अमेरिका में एक अनोखा मुकदमा शुरू हो गया है जिसमें झगड़ा जमीन का नहीं आसमान का है. यानी आपका घर जिस जमीन पर बना है, वह तो आपकी है लेकिन उसके ऊपर के आसमान पर आपका अधिकार है या नहीं?
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बात पिछले साल की है. हुआ यूं कि दक्षिणी राज्य केंटकी में एक व्यक्ति ड्रोन उड़ा रहा था. पड़ोसी ने उस ड्रोन को गोली मारकर गिरा दिया. उसका कहना था कि मेरे घर के ऊपर उड़ रहा था तो मैंने गिरा दिया. लेकिन उसके ऊपर के आसमान पर क्या उसका अधिकार है? अब इस बात का फैसला कोर्ट में हो रहा है. ड्रोन उड़ाने वाले डेविड बोग्स ने कोर्ट से अपील की है कि उनके 1800 डॉलर के ड्रोन का हर्जाना दिलाया जाए जिसे हिलव्यू के उनके पड़ोसी विलियम मेरिडेथ ने गोली मारकर उड़ा दिया. मेरिडेथ का कहना कि ड्रोन उनके बाग पर, उनकी बेटी के ऊपर उड़ रहा था.
विशेषज्ञ इस मुकदमे के फैसले पर नजर बनाए हुए हैं क्योंकि ड्रोन इंडस्ट्री पर इसका बड़ा असर पड़ सकता है. आसमान में सीमाएं सुनिश्चित हैं और यह तय है कि कहां से किस देश का आसमान शुरू होता है. लेकिन निचले वायु मार्गों को लेकर कोई नियम नहीं है. इस मुकदमे का फैसला नए नियमों की राह खोल सकता है.
मानवरहित विमान के कानून के विशेषज्ञ जेम्स मैकलर कहते हैं, "यह बहुत दिलचस्प समय है. तकनीक कानूनी दहलीजों को लांघ रही है. ऑपरेटर्स ये जानना चाहते हैं कि वे कहां उड़ा सकते हैं. और लोग यह जानना चाहते हैं कि आसमान पर उड़ते ये मशीनी परिंदे उनके घरों में तो नहीं झांक रहे."
तस्वीरों में: अजब गजब मुकदमे जो लोग हार गए
अजब गजब केस जो हार गए लोग
मामला कितना भी अजीब क्यों न हो, अदालत को उस पर गंभीरता से विचार करके फैसला देना है. जर्मन जजों के सामने ऐसे कई मामले आ चुके हैं.
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कॉपी करने के चक्कर में
एक साहब दफ्तर में फोटो कॉपी मशीन के पास खड़े थे. सोचा कॉपी करते करते अल्कोहल-फ्री बियर गटक ली जाए. लेकिन बियर की बोतल खुली तो झाग निकली और हड़बड़ा गए. कई दांत तुड़ा बैठे. इंश्योरेंस से पैसे मांगे. ड्रेसडेन की कोर्ट ने कहा, नहीं. खाना-पीना तो इंश्योरेंस के तहत नहीं आता. और फोटोकॉपी करने से आप थकते भी नहीं हैं कि पानी की प्यास लगी. लिहाजा, कुछ नहीं मिलेगा.
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फिसल गए
एक महिला ने घर में ही दफ्तर बना रखा था. वह पानी लेने के लिए उठीं तो फिसल गईं. मामला जर्मनी की नेशनल सोशल कोर्ट तक पहुंचा. कोर्ट ने कहा कि ऑफिस में खाने पीने के लिए जाते वक्त कुछ होने पर मुआवजा मिलना चाहिए. लेकिन ऑफिस तो घर में ही था. इसलिए महिला को खुद ही जिम्मेदार ठहराया गया.
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आइस क्रीम से हार्ट अटैक
एक साहब काम से घर लौट रहे थे, आइस क्रीम खाते हुए. ट्राम में घुसने लगे तो जल्दबाजी में एक पूरा बड़ा सा हिस्सा निगल गए. यह हिस्सा यूं का यूं चला गया नली में. और जो दर्द उठा. बाद में पता चला कि यह हार्ट अटैक था. मुआवजा नहीं दिया. कोर्ट पहुंचे. कोर्ट ने कहा, यह हादसा काम से नहीं जुड़ा था. आइस क्रीम मजे के लिए खाई जाती है.
