अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए मतदान हो रहा है. दुनिया भर की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि अमेरिका फिर एक बार राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को मौका देगा या फिर डेमोक्रैटिक उम्मीदवार जो बाइडेन को चुनेगा.
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अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मंगलवार को सबसे पहले पूर्वी तट पर बने मतदान केंद्रों में वोट डाले गए. सबसे पहले न्यू हैंपशर के छोटे छोटे कस्बों में मतदान शुरू हुआ, जहां पारंपरिक तौर पर मध्य रात्रि को वोट डाले जाते हैं.
वहीं पूर्वी राज्यों में ज्यादातर मतदान केंद्रों में स्थानीय समय के अनुसार सुबह छह बजे या फिर सात बजे वोटिंग शुरू हुई. इसके बाद अन्य राज्यों में स्थानीय समय के अनुसार वोटिंग आगे बढ़ी. अमेरिका के कुल पचास राज्य छह टाइम जोन्स में बंटे हैं.
मौजूदा राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को डेमोक्रैटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन से कड़ी टक्कर मिल रही है. राष्ट्रीय स्तर पर हुए चुनावी सर्वेक्षणों में बाइडेन की बढ़त बताई गई है. लेकिन चुनावी सर्वे में बढ़त का यह मतलब नहीं है कि बाइडेन का जीतना तय है. पिछली बार के चुनाव में डेमोक्रैटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को आम लोगों को ज्यादा वोट मिले थे, लेकिन जीत मिली रिपब्लिकन पार्टी के डॉनल्ड ट्रंप को.
अमेरिकी की पेचीदा चुनावी प्रक्रिया में परिणाम में इलेक्ट्रोरल कॉलेज की अहम भूमिका होती है. इलेक्ट्ररोल कॉलेज के सदस्य अलग अलग राज्यों से चुने जाते हैं. ज्यादातर राज्यों में जिस पार्टी को सबसे ज्यादा वोट मिलते हैं सारी सीटें वही ले जाती है.
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एक नजर कमला हैरिस के जीवन पर
कैलिफोर्निया से अमेरिकी सांसद कमला हैरिस को डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से उप-राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार चुना गया है. वह कैरिबियाई और भारतीय मूल की हैं इसलिए भारत में उनके नाम और उनकी उपलब्धियों को लेकर बहुत चर्चा है.
अप्रैल 1965 की तस्वीर. हैरिस अपने पिता डॉनल्ड हैरिस की गोद में हैं. डॉनल्ड एक जमैकन-अमेरिकी अर्थशास्त्री हैं और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में एमेरिटस प्रोफेसर हैं.
यह तस्वीर हैरिस के बचपन की है जिसमें वह कैलिफोर्निया के बर्कले विश्वविद्यालय में अपनी मां श्यामला गोपालन की प्रयोगशाला में दिखाई दे रही हैं. भारतीय तमिल मूल की अमेरिकी नागरिक श्यामला एक कैंसर शोधकर्ता और एक नागरिक अधिकार एक्टिविस्ट थीं. उनका फरवरी 2009 में निधन हो गया था.
जनवरी 1970 की तस्वीर. हैरिस कैलिफोर्निया में अपनी मां श्यामला और बहन माया के साथ अपने घर के बाहर खड़ी दिख रही हैं. यह तस्वीर उनके माता-पिता के अलग होने के बाद की है.
जून 2004 की तस्वीर, जब हैरिस सैन फ्रांसिस्को की डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी थीं.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/M. J. Sanchez
सीनेटर बनने की राह पर
फरवरी 2012 में पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ. हैरिस उन दिनों कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल थीं और ओबामा और बाइडेन ने सीनेटर पद की उम्मीदवारी के लिए उनके नाम का समर्थन किया था.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/E. Risberg
बड़ा अभियान
जनवरी 2019 में हैरिस राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए अपने अभियान की शुरुआत करते हुए, अपने पति डगलस एमहॉफ के साथ ऑकलैंड, कैलिफोर्निया में. उनकी गोद में उनकी भांजी अमारा अजागु है. डगलस एक अधिवक्ता हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/T. Avelar
परिवार का साथ
राष्ट्रपति पद के अभियान की शुरुआत के मौके पर हैरिस का पूरा परिवार मौजूद था. तस्वीर में उनके पति डगलस एमहॉफ, बेटी एला और बेटा कोल ओकलैंड में मंच पर.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/T. Avelar
बहन का समर्थन
हैरिस की बहन माया हैरिस नवंबर 2019 में राष्ट्रपति पद की दावेदारी के अभियान के बीच एक समारोह में. माया एक अधिवक्ता और राजनीतिक टीकाकार हैं.
इस बार अमेरिकी चुनाव ऐसे समय में हो रहे हैं जब दुनिया कोरोना महामारी से परेशान है. ऐसे में बहुत से लोगों ने अपने वोट पहले ही डाक मतपत्रों के जरिए डाल दिए हैं. बड़ी तादाद में डाक मतपत्रों को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार वोटों की गिनती में ज्यादा समय लग सकता है. राष्ट्रपति ट्रंप डाक मत पत्रों की विश्वसनीयता पर सवाल भी उठा रहे हैं.
अमेरिकी मतदाता देश का राष्ट्रपति चुनने के अलावा अमेरिकी संसद के दोनों सदनों के सदस्यों को भी चुन रहे हैं. कांग्रेस के निचले सदन प्रतिनिधि सभा की सभी 435 सीटों के लिए मतदान हो रहा है. माना जा रहा है कि प्रतिनिधि सभा में डेमोक्रेटिक पार्टी का बहुमत बना रहेगा. वहीं कांग्रेस के ऊपरी सदन सीनेट की सौ में से 35 सीटों के लिए भी मतदान हो रहा है जहां अभी रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है.
इस चुनाव का सबसे प्रमुख मुद्दा कोरोना महामारी रहा, क्योंकि अमेरिका में इस वायरस के सबसे ज्यादा मामले हुए और सबसे ज्यादा मौतें दर्ज की गईं. अन्य मुद्दों में अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य देखभाल, बंदूक रखने का अधिकार, पर्यावरण और गर्भपात शामिल रहे.