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अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर मंदी की मार

शिवप्रसाद जोशी१८ जनवरी २००८

तुरत फुरत का विशाल पैकेज तैयार

बुश के सामने अमेरिका की आर्थिक तस्वीर को चमकाने की चुनौती
बुश के सामने अमेरिका की आर्थिक तस्वीर को चमकाने की चुनौतीतस्वीर: AP

अमेरिका को आर्थिक मंदी से ऊबारने के लिए बुश प्रशासन एड़ी चोटी का ज़ोर लगा रहा है। संघीय बैंक के चेयरमैन बेन बरनान्के और राष्ट्रपति जॉर्ज बुश दोनों इस बात पर सहमत है कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए किसी आकर्षक धक्के की ज़रूरत है। यानी उसे गति देने वाला पैकेज लाना होगा। बरनान्के ने सौ अरब से डेढ़ सौ अरब डॉलर तक के एक पैकेज का प्रस्ताव रखा है। और कांग्रेस से अपील की है कि इस पर तेज़ी से कार्रवाई करें। संघीय बैंक के चेयरमैन बरनान्के ने अमेरिकी कांग्रेस की बजट कमेटी को बताया कि मंदी से निपटने के लिए बैंक कोई भी जोखिम उठाने के लिए तैयार है। उनके मुताबिक टैक्स में कटौती से कदमों की समय सीमा तय करनी होगी ताकि संघीय बजट घाटे में बढ़ोतरी को रोका जा सके। बरनान्के ने कहा कि इस बारे मे जल्द से जल्द बिल लाकर उसे पास करा दिया जाए. आमतौर पर बुश की खिंचाई करने वाली डेमोक्रेटों के बहुमत वाली कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार के साथ नज़र आ रही है। अमेरिका को इस आर्थिक मंदी के खतरे ने परेशान कर दिया है और राष्ट्रपति बुश संसदीय नेताओं के साथ एक आपात बैठक कर रहे हैं। उधर राष्ट्रपति चुनाव में भी ये मुद्दा छा गया है। रिपब्लिकन और डेमोक्रेट पार्टी के दावेदार अपने अपने चुनाव प्रचार में मंदी से उबरने के तरीके सुझा रहे हैं।

उधर यूरोपीय देश भी बाज़ार की उथलपुथल से परेशान हैं। ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस और इटली के वित्त मंत्रियों की पेरिस में बैठक हुई। जिसमें वित्तीय बाज़ार की इस हलचल से निपटने के लिए साझा यूरोपीय रणनीति बनाने पर ज़ोर दिया गया। अमेरिकी सब प्राइम गिरवी संकट से वित्तीय बाज़ार में आयी इस गिरावट के बीच मंत्रियों ने माना कि बाज़ार और बैकिंग सेक्टर में पारदर्शिता लाने के तरीकों पर साझा सहमति बनाना ज़रूरी है।

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