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राजनीतिसंयुक्त राज्य अमेरिका

अमेरिका में जिन लाखों लोगों के पास घर नहीं, वे कैसे रहते हैं

३ अगस्त २०२२

अमेरिका में लाखों लोग कभी सड़कों पर, कभी टेंट में तो कभी कारों और पार्किंग में गुजारा करते हैं. बीते सालों में ऐसे लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है, जिनके पास रहने का कोई ठिकाना नहीं है.

अमेरिका की सड़कों पर अस्थायी बसेरा
अमेरिका की सड़कों पर अस्थायी बसेरातस्वीर: Ross D. Franklin/AP/picture alliance

जब पूरे अमेरिका में कोविड-19 पसरा हुआ था, तब एरिजोना राज्य के फीनिक्स में 63 साल की एलिशेया डेनीस मैकिनले से उनका घर छिन गया. उनसे कहा गया कि अब एक ही विकल्प है कि वह पार्किंग लॉट में अपने लिये टेंट लगा लें.

दो कार पार्किंग में बने इस कैंप में लोगों को अपने टेंट लगाने की इजाजत मिलती है. इसमें हाथ धोने की जगह और शौचालय की व्यवस्था है, लेकिन इसके अलावा यहां और कोई सुविधा नहीं है. खासकर तपती गर्मी में जब तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है, तब यहां डामर की परत जलने लगती है. मैकिनले बताती हैं, "जमीन इतनी गर्म थी कि मुझे जंग वाले बूट पहनने पड़े और हर जगह चींटियां थीं." साथ ही, मैकिनले ने बताया कि कैंप में रहने वाले कई लोगों की मौत हो गई.

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मारिकोपा काउंटी के पार्किंग लॉट में 12 महीनों के भीतर पांच लोगों की मौत हुई, जिनमें चार का ताल्लुक नशीली दवाओं से था. मौत की घटनाओं से चिंतित मैकिनले ने आसपास के लोगों का ख्याल रखना शुरू किया. वह देखती थीं कि कहीं उन्हें पानी की जरूरत तो नहीं है. वह हर सुबह जाकर उन लोगों को देखती हैं.

अमेरिका की सड़कों पर 2 लाख से ज्यादा लोग

मैकिनले उन अमेरिकियों में से हैं, जो संकट का शिकार बने. ऐसा संकट, जिसे लोगों के पास घर न होने को लेकर बनी परिषद 'आवासहीन बेघरों का संकट' करार देती है. इस परिषद में अमेरिका की 19 संघीय एजेंसियां शामिल हैं. इस संकट के दायरे में वे लोग आते हैं, जिनके पास न तो अपना घर है और न ही रहने की कोई और जगह. अमेरिका में 2020 में सड़कों पर गुजारा करने वालों की तादाद 2,26,000 हो गई. बीते पांच सालों में यह 50 हजार बढ़ गई. बेघर लोगों के बारे में ये आंकड़े अमेरिका के गृह और शहरी विकास विभाग के हैं.

लाखों लोगों के पास रहने का कोई ठिकाना नहींतस्वीर: MARIO TAMA/Getty Images/AFP

इसके बाद हरकत में आये अधिकारियों ने कानूनन इजाजत देने वाले कैंप बनाने शुरू किये. ऐसे कैंपों का समर्थन करने वाले कहते हैं कि ये कैंप सड़कों के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित हैं. वहीं आलोचक मानते हैं कि यह घर न होने का अपराधीकरण करने जैसा है. नेशनल होमलेसनेस लॉ सेंटर में सीनियर अटॉर्नी ट्रिस्टिया बाउमन का कहना है, "यह एक तरीका है उन्हें बाड़े में अलग-थलग करके आवासहीन लोगों एक जगह इकट्ठा करना, जिससे उस इलाके के बाहर जबरदस्ती की जा सके."

सड़क पर रहने वालों का अपराधीकरण

कानूनी तौर पर अधिकृत कैंपों में कुछ बुनियादी सुविधायें होती हैं. जैसे कूड़ा उठाना और साफ-सफाई. बाउमन का कहना है कि इसके अलावा भी कुछ व्यवस्थायें की जाती हैं, जिससे पड़ोसियों के बीच विवादों को खत्म किया जा सके. इसके साथ ही उन शहरों की संख्या बढ़ रही है, जहां पुलिस को सड़कों पर रह रहे बेघर लोगों को हटाने का अधिकार मिल रहा है. अकसर पुलिस उनकी संपत्ति भी नष्ट कर देती है. शिविर खड़े करने वाले शहर सड़कों पर रहने को गैरकानूनी भी बना रहे हैं.

