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अमेरिकी कंपनी पर मानव तस्करी का मुकदमा

२२ फ़रवरी २०११

2005 के समुद्री चक्रवात कैटरीना के बाद शिपयार्ड में काम के लिए अमेरिका ले जाए गए पांच सौ भारतीयों ने एक अमेरिकी कंपनी पर मानव तस्करी का आरोप लगाया है. सिग्नल इंटरनेशनल और उसकी साथी कंपनियों पर मुकदमा हुआ.

भारतीयों के शोषण का आरोपतस्वीर: AP

अमेरिकी सिविल लिबरटीज यूनियन (एसीएलयू) ने कहा है कि अगर मुकदमे को मंजूरी मिल गई तो यह अमेरिकी इतिहास में मानव तस्करी का सबसे बड़ा मामला होगा. बयान में कहा गया है कि भारतीय मजूदरों को कथित रूप से यह लालच दे कर अमेरिका लाया गया कि उन्हें कानूनी रूप से अमेरिका का निवासी बनाया जाएगा और उनके पास बेहतर जिंदगी के भरपूर मौकें होंगे.

एसीएलयू 500 अस्थायी मजदूरों की तरफ से दायर किए गए इस मुकदमे से जुड़ी है. बताया जाता है कि इन मजदूरों को अमेरिकी संघीय सरकार के एच-2 बी वीजा के तहत अमेरिका लाया गया. शिकायत में आरोप लगाया है कि जहाजरानी उद्योग की कंपनी सिग्नल इंटरनेशनल के एजेंटों ने इन मजदूरों के पासपोर्ट और वीजा भी अपने पास रख लिए, उनसे भर्ती के लिए भारी भरकम फीस भी वसूली गई और यह भी धमकी दी गई कि अगर उन्होंने अस्थाई कामगार वीजा पर काम नहीं किया तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी और शारीरिक दंड भी उन्हें भुगतना पड़ सकता है.

एसीएलयू ने आरोप लगया है कि इन अस्थाई कामगारों के हितों की रक्षा करने में संघीय सरकार भी नाकाम रही. शिकायत में कहा गया है कि कामकारों के साथ हुआ व्यवहार विक्टिम ऑफ ट्रैफिकिंग एंड वायलेंस प्रोटेक्शन एक्ट और रेकेटियर इन्फ्यूएंस एंड करप्ट ऑर्गेनाइजेशन एक्ट का उल्लंघन होता है. सिग्नल के मिसिसिप्पी, टेक्सस और अलाबामा में कई शिपयार्ड हैं और वह कई बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए काम करती है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः आभा एम

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