अमेरिका में भर गए भारतीय
१० जून २०१०इस तरह अमेरिका में रहने वाले प्रवासियों में भारतीय मूल के लोग तीसरे नंबर पर पहुंच गए हैं. एनआरआई लोगों की पहली पसंद अमेरिका और ब्रिटेन ही होती है.
अमेरिका में प्रवासी मामलों के संस्थान माइग्रेशन पॉलिसी इंस्टीट्यूट का कहना है कि साल 1990 और 2000 के बीच अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी. 2007-08 में चीन और हांग कांग के लोगों के पीछे छोड़ते हुए भारतीय मूल के लोग अमेरिका जाने वालों में अव्वल रहे.
रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी राज्य कैलिफॉर्निया और न्यू जर्सी में भारतीय मूल के लोग सबसे ज्यादा हैं. कैलिफॉर्निया में करीब 19 फीसदी आबादी भारतीय मूल के लोगों की है. आठ साल में कई अमेरिकी राज्यों में भारतीय मूल के लोगों की संख्या दोगुनी हो गई है.
रिपोर्ट से यह बात भी सामने आई है कि विदेशों में पैदा हुए भारतीय मूल के बच्चे अन्य समुदायों के बच्चों की तुलना में ज्यादा पढ़े लिखे होते हैं. औसतन तीन चौथाई भारतीय परिवारों के बच्चे ग्रेजुएट या और ऊंची पढ़ाई करते हैं. एक तिहाई भारतीय अमेरिकन इनफॉरमेशन टेक्नॉलजी सेक्टर में काम करते हैं. करीब 63 फीसदी भारतीय अंग्रेजी में माहिर हैं.
अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के लोग वहां से दूसरे देशों की तरफ भी गए हैं. ब्रिटेन, पूर्वी अफ्रीका, कनाडा और कैरेबियाई देश उनके पसंदीदा ठिकाने बन रहे हैं. हालांकि विश्व बैंक मानता है कि भारत की जनसंख्या को देखते हुए यह नहीं कहा जा सकता कि अमेरिका में भारतीय मूल के लोग बहुत ज्यादा है. अमेरिका में आगरा की आबादी से भी कम भारतीय रहते हैं.
वैसे भारतीय लोगों का प्रभाव अमेरिका की संस्कृति पर भी पड़ा है. ब्रिटेन और कनाडा के बाद अब अमेरिकी पर्यटक बड़ी तादाद में भारत आते हैं. अमेरिका के बड़े बड़े शहरों में योग और भारतीय खाने पीने के रेस्तरां आसानी से मिल जाते हैं. मिलनसार विदेशी लोग अब काफी हद तक मुस्कुराकर नमस्ते भी कहते हैं.
रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह
संपादन: ए जमाल