अमेरिका में साइबर हमला, उत्तर कोरिया पर शक़
९ जुलाई २००९
इस साइबर हमले में व्हाइट हाउस, रक्षा मंत्रालय पेंटागन और न्यू यॉर्क स्टॉक ऐक्सचेंज को निशाना बनाया गया और कई अन्य सरकारी वेब-स्थलों को निष्क्रिय कर दिया गया.
लक्षित स्थलों में राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी, स्वदेश सुरक्षा यानी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग और अख़बार वॉशिंग्टन पोस्ट की प्रणालियां भी शामिल थीं और वित्त और विदेश मंत्रालय के वेबसाइट भी.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इयन कैली ने बुधवार को कहा कि यह साइबर हमला अब भी जारी है, लेकिन अपने शुरू के स्तर पर नहीं, " हमारे विदेशमंत्रालय की वेबसाइट पर यह हमला 5 जुलाई को शुरू हुआ. वह अब भी जारी है, लेकिन मुझे बताया गया है कि इस समय वह बहुत हल्के पैमाने पर है."
कैली ने कहा कि अमेरिका का कंप्यूटर आपात तैयारी दल विदेश मंत्रालय के मुख्य सूचना अधिकारी, और अन्य विभागों के साथ मिलकर इस समस्या पर काम कर रहा है.
अमेरिका के संयुक्त सेनाध्यक्ष ऐडमिरल माइक मुलन ने इस सिलसिले में बात करने से इनकार कर दिया. केवल इतना कहा कि इस समय और भविष्य में इस ख़तरे पर बड़े पैमाने पर तवज्जो दी जाने की ज़रूरत है.
अमेरिकी अधिकारियों ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि यह साइबर हमला प्रणालियों की सुरक्षा में कोई दरार डालने में सफल नहीं हुआ. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता निक शपीरो ने कहा कि पिछली यानी सात जुलाई की रात से सभी संघीय प्रणालियां बाक़ायदा काम कर रही हैं. अमरीकी वेबसाइटों पर हमले के साथ ही दक्षिण कोरिया की अनेक वेबसाइटों पर भी साइबर हमले किए गए.
इन हमलों में, लक्षित वेबसाइटों की प्रणालियों पर सीमा से अधिक बोझ डालने के उद्देश्य से उनमें एक ही समय पर भारी संख्या में कंप्यूटरों के प्रवेश की तकनीक का इस्तेमाल किया गया. नतीजे में वह प्रणालियां बंद हो गईं जो इतने बड़े इंटरनेट-यातायात को संभालने में सक्षम नहीं थीं.
रिपोर्ट - गुलशन मधुर
संपादन - एस गौड़