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अमेरिका से कभी बात नहीं करेगा ईरान: खामेनेई

१७ सितम्बर २०१९

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातोल्लाह खामेनेई ने कहा है कि उनका देश अमेरिका से सीधी बातचीत नहीं करेगा. खामेनेई का कहना है कि अगर अमेरिका 2015 की परमाणु डील पर लौट आता है तो बहुपक्षीय बातचीत में ईरान शामिल हो सकता है.

Iran Teheran | Ayatollah Ali Khamenei spricht zu iranischen Geistlichen
तस्वीर: picture-alliance/abaca/Parspix

मंगलवार को ईरान के सरकारी टीवी चैनल ने सर्वोच्च नेता अयातोल्लाह खामेनेई के हवाले से कहा, "ईरानी अधिकारी किसी भी स्तर पर कभी भी अमेरिकी अधिकारियों से बातचीत नहीं करेंगे... यह उनकी ईरान पर दबाव बनाने की नीति का हिस्सा है... उनकी ईरान पर अधिकतम दबाव डालने की नीति नाकाम होगी." खामेनेई के मुताबिक ईरान के सभी अधिकारी इस बात पर यकीन रखते हैं. उनका यह भी कहना है, "अगर अमेरिका अपना व्यवहार बदलता है और 2015 के परमाणु करार पर लौट आता है तो इस करार के बाकी सहयोगियों के साथ बातचीत में ईरान शामिल हो सकता है."

इसी महीने फ्रांस में जी7 देशों की बैठक के समापन के समय फ्रांस के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से ईरान के मुद्दे पर बात की. इसके बाद ट्रंप ने कहा था कि अगर परिस्थितियां उचित हुईं तो वह ईरान से बात कर सकते हैं. इसी महीने संयुक्त राष्ट्र की आमसभा होने वाली है और उम्मीद की जा रही है कि इस दौरान भी ईरान का मुद्दा छाया रहेगा.

तस्वीर: Getty Images/AFP/J. Watson

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने पिछले साल परमाणु करार से बाहर आने का एकतरफा एलान कर दिया. इसके बाद ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए गए. अमेरिका की "अधिकतम दबाव" की नीति के जवाब में ईरान भी अपने वादे से पीछे हट गया और नाभिकीय संवर्धन को तेज करने की बात कही. ईरान का आरोप है कि अमेरिकी प्रतिबंधों की आंच से उसे बचाने में यूरोपीय देश नाकाम रहे हैं. ईरान के साथ समझौते में संयुक्त राष्ट् सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों के अलावा जर्मनी भी शामिल था.

खामेनेई का कहना है, "अगर हम उनके दबाव के आगे झुक गए और अमेरिकी लोगों से बात की, तो वे यह दिखाएंगे कि अधिकतम दबाव बनाने की उनकी नीति कामयाब हो गई. उन्हें यह पता होना चाहिए कि इस नीति का हमारे लिए कोई मोल नहीं है."

हमले के बाद आग में घिरा सऊदी अरब का तेल संयंत्रतस्वीर: Reuters

बीते हफ्ते के आखिर में सऊदी अरब के तेल संयंत्रों पर ड्रोन के हमलों के बाद अमेरिका और ईरान के संबंधों में जारी तनाव बढ़ गया है. इस हमले की वजह से तेल की कीमतें बढ़ गई हैं और मध्यपूर्व में टकराव की आशंका पैदा हो गई है. सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा कि ऐसा लगता है कि ईरान इन हमलों के पीछे है लेकिन इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह जंग नहीं छेड़ेंगे. उधर ईरान ने इन हमलों में शामिल होने से इनकार किया है.

सऊदी अरब का कहना है कि यह हमला ईरानी हथियारों से किया गया और वह इनका जवाब देने में सक्षम है. सऊदी अरब ने संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों से इस हमले की जांच में मदद मांगी है.

एनआर/आरपी(रॉयटर्स)

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