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सेक्स में गड़बड़
एक सरकारी अफसर बिजनेस ट्रिप पर थीं. उस दौरान होटल में सेक्स करते हुए एक गड़बड़ हो गई. दीवार पर लगा बल्ब उखड़ा और उनके ऊपर आ गिरा. चोट भी लगी. महिला ने मुआवजा मांगा तो कोर्ट ने साफ इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि अफसर को उस वक्त सेक्स नहीं करना चाहिए था क्योंकि वह काम पर थीं.
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कूदने से पहले सोचें
एक ऑफिस में ट्रेनिंग चल रही थी. ब्रेक हुआ तो कॉलीग्स मस्ती करने लगे. एक 27 साल के युवक पर लोग पिचकारी से पानी फेंकने लगे. वह खिड़की से कूद गया. धड़ाम से गिरा. चोट लगी. लेकिन मुआवजा नहीं मिला. कोर्ट ने कहा, कूदना ही नहीं चाहिए था.
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काम पर सो गए
बार में काम करते हुए एक बंदी सो गई और नींद में कुर्सी से गिर गई. चोट लग गई. मुआवजा नहीं मिला. कोर्ट ने कहा कि वह काम की वजह से नहीं गिरी है इसलिए उसे मुआवजा नहीं मिल सकता.
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सोच समझ के लड़ो
एक साहब काम से इबित्सा गए थे. बीच पर क्लाइंट्स के साथ थोड़ी ज्यादा ही पी ली. बाउंसर्स से झगड़ा हो गया. दो-चार पड़ भी गए. अब उन्होंने कहा कि मैं तो काम से वहां गया था, मुआवजा दो. कोर्ट ने झाड़ा. कहा कि काम से गए थे तो दारू क्यों पी.
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गाय सोच-समझकर बचाएं
एक गाय अपनी ही जंजीर में फंस गई. उसका दम घुटने लगा. गाय के मालिक का भाई उसे बचाने आया तो उस पर एक और गाय ने पांव रख दिया. उसकी टांग टूट गई. कोर्ट ने मुआवजा खारिज कर दिया. कहा कि तुम उस वक्त किसी का काम नहीं कर रहे थे, इसलिए कुछ नहीं मिलेगा.
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ड्रोन की ग्लोबल मार्किट 32 प्रतिशत की दर से सालाना बढ़ रही है. 2020 तक इसके 5.6 अरब डॉलर तक पहुंच जाने की संभावना है. अमेरिका के फेडरल ऐविएशन अथॉरिटी का अनुमान है कि 2016 के आखिर तक अमेरिका के आसमान में 25 लाख ड्रोन मंडरा रहे होंगे. और अगले चार साल में यह संख्या तीन गुना हो जाएगी. इसलिए इस बारे में नियमों की सख्त और फौरी तौर पर जरूरत महसूस हो रही है कि कौन कहां क्या उड़ा सकता है. यानी कितना आसमान किसका है.
मुकदमा झेल रहे मेरिडेथ कहते हैं, "सच बताऊं तो उस वक्त तो मैंने जो किया वही किया जो कोई भी करता यानी अपनी संपत्ति, अपने बच्चों की सुरक्षा. मुझे नहीं पता था कि ड्रोन कौन और क्यों उड़ा रहा है. लेकिन मैं उम्मीद करता हूं कि इस बारे में कोई कानून हो ताकि ड्रोन उड़ाने वालों और उनके नीचे के घर वालों, सबके हित सुरक्षित रहें."
देखिए, उड़ने वाला कैमरा
उड़ने वाला कैमरा
मिलिए हवा में उड़ने वाले चार सिरों वाले ड्रोन यानि क्वाड्रोकॉप्टर से. इनके कई फायदे सामने आ रहे हैं.
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हवा में उड़ता जाए
क्वाड्रोकॉप्टर को बनाने वाली एक पेरिस की कंपनी है. स्मार्टफोन की मदद से नियंत्रित किया जाने वाला यह उपकरण बैटरी पर चलता है. इसमें दो कैमरे लगे हैं. कैमरे में कैद होने वाली तस्वीरें आपके स्मार्टफोन में देखी जा सकती हैं. इसका इस्तेमाल कई तरह से किया जा सकता है.
