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अमेरिका में तय हुआ दो साल का बजट

११ दिसम्बर २०१३

अमेरिकी कांग्रेस ने सरकारी बजट पर तीन साल से चले आ रहे अस्थिरता के दौर को खत्म करते हुए नई बजट राशि का एलान किया है. वॉशिंगटन में सरकार और विपक्ष इस फैसले पर पहुंचे ताकि भविष्य में सरकार का कामकाज रूकने की नौबत न आए.

तस्वीर: AP

इसी साल अक्तूबर में सरकारी बजट पर कोई फैसला न आने की वजह से बहुत से सरकारी विभागों में कामकाज ठप्प पड़ गया था. मंगलवार को वॉशिंगटन में हुए इस समझौते में 2014 और 2015 के लिए 85 अरब डॉलर का वार्षिक बजट तय किया गया है जो वर्तमान बजट सीमा से थोड़ा ऊपर है. अगर इस समझौते को जल्दी स्वीकार नहीं किया जाता है तो जनवरी में फिर से कई सरकारी विभाग मुश्किल में पड़ सकते हैं. अक्तूबर में 16 दिनों तक कुछ अमेरिकी सरकारी विभागों में कामकाज रूकने के बाद प्रशासन जिस समझौते पर पहुंचा था उसकी समयसीमा 15 जनवरी को खत्म होनी है. इसके पहले नए बजट का पास होना बहुत जरूरी है. 1986 के बाद ये पहला मौका है जब एक बंटी हुई कांग्रेस साथ मिलकर किसी समझौते पर पहुंची है.

ओबामाः समझौता एक अच्छा संकेत हैतस्वीर: REUTERS

स्थायी योजना की जरूरत

अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने बजट पर जारी गतिरोध दूर होने को एक अच्छी शुरुआत बताते हुए कांग्रेस से इसे जल्दी से जल्दी पारित करने की अपील की है. ओबामा ने कहा," ये अच्छे संकेत हैं कि डेमोक्रैट्स और रिपब्लिकन्स दोनों कांग्रेस में इस पर सहमत हैं और साथ ही ऐसा फैसला लेने से बचे हैं जिसमें दूरदर्शिता न हो और जिससे वित्तीय संकट और बढ़े."

प्रतिनिधि सभा यानी हाउस ऑफ रिप्रेसेंटेटिव्स के स्पीकर जॉन बोनर ने समझौते का समर्थन करते हुए कहा कि सरकारी खर्चे में एक बार ही कटौती करने की बजाए इसके लिए कोई स्थायी कार्यक्रम होना चाहिए जिससे सचमुच बचत हो.

अक्तूबर में कई सरकारी विभाग बंद हो गए थेतस्वीर: MLADEN ANTONOV/AFP/Getty Images

'गैरजिम्मेदार' सरकार

जहां एक ओर इस समझौते को हाउस ऑफ रिप्रेसेंटेटिव्स के रिपब्लिकन्स का समर्थन मिल रहा है वहीं कुछ रूढ़िवादी इसका विरोध भी कर रहे हैं. इस प्रस्ताव को पास करने के लिए डेमोक्रैट पार्टी को भी साथ लाना होगा. ऐसे में ओबामा के समर्थन को देखते हुए बाकी डेमोक्रैट्स प्रस्ताव के पक्ष में आ सकते हैं.

प्रस्ताव का विरोध करने वालों का मानना है कि सरकार बहुत ही गैरजिम्मेदार तरीके से आगे बढ़ रही है और जितना पैसा ला रही है, उससे ज्यादा खर्च कर रही है. सीनेटर मार्को रूबियो ने कहा कि देश को एक ऐसी सरकार की जरूरत है जो कर्ज कम कर सके और ज्यादा से ज्यादा अच्छी नौकरियां लाए. रूबियो का मानना है कि ये बजट इन दोनों ही मापदंडों पर खरा नहीं उतरता है.

आरआर/ एमजी (एएफपी, रॉयटर्स)

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