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मिसौरी में बने एक नये कानून की मदद से शहरों में अधिकृत कैंप बनाने की अनुमति मिलने के साथ ही लोगों के सड़कों पर रहने और सार्वजनिक जगहों पर टेंट लगाने की आजादी छिन जायेगी. इसी कानून से मिलते-जुलते प्रारूपों पर एरिजोना और दूसरे राज्यों में भी चर्चा हो रही है. सड़कों पर रहने वालों पर हर्जाना लगेगा और यह 5000 डॉलर या फिर एक महीने जेल की सजा तक हो सकती है. इसके लिए लाये गये बिल एक "मॉडल लॉ" पर आधारित हैं. इसमें यह भी प्रावधान है कि रैन-बसेरों पर खर्च की जाने वाली रकम से अधिकृत कैंप और छोटे घर बनायें जायेंगे.

भारी गर्मी में बेघर लोगों के लिए खुद को बचाये रखना बड़ी चुनौती हैतस्वीर: Ross D. Franklin/AP/picture alliance

समर्थकों का कहना है कि यह जल्दी से सुरक्षित और तात्कालिक घर मुहैया कराने का किफायती तरीका है. पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भी बीते मंगलवार को दिए भाषण में इस विचार का समर्थन किया. ट्रंप ने कहा, "हजारों-हजार उच्चस्तरीय टेंट बनाइये. यह काम एक दिन में हो सकता है. अमेरिका के आवासहीन लोगों पर बनी परिषद ने भी माना है कि अधिकृत कैंप सड़क पर रहने वाले लोगों की तात्कालिक जरूरतों को पूरा कर सकते हैं. हालांकि, परिषद के कार्यकारी निदेशक जेफ ओलिवेट का कहना है कि इन्हें केवल "कामचलाऊ प्रबंध" के तौर पर ही इस्तेमाल किया जा सकता है. जेफ का कहना है, "अगर इन्हें पक्के आवास को जाने वाले रास्ते से नहीं जोड़ा जाता है, तो फिर हमें इन उपायों पर सवाल उठाना होगा."

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सुरक्षित ठिकाने

कुछ लोगों के लिये अधिकृत कैंप किसी स्वर्ग से कम नहीं. वॉशिंगटन राज्य में कैंप यूनाइटेड वी स्टैंड 2015 से ही अस्तित्व में है. तब सियेटल के बाहर मौजूद शोरेलीन शहर ने एक अध्यादेश पास करके स्थानीय चर्चों को सीमित समय के लिए इस तरह के कैंप लगाने की मंजूरी दी थी.

इन कैंपों में अधिकतम 35 लोगों के रहने की अनुमति है और उनसे हर दिन एक डॉलर का शुल्क लिया जाता है. इस शुल्क में पानी, शौचालय, बिजली, कूड़ा उठाना, सुरक्षा, सर्दियों में हीटिंग, किचेन टेंट और कुछ दूसरी सुविधायें शामिल हैं. कैंप बोर्ड के अध्यक्ष बेवर्ली हॉकिंस का कहना है, "अधिकृत कैंप एक स्थायी और सुरक्षित जगह मुहैया कराते हैं, जहां आप वापस आते हैं." इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि रैन बसेरों में उन सबको जगह नहीं मिल सकती, जिनके सिर पर छत नहीं है. हालांकि, उनके पास अधिकृत कैंपों में जाने का विकल्प है.

बीते सालों में बेघर लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी हैतस्वीर: Ross D. Franklin/AP/picture alliance

शहर प्रशासन ने सात गैरअधिकृत शिविरों को पिछले एक साल में बंद कर दिया है. यह तब है, जब बेघर लोगों की तादाद बढ़ रही है. स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता टिया टर्नर कहती हैं, "हम सिर्फ यह मांग कर रहे हैं कि लोगों को सुरक्षित रूप से शिविरों में रहने दिया जाये. अधिकारियों के उत्पीड़न के बगैर."

लंबे समय के लिये नहीं हैं कैंप

फीनिक्स में महामारी के दौरान बिना छत के रह रहे लोगों की आबादी तीन गुनी हो गई. अधिकारियों ने महामारी के दौर में बने अस्थायी शिविरों को 2021 में बंद कर दिया और तब से वे सरकारी जमीनें खाली करा रहे हैं, जिससे कैंपिंग को बढ़ावा न मिल सके. हालांकि, इसके बाद भी करीब 1,000 लोगों ने टेंट लगा रखे हैं. शहर की सार्वजनिक सूचना अधिकारी क्रिस्टिन काउटुरियर ने ईमेल के जरिये पूछे सवाल के जवाब में कहा, "शिविर की जमीनें बसेरों के रूप में पर्याप्त नहीं हैं और वास्तव में वे एक सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण मुहैया नहीं करातीं. हमारी प्राथमिकता है घर के भीतर जगह ढूंढ निकालना." यह तो सब लोग मानते हैं कि यह लंबे समय का समाधान नहीं है.

एनआर/वीएस (रॉयटर्स)

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