अमेरिकी में सक्रिय चीनी कंपनियों की जांच कर रहा है चीन
५ जुलाई २०२१
चीनी सरकार अमेरिकी शेयर बाजार में सूचीबद्ध चीनी कंपनियों की जांच कर रही है. 'दीदी चुशिंग' कंपनी पर प्रतिबंध लगाने के एक ही दिन बाद चीन ने अमेरिकी शेयर बाजार में सूचीबद्ध दो और चीनी कंपनियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है.
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'दीदी' के भारी आईपीओ आने के बाद चीन ने कंपनी को मोबाइल ऐप स्टोरों से बैन कर दिया था. अब चीनी सरकार ने अमेरिकी शेयर बाजार में हाल ही में सूचीबद्ध हुई कंपनियों 'फुल ट्रक अलायंस' और 'कानशुन' नाम की कंपनियों के खिलाफ जांच की घोषण कर दी है. 'फुल ट्रक अलायंस' ट्रक भाड़े पर दिलाने वाली कंपनी 'युनमानहान' और 'हुओचेबांग' के विलय से बनी कंपनी है और 'कानशुन' ऑनलाइन नौकरी दिलाने वाली कंपनी 'बॉस शिपिन' की मालिक है.
तीनों कंपनियों को तब तक नए उपयोगकर्ताओं का पंजीकरण ना करने को कहा गया है जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती. चीन की साइबर सुरक्षा एजेंसी ने कहा है कि जांच का उद्देश्य है राष्ट्रीय डाटा के प्रति किसी भी खतरे को उत्पन्न होने से रोकना, राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करना और जनहित की रक्षा करना. इस जांच के आदेश देने से कुछ ही घंटों पहले, एजेंसी ने ऐसी ही एक जांच के बाद 'दीदी' को ऐप स्टोरों से हटाने का आदेश दिया था.
कंपनियों पर चीन की टेढ़ी नजर
इस आदेश से कंपनी की आगे बढ़ने की योजनाओं को बड़ा धक्का लगा था. पिछले हफ्ते ही न्यू यॉर्क शेयर बाजार में कंपनी के आईपीओ ने 4.4 अरब डॉलर निवेश आकर्षित किया था. चीन की मुख्य इंटरनेट कंपनियों का उपभोक्ताओं के बीच काफी प्रभाव है, लेकिन पिछले लगभग एक साल से चीनी सरकार उनके पर कतरने में लगी है. सरकार इन कंपनियों के प्रभाव पर लगाम लगाना चाह रही है और इस क्रम में इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है. इसकी वजह से कंपनियों के आईपीओ विफल हुए हैं और उनके व्यापार को धक्का लगा है.
'दीदी' के उपयोगकर्ताओं की संख्या लगभग 50 करोड़ है. इसके अलावा उसके पास 1.5 करोड़ ड्राइवर भी हैं. लेकिन सरकारी एजेंसी की जांच में सामने आया कि उपयोगकर्ताओं के डाटा को इकठ्ठा करने और उसके इस्तेमाल में नियमों का "गंभीर रूप से उल्लंघन" हुआ है. कंपनी के खिलाफ प्रतिबंध लगाने के पीछे सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को भी एक कारण बताया. ये एक चीनी तकनीकी कंपनी के खिलाफ काफी असामान्य कार्रवाई है.
सरकारी मीडिया ने सराहा
सरकारी मीडिया में इन कदमों की सराहना की गई. ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि ऐसा लगता है कि 'दीदी' के पास उपयोगकर्ताओं के बर्ताव और आदतों पर "बिग डाटा एनालिसिस" करनी की क्षमता है, जिससे जानकारी संबंधित खतरा पैदा हो सकता है. अखबार ने कहा, "हमें किसी भी इंटरनेट कंपनी को चीनी लोगों की निजी जानकारी का ऐसा सुपर डाटाबेस नहीं बनने देना चाहिए जिसमें इतने विस्तार से जानकारी हो जितनी सरकार के पास भी नहीं है. हमें इन कंपनियों को उनकी मर्जी के मुताबिक इस डाटा का उपयोग करने की भी इजाजत नहीं देनी चाहिए."
पिछले साल चीन की सरकारी एजेंसियों ने अलीबाबा की वित्तीय कंपनी ऐंट समूह के रिकॉर्ड तोड़ 34 अरब डॉलर के आईपीओ को भी रुकवा दिया था और उसके बाद कंपनी के खिलाफ एकाधिकार-विरोधी जांच शुरू कर दी थी.
