अमेरिकी कार्रवाई के खिलाफ पाक में प्रदर्शन
५ मई २०११![Technischer Hinweis: Waehrend der Aufnahme wurde die Kamera bei offener Blende gedreht. +++ Verschiedene arabische Zeitungen machen am Dienstag (03.05.11) in Berlin mit dem Tod des Terroristen Osama bin Laden auf. Selten loeste ein Einzelereignis ein solches Medienecho aus, wie die Toetung von Al-Kaida-Chef Osama bin Laden durch US-Soldaten in Pakistan. Kaum eine deutsche Zeitung, die am Dienstag ueber den verhassten Terroