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अमेरिका में सबसे ज्यादा एशियाई आप्रवासी

२० जून २०१२

इतिहास बदल रहा है.अमेरिका में अब एशियाई लोगों की तादात काफी बढ़ चुकी है.ये पहली बार है जब एशियाई आप्रवासियों की संख्या स्पेन और लैटिन अमेरिका से जाने वालों के मुकाबले ज्यादा हो गई है.

तस्वीर: AP

वॉशिंगटन के प्यू रिसर्च सेंटर की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका में रहने वाले आप्रवासियों में सबसे ज्यादा 36 प्रतिशत एशियाई हैं. इनमें चीन, भारत और जापान से जाने वालों की संख्या सबसे अधिक है. इसके बाद दूसरे नंबर पर स्पेन और लैटिन अमेरिका से आने वाले आप्रवासी हैं जिनकी तादात 31 प्रतिशत हैं.10 साल पहले स्पेन और लैटिन अमेरिका के अप्रवासियों की तादात सबसे ज्यादा 59 प्रतिशत थी. इस समय अमेरिका में आप्रवासी कानून को लेकर तगड़ी बहस चल रही है. राष्ट्रपति ओबामा ने कुछ ही दिन पहले प्रतिभाशाली युवा आप्रवासियों को वापस उनके देश भेजे जाने से इंकार कर दिया था.

अमेरिका का सुप्रीम कोर्ट भी एरिजोना के उस विवादास्पद कानून पर फैसला सुनाने वाला है जो बंधकों के आप्रवासी अधिकार पर प्रतिबंध लगाने की बात करता है.सिर्फ आप्रवासी ही नहीं एशिया से जाकर अमेरिका में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों की संख्या में भी बीते सालों में काफी इजाफा हुआ है. अमेरिका में 2010 में जितने भी लोगों ने इंजीनियरिंग पीएडी में दाखिला लिया उनमें से करीब 45 प्रतिशत एशियाई मूल के थे. इसी तरह डॉक्टरी की उच्च शिक्षा लेने वालों में 33 प्रतिशत जबकि भौतिक विज्ञान की पढ़ाई करने वालों में 33 प्रतिशत एशियाई थे.प्यू रिसर्च सेंटर के कार्यकारी उप अध्यक्ष पॉल टॉयलर कहते हैं, '' एशियाई लोगों की सबसे बड़ी खासियत है उनकी शिक्षा. वो जल्दी थकते नहीं है...वो 21वीं सदी के सबसे कुशल श्रम हैं.'' अब तो अमेरिकी चुनाव में भी आप्रवासियों का मसला जोर शोर से उठाया जा रहा है. हालांकि इसको लेकर राजनीति भी शुरु हो गई है. राष्ट्रपति पद के दूसरे उम्मीदवार मिट रोमी ने ओबामा की मंशा पर ही शक जाहिर किया है. विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका में आप्रवासी एशियाई लोगों की संख्या बढ़ने के पीछे कई कारण हैं.विश्लेषक मानते हैं कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था कुशल अप्रवासियों के लिए ज्यादा मुफीद है. एशिया से आने वाले आप्रवासी शिक्षा पर ज्यादा ध्यान देते हैं इस वजह से अमेरिका में उनके लिए काफी मौके होते हैं.

वीडी/एएम (रॉयटर्स एपी)

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