सीके/एए (एएफपी)
100 साल की चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की कहानी
चीन पर शासन करने वाली कम्युनिस्ट पार्टी सौ साल की हो गई है. 28 जून 2021 को पार्टी की सौवीं वर्षगांठ मनाई गई. देखिए, समारोह की तस्वीरें और जानिए सीसीपी के बारे में कुछ दिलचस्प बातें.
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आधुनिक चीन की संस्थापक
चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) आधुनिक चीन की संस्थापक है. 1949 में माओ त्से तुंग के नेतृत्व में पार्टी ने राष्ट्रवादियों को हराकर पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की स्थापना की थी.
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सीसीपी की स्थापना
सीसीपी की स्थापना 1921 में रूसी क्रांति से प्रभावित होकर की गई थी. 1949 में पार्टी के सदस्यों की संख्या 45 लाख थी.
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सदस्यों की संख्या
पिछले साल के आखिर में सीसीपी के सदस्यों की संख्या नौ करोड़ 19 लाख से कुछ ज्यादा थी. 2019 के मुकाबले इसमें 1.46 प्रतिशत की बढ़त हुई थी. चीन की कुल आबादी का लगभग साढ़े छह फीसदी लोग ही पार्टी के सदस्य हैं. आंकड़े स्टैटिस्टा वेबसाइट ने प्रकाशित किए थे.
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सदस्यता
पार्टी की सदस्यता हासिल करना आसान नहीं है. इसकी एक सख्त चयन प्रक्रिया है और हर आठ आवेदकों में से एक को ही सफलता मिलती है. यह प्रक्रिया लगभग डेढ़ साल चलती है.
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कैसे हैं इसके सदस्य
सीसीपी के सदस्यों में साढ़े चार करोड़ से ज्यादा के पास जूनियर कॉलेज डिग्री है. करीब एक करोड़ 87 लाख सदस्य सेवानिवृत्त हो चुके नागरिक हैं. 2019 के आंकड़े देखें तो सदस्यों में 28 प्रतिशत किसान, मजदूर और मछुआरे थे.
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महिलाओं की संख्या
पिछले कुछ सालों में सीसीपी में महिलाओं की संख्या बढ़ी है. 2010 में पार्टी की 22.5 फीसदी सदस्य महिलाएं थीं जो 2019 में बढ़कर 28 फीसदी हो गईं. 2019 में सदस्यता लेने वालों में 42 फीसदी संख्या महिलाओं की थी.
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पार्टी पर दाग
पिछले साल के आंकड़ों के मुताबिक पार्टी में 18 प्रतिशत सदस्यों का सरकार पर भरोसा नहीं था. 2020 में छह लाख 19 हजार सीसीपी सदस्यों पर भ्रष्टाचार के मुकदमे दर्ज थे. 2010 में एक रिपोर्ट आई थी जिसके मुताबिक उस साल 32 हजार लोगों ने पार्टी छोड़ दी थी.
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सम्मेलन
हर पांच साल में सीसीपी का एक सम्मेलन होता है जिसमें नेतृत्व का चुनाव होता है. इसी दौरान सदस्य सेंट्रल कमेटी चुनते हैं, जिसमें लगभग 370 सदस्य होते हैं. इसके अलावा, मंत्री और अन्य वरिष्ठ पदों पर भी लोगों का चुनाव होता है.
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सात के हाथ में ताकत
सेंट्रल कमेटी के सदस्य पोलित ब्यूरो का चुनाव करते हैं, जिसमें 25 सदस्य होते हैं. ये 25 लोग मिलकर एक स्थायी समिति का चुनाव करते हैं. फिलहाल इस समिति में सात लोग हैं, जिन्हें सत्ता का केंद्र माना जाता है. इसमें पांच से नौ लोग तक रहे हैं.
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महासचिव
सबसे ऊपर महासचिव होता है जो राष्ट्रपति बनता है. 2012 में हू जिन ताओ से यह पद शी जिन पिंग ने लिया था. बाद में संविधान में बदलाव कर राष्ट्रपति पद की समयसीमा ही खत्म कर दी गई और अब शी जिन पिंग जब तक चाहें, इस पद पर रह सकते हैं.