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पेड़ों पर रिसर्च
जर्मन शहर ड्रेसडेन की टेक्निकल यूनिवर्सिटी के रिसर्चर पेड़ों के ऊपरी हिस्से के अध्ययन के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करते हैं. हवा में उड़ने वाले ड्रोन की मदद से उन्हें पेड़ों की 3डी तस्वीर मिलती है. इस तकनीक में अब स्थानीय पर्यावरण मंत्रालय भी दिलचस्पी ले रहा है.
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निगरानी के लिए
सेंसोकॉप्टर नाम के इस उपकरण का वजन सिर्फ 700 ग्राम का है. और इसमें निगरानी के लिए कैमरे लगे हुए हैं.
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ऑक्टोकॉप्टर
यह एक आठ डैनो वाली हैलीकॉप्टर जैसी मशीन है जिसमें एक कैमरा लगा हुआ है. यह साइकल रेस या कार रेस के दौरान हवा में उड़ते उड़ते तस्वीरें खींचता है.
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बैटरी का खर्च
इस मशीन की बैटरी सिर्फ छह मिनट चलती है. फिर इसे बदलना पड़ता है. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तीन मिनट में ही बैटरी बदल दी जाती है.
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एक ही सिद्धांत
इसी सिद्धांत पर खतरनाक मानवरहित विमान ड्रोन भी बनते हैं. हवा में उड़ने वाले यह कैमरे धरती की तस्वीरें लेते हैं.
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फलता फूलता बाजार
यूएवी विमान अमेरिकी सेना को बहुत पसंद हैं. माना जाता है कि अमेरिकी सेना के पास इस तरह के सात हजार विमान हैं. दस साल पहले उनके पास सिर्फ 50 थे.
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बढ़ते ड्रोन
अनमैन्ड एरियल वेहिकल (यूएवी) यानी ड्रोन विमानों का निर्माण तेजी से बढ़ रहा है. फिलहाल 50 देश ड्रोन विमानों का इस्तेमाल कर रहे हैं.
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कई उपयोग
ग्लोबल हॉक नाम के इस ड्रोन विमान में थर्मल इमेजिंग के कैमरे लगे हुए हैं. जिन्हें जापान के फुकुशिमा दाइची के क्षतिग्रस्त परमाणु संयंत्र की तस्वीरें लेने के लिए इस्तेमाल किया गया.
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डायनासोर ड्रोन
इस स्काउट ड्रोन विमान को वियतनाम युद्ध में भी इस्तेमाल किया गया. इसे AN-USD-5 के नाम से भी जाना जाता है.
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अफगानिस्तान में
A MQ-9 रीपर में लेसर से चलने वाले हथियार लगे हुए हैं और AGM-114 मिसाइलें लगी हुई हैं. दक्षिणी अफगानिस्तान में युद्धक मिशन के लिए इसे कर्नल लेक्स टर्नर ने चलाया.
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पाकिस्तान में
2004 से अक्टूबर 2011 के मध्य तक अमेरिका ने पाकिस्तान में करीब 300 ड्रोन हमले किए हैं.
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लाखों का निवेश
इल्मेनाउ में रिसर्चर एक ऑटोमेटिक क्वाड्रोकॉप्टर विकसित कर रहे हैं. वह मोबाइल नेटवर्क डाउन होने पर उसे ठीक कर सकेगा. इस प्रोजेक्ट पर करीब पैंसठ लाख यूरो खर्च किए जा रहे हैं.
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मैकलर अनुमान लगाते हैं कि हर महीने अमेरिका में कम से कम एक ड्रोन गिरा दिया जाता है और नतीजा ऐसा ही होता है क्योंकि लोगों को इस बारे में अपने कानूनी अधिकारों और कर्तव्यों की जानकारी ही नहीं है. वह कहते हैं, "प्रशासन को भी नहीं पता होता कि ऐसी स्थिति में क्या करें. मुकदमेबाजी कैसी हो यह भी समझ नहीं आता क्योंकि ज्यादातर लोग तो मुकदमेबाजी में उलझना ही नहीं चाहते."
इसी साल अगस्त में अमेरिका में छोटे ड्रोन के लिए आसमान के इस्तेमाल की इजाजत दी गई है. नियमों में भी ढील दी गई है. अब ड्रोन चालकों को पायलट लाइसेंस और एफएए की इजाजत की जरूरत नहीं है. अब एफएए एक नया लाइसेंस जारी कर रही है जो कम खर्चीला और बनवाने में आसान है.