाद वो एक दरवाजे तक पहुंचने और उसे खोलने में कामयाब हो गए. यहां से निकलने के बाद वो इमारत के बाहर थे. फिर वो बाहरी चारदीवारी के पास पहुंचे जहां सिर्फ कंक्रीट की दीवार थी जिसके आस पास ना तो कांटेदार बाड़ थी ना ही कोई सेंसर. यहां से वह दीवार फांद कर जेल के बाहर चले गए.
शेरिफ जॉन थोर्नबर्ग ने कहा है, "हम उन्हें खतरनाक मानते हैं." उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि अगर कोई उन्हें देखे या किसी को इसके बारे में जानकारी मिले तो वह अधिकारियों को जरूर इसकी सूचना दे. जांच अधिकारी अभी यह नहीं जान सके हैं कि छत को काटने में उन्हें कितना वक्त मिला या फिर यह कि क्या किसी ने उन्हें भागने में मदद दी है. इस शहर में करीब 160,000 लोग रहते हैं जो सैन फ्रांसिस्को से करीब 160 किलोमीटर दूर दक्षिण में है. रविवार सुबह आठ बजे उनके गायब होने की जानकारी मिली.
इस जेल से पांच साल पहले भी एक कैदी फरार हो गया था. वह जेल के दूसरी सेल से हवा आने के लिए बनाए रास्ते पर चढ़ कर निकल भागा था.
फोंसेका और सालाजार पिछले एक साल से जेल में थे उन पर हत्या और कई दूसरे मामलों में बड़े आरोप हैं. फोंसेका पर 37 साल के लोरेंजो गोमेज अकोस्टा की गोली मार कर हत्या करने का आरोप है. स्थाानीय अखबार के मुताबिक अकोस्टा उस वक्त कार में बैठ कर मेक्सिको में मौजूद अपनी बीवी से वीडियो कॉल पर बात कर रहा था. उसकी बीवी ने उनके बीच हुई झड़प और अपने पति को चीखते देखा उसके बाद गोलियों की आवाज आई.
फोंसेका का कहना है कि उसके गैंग के लीडर ने उससे अपनी वफादारी साबित करने के लिए किसी की हत्या करने को कहा था. अकोस्टा को बिना किसी वजह के ही बस यूं ही चुन लिया गया था. यह घटना 2 जून 2018 की है इसके तीन दिन बाद ही फोंसेका ने 27 साल के अरनेस्टो गार्सिया क्रूज को गोली मार दी. फोंसेका के मुताबिक इस हत्या का आदेश भी उसके गैंग के सरगना ने ही दिया था.
दुनिया की सबसे खतरनाक जेल
जेल का नाम सुनते ही ऐसी तस्वीर मन में उभरती है जहां से निकल पाना मुश्किल है लेकन शातिर अपराधी जेल तोड़ने की तरकीबें निकालते रहते हैं. यहां देखिए दुनिया की उन जेलों को जहां से निकल पाना अपराधियों के लिए नामुमकिन सा है.
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एडीएक्स फ्लोरेंस सुपरमैक्स, अमेरिका
490 बिस्तरों वाला जेल परिसर 37 एकड़ में फैला है. मुख्य रूप से जमीन के ऊपर है. 7 गुना 12 फीट की हर कोठरी में टीवी के अलावा, टॉयलेट, शॉवर, बिस्तर और एक टेबल है. सबकुछ कंक्रीट का बना है. बाहर देखने वाली खिड़की महज कुछ इंच की है. पूरे परिसर में रिमोट कंट्रोल वाले 14,000 दरवाजे हैं, कैदी हर वक्त हरकत पकड़ने वाले कैमरे की निगाह में रहते हैं.
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क्विनचेंग प्रिजन, चीन
चीन की राजधानी बीजिंग के चांगपिंग इलाके की यह जेल रूस के सहयोग से 1958 में बनाई गई थी. 20 वर्गमीटर की कोठरियों में फर्नीचर के नाम पर सिर्फ बिस्तर है. दरवाजे लकड़ी के बने हैं जिनमें दोनों तरफ लोहे की पट्टियां हैं. खाना कमरे में ही दिया जाता है और कैदी कसरत करने के लिए हर इमारत के सामने बने खास यार्ड में जाते हैं.
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एचएमपी बेलमार्श, यूके
दक्षिण पूर्व लंदन में मौजूद यह जेल 1991 में शुरू हुई. आमतौर पर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल लोगों को यहां हिरासत में रखा जाता है. इसे ग्वांतानामो बे का ब्रिटिश संस्करण कहा जाता है. यहां 60 फीसदी कैदी दूसरे कैदियों के साथ जबकि 40 फीसदी अकेले रहते हैं. जेल में पढ़ाई के साथ ही खेलकूद, कसरत और कई तरह के प्रशिक्षण भी दिए जाते हैं.
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कैम्प डेल्टा, अमेरिका
कैम्प डेल्टा ग्वांतानामो बे में अमेरिका की एक स्थायी जेल है जहां. यहां 2002 में पहला कैंप बनाया गया था. यहां कैदियों को हिरासत में रखने के लिए छह अलग अलग कैम्प हैं जिनके अलग अलग नाम हैं. जेल के कैदियों के अधिकार बहुत अनिश्चित और सीमित हैं क्योंकि यह जेल अमेरिकी जमीन पर नहीं. कैदियों के साथ अक्सर ज्यादती और दुर्व्यवहार की शिकायतें आती हैं.
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फेडरल करेक्शनल कंप्लेक्स, अमेरिका
अमेरिका की यह संघीय जेल इंडियाना राज्य में है. यहां पुरुष कैदियों को रखा जाता है. जेल में अलग तरह की सुरक्षा व्यवस्था के साथ हर तरह के कैदियों के लिए अलग व्यवस्था है. ज्यादा खतरनाक कैदियों को अकेले रखा जाता है जहां वो 23 घंटे निगरानी में रहते हैं. बाकी बचे समय में वो बस खाना खाने और कसरत के लिए साथ आते हैं.
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आर्थर रोड जेल, भारत
मुंबई की इस जेल को 1994 में सेंट्रल जेल का दर्जा मिला लेकिन 1926 में बनी इस जेल को लोग अब भी इसी नाम से जानते हैं. 2 एकड़ में फैली 800 कैदियों की क्षमता वाली जेल में अमूमन 2000 कैदी रहते हैं. फरार कारोबारी विजय माल्या को लंदन से प्रत्यर्पण के बाद इसी जेल की एक कोठरी में रखने की तैयारी है.
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फुशु प्रिजन, जापान
फुशु शहर में मौजूद जापान की सबसे बड़ी इस जेल में दूसरे विश्व युद्ध के खत्म होने से पहले कम्युनिस्ट नेताओं, प्रतिबंधित धार्मिक नेताओं और कोरियाई स्वतंत्रता सेनानियों को रखा जाता था. करीब 56 एकड़ में फैली जेल में 2000 से ज्यादा कैदी रहते हैं. यहां विदेशी, मानसिक रोगी, विकलांग और आम कैदियों को अलग अलग रखा जाता है.
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ला सांते प्रिजन, फ्रांस
पेरिस के इलाके में मौजूद इस कुख्यात जेल में आम अपराधियों के साथ ही कुछ मशहूर हस्तियों ने भी दिन काटे हैं. कोठरियां 4 मीटर लंबी, 2.5 मीटर चौड़ी और तीन मीटर ऊंची हैं. जेल में कुल 2,000 कैदियों को रखने की व्यवस्था है. यह वो जगह है जहां फ्रांस में कभी सार्वजनिक मौत की सजा भी दी गई थी.
100 साल से ज्यादा पुरानी यह जेल पहले सेना के लिए बनाई गई थी. अत्याधुनिक सुरक्षा उपायों और तकनीक से लैस जेल सैन फ्रांसिस्को की खाड़ी में है. चारों ओर फैला ठंडा समुद्री पानी कैदियों के लिए यहां से भाग पाना नामुमिकन बनाता है. 1963 में इसे बंद कर म्यूजियम में तब्दील कर दिया गया.
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सालाजार को 20 साल के खाइम मार्टिनेज की गोली मार कर हत्या करने के लिए गिरफ्तार किया गया था. उस वक्त वह अपनी गर्लफ्रेंड और 18 माह के बेटे के साथ कार से जा रहा था. उसकी गर्लफ्रेंड को भी गोली लगी थी और उसका इलाज किया गया लेकिन बच्चे को कोई नुकसान नहीं पहुंचा.
पुलिस की शुरुआती जांच के मुताबिक यह हत्या भी गैंग से जुड़ी थी. शेरिफ के दफ्तर ने इन दोनों के बारे में जानकारी देने वालों के लिए 5000 डॉलर के इनाम का भी एलान किया है.