कारोबार को लेकर अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनजर चीन ने ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया है. चीन एक मजबूत गठजोड़ बनाना चाहता है ताकि वह ट्रेड वार का मुकाबला कर सके.
विज्ञापन
चीन के अलावा ब्रिक्स देशों के संगठन में ब्राजील, रूस, भारत और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं. 25 से 27 जुलाई के बीच दक्षिण अफ्रीका के शहर जोहानेसबर्ग में ब्रिक्स का 10वां शिखर सम्मेलन होगा जिसमें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी हिस्सा लेंगे.
यह सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब अमेरिका और चीन के बीच कारोबार के मुद्दे पर खाई लगातार चौड़ी होती जा रही है. अमेरिका की तरफ से यूरोपीय संघ और चीन समेत कई देशों के उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाने से पैदा हुए तनाव को अब ट्रेड वार यानी कारोबारी युद्ध का नाम दिया जा रहा है, क्योंकि भारत सहित इन देशों ने भी पलटवार करते हुए अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क बढ़ा दिया है.
हालात से निपटने के लिए चीन ब्रिक्स को मजबूत बनाने की वकालत कर रहा है. चीनी विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी चांग चुन ने कहा कि ब्रिक्स देशों के साथ सूक्ष्म आर्थिक नीतियों पर सहयोग को बढ़ाएगा, ताकि "कुछ विकसित देशों की नीतियों में बदलाव से पैदा चुनौतियों" का सामना किया जा सके.
ट्रेड वार का क्या होगा असर, जानिए
कारोबारी युद्ध का ऐसा होगा असर
अमेरिका और चीन के बीच शुरू हुए ट्रेड-वॉर का घमासान भविष्य में और परवान चढ़ सकता है. अमेरिका ने टैरिफ बढ़ोतरी का फैसला कई मुल्कों के साथ किया है, जिसने 1000 अरब डॉलर से ज्यादा के वैश्विक कारोबार को खतरे में डाल दिया है.
कुल 250 अरब डॉलर का कारोबार प्रभावित.
भारतीय स्टील और एल्युमीनियम पर अमेरिका ने बढ़ाई ड्यूटी. भारत ने अमेरिकी गुड्स के आयात पर लगाई 50 फीसदी ड्यूटी. बादाम, अखरोट, केमिकल और मेटल प्रॉडक्ट्स शामिल.
तस्वीर: imago/photothek
चीन
कुल 900 अरब डॉलर का कारोबार प्रभावित.
अमेरिका ने 34 अरब डॉलर के गुड्स पर टैरिफ लगाया.
अगर चीन ने की कार्रवाई तो 400 अरब डॉलर के कारोबार पर लगेगी 10 फीसदी की ड्यूटी.
तस्वीर: picture-alliance/chromorange/C. Ohde
यूरोपीय संघ
कुल 71.2 अरब डॉलर का कारोबार प्रभावित.
अमेरिका ने 61.2 अरब डॉलर के ऑटो कारोबार पर ड्यूटी लगाने की दी धमकी. अगर यूरोपीय संघ करेगा जवाबी कार्रवाई, तो 10 अरब डॉलर मूल्य के अमेरिकी गुड्स होंगे प्रभावित.
कुल 25.2 अरब डॉलर का कारोबार प्रभावित.
अमेरिका ने 12 अरब डॉलर वाले स्टील और एल्युमीनियम आयात पर लगाए शुल्क.
कनाडा ने भी अमेरिका पर ठीक वैसी ड्यूटी लगाने की दी धमकी.
कुल 6 अरब डॉलर का कारोबार प्रभावित.
दोनों देशों ने एक-दूसरे पर 3 अरब डॉलर मूल्य वाले गुड्स पर लगाए शुल्क.
तस्वीर: picture-alliance/Minneapolis Star Tribune
मलेशिया और दक्षिण कोरिया
कुल 5.6 अरब डॉलर का कारोबार प्रभावित अमेरिका ने सोलर पैनल्स और वॉशिंग मशीन पर ड्यूटी लगाई.
तस्वीर: Imago/Zumapress/D. Joles
6 तस्वीरें1 | 6
साफ तौर पर उनका इशारा अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की तरफ था जिनके फैसले की वजह से अमेरिका और चीन के बीच होने वाला सैकड़ों अरबों डॉलर का कारोबार अधर में लटक गया है. चांग ने कहा, "अमेरिका की नजरों में अंतरराष्ट्रीय कानून का कोई सम्मान नहीं है, लेकिन ब्रिक्स देश वैश्विक बाजार को लेकर एक स्पष्ट और साझा रुख रखते हैं."
चीनी अधिकारी ने अपने देश को मुक्त व्यापार का हितैषी बताया. उन्होंने कहा, "हम पूरी तरह बहुपक्षवाद और बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था का समर्थन करते हैं. हम एकपक्षवाद और व्यापार संरक्षण का विरोध करते हैं." हालांकि अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश कई बार चीन पर संरक्षणवादी व्यापार नीतियां अपनाने का इल्जाम लगाते हैं.
इस बीच, चीन ने अपनी कंपनियों से कहा है कि वे अमेरिका की बजाय अन्य देशों से सामान आयात करने के बारे में सोचें. चीन यूरोप और अन्य देशों के साथ नजदीकी व्यापारिक संबंध चाहता है ताकि नई अमेरिकी शुल्क व्यवस्था की वजह से होने वाले नुकसान को कम से कम किया जा सके.
एके/एमजे (एएफपी)
कारोबार : कहां खड़े हैं अमेरिका और ईयू
ईयू-अमेरिका व्यापारिक संबंध
यूरोपीय संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका एक दूसरे के लिए सबसे बड़े व्यापारिक बाजार हैं. आइए देखते हैं कि दोनों किन चीजों का आयात और निर्यात करते हैं और व्यापार युद्ध होने पर किन क्षेत्रों को नुकसान पहुंचेगा.
तस्वीर: Imago/Hoch Zwei Stock/Angerer
खरबों यूरो का कारोबार
यूरोपीय संघ अमेरिका का सबसे बड़ा निर्यात बाजार है. अमेरिका का करीब 20 प्रतिशत सामान यूरोपीय देशों को बेचा जाता है. इसी तरह यूरोपीय संघ का भी 20 प्रतिशत निर्यात अमेरिका को होता है. 2017 में दोनों के बीच 1,069 अरब यूरो का कारोबार हुआ. गुड्स और सर्विसेज के क्षेत्र में ईयू का आयात 256 अरब यूरो रहा जबकि निर्यात 376 अरब यूरो.
तस्वीर: Imago/Hoch Zwei Stock/Angerer
ट्रेड सरप्लस
ईयू और अमेरिका के बीच मुख्य व्यापार मशीनरी, गाड़ियों, रसायन और मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में होता है. कुल मिलाकर 2017 में इनका हिस्सा ईयू-अमेरिका के आयात और निर्यात में 89 प्रतिशत था. इन क्षेत्रों के अलावा खाने और पेय पदार्थों में ईयू का व्यापार फायदे में रहा. अमेरिका का ट्रेड सरप्लस कच्चे माल और ऊर्जा में है.
तस्वीर: Reuters
कार मशीनरी टॉप पर
167 अरब यूरो के साथ मशीनरी और गाड़ियां यूरोप से होने वाले निर्यात में सबसे ऊपर है. यह मालों के निर्यात का 44 प्रतिशत है. मशीनरी और ट्रांसपोर्ट उपकरणों का अमेरिका से यूरोप को होने वाला निर्यात 111 अरब यूरो का है. यह यूरोप के कुल आयात का 43.6 प्रतिशत है.
तस्वीर: picture-alliance/U. Baumgarten
कारोबार का छोटा हिस्सा
मई के अंत में राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के प्रशासन ने यूरोपीय संघ से होने वाले स्टील के निर्यात पर 25 प्रतिशत और अल्युमीनियम पर 10 प्रतिशत का शुल्क लगा दिया. 2017 में अमेरिका को यूरोप से होने वाले स्टील और अल्युमीनियम के निर्यात का हिस्सा 3.58 अरब यूरो था.
तस्वीर: Reuters/Y. Herman
जवाबी शुल्क
यूरोपीय संघ ने भी राष्ट्रपति ट्रंप के शुल्क के जवाब में उन अमेरिकी उत्पादों की सूची बनाई जिन पर जवाबी शुल्क लगाए जाएंगे. इनमें मूंगफली बटर, बरबर व्हिस्की, हार्ले डेविडसन मोटरसाइकिल, जींस और नारंगी जूस जैसे सामान्य अमेरिकी उत्पाद हैं. जिन उत्पादों को यूरोपीय संघ ने शुल्क लगाया है उनका वार्षिक आयात 2.8 अरब यूरो है.
तस्वीर: Shaun Dunphy / CC BY-SA 2.0
सर्विसेज में यात्रा और शिक्षा शामिल
219 अरब का आयात किया और 218 अरब यूरो का निर्यात किया. इनमें प्रोफेशनल और मैनेजमेंट सर्विस, बौद्धिक संपदा, यात्रा और शिक्षा शामिल थे. यूरोप और अमेरिका के बीच होने वाले कारोबार का एक तिहाई कंपनियों के बीच आपासी लेन देने के रूप में होता है.