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अमेरिका विरोधी प्रदर्शनों की आशंका, काबुल में तनाव

२४ फ़रवरी २०१२

अफगानिस्तान में कुरान को जलाने को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन बढ़ते जा रहे हैं. शुक्रवार के नमाज के बाद हिंसा होने की आशंका से और सुरक्षा बलों को अफगान राजधानी काबुल में तैनात कर दिया गया है.

तस्वीर: AP

शुक्रवार को काबुल में छुट्टी होती है और सैकड़ों लोग मस्जिद पहुंचते हैं. सरकारी सुरक्षा अधिकारियों का मानना है कि देश के मुख्य मस्जिदों में नमाज के दौरान दिए जाने वाले भाषण लोगों को उकसा सकते हैं.

सुरक्षा कड़ी

हिंसा की आशंका को देखते हुए शहर की सड़कों और मुख्य इमारतों के आसपास सैनिक तैनात कर दिए गए हैं. अफगान गृह मंत्रालय के प्रवक्ता सिद्दीक सिद्दीकी ने कहा, "शांतिपूर्ण प्रदर्शनों में हिस्सा लेना लोगों का अधिकार है. हम अपने देशवासियों से अपील करते हैं कि वे इन प्रदर्शनों को हिंसक होने से रोकें. पुलिस हर स्थिति के लिए तैयार है."

केंद्रीय काबुल में हुई हिंसा के बाद सुरक्षा बलों ने कई इलाकों को सील कर दिया है. अब तक हुए प्रदर्शनों में 11 लोग मारे गए हैं. पश्चिमी देशों के राजनयिक अपने दूतावासों से बाहर नहीं निकल रहे हैं. अमेरिकी दूतावास ने ट्विटर के जरिए एक संदेश में अपने नागरिकों को हिदायत दी है और कहा है कि अफगानिस्तान के उत्तरी प्रांतों में रहने वाले अमेरिकी नागरिक भी अपनी सुरक्षा पर खास ध्यान दें.

शुक्रवार को पूर्वी अफगान शहर जलालाबाद में भी बड़े विरोध प्रदर्शनों की योजना बनाई गई है. पिछले तीन दिनों से चल रहे प्रदर्शनों में हजारों अफगान नागरिकों ने "अमेरिका मुर्दाबाद" के नारे लगाए और तालिबान ने भी अफगान सेना से कहा है कि वे "विदेशी काफिर नेताओं पर अपने बंदूकों से निशाना साधें."

ओबामा की माफी

इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई को एक संदेश में लिखा है कि वह नाटो सैनिकों द्वारा गलती से कुरान को जलाए जाने के मामले पर माफी चाहते हैं. हालांकि उनकी माफी से देश के कुछ नेता नाराज हैं. राष्ट्रपति चुनावों के लिए खड़े हो रहे न्यूट गिंगरिच ने कहा, "यह शर्म की बात है कि राष्ट्रपति ओबामा अफगान राष्ट्रपति करजई से उसी दिन माफी मांग रहे हैं जिस दिन दो अमेरिकी सैनिक मारे गए हैं और एक अफगान सैनिक ने चार अमेरिकियों को घायल किया है. हामिद करजई को अमेरिकी नागरिकों से माफी मांगनी चाहिए." गुरुवार को अफगानिस्तान के पूर्वी नंगरहार प्रांत में एक अफगान सैनिक ने अमेरिका विरोधी प्रदर्शनों के दौरान दो अमेरिकी सैनिकों को गोली मार दी थी.

कुछ दिनों पहले अफगानिस्तान के बागराम हवाई बेस में अफगान मजदूरों को कुरान की जली हुई प्रतियां मिली थीं. अफगान सरकार चाहती है कि नाटो में जो लोग इसके लिए जिम्मेदार थे, उनपर कानूनी कार्रवाई की जाए. इस्लाम धर्म में कुरान सबसे अहम किताब है और उसे बहुत इज्जत दी जाती है. कुरान का अपमान करना इस्लाम में बहुत बड़ा गुनाह होता है.

रिपोर्ट: एएफपी, रॉयटर्स/एमजी

संपादन: महेश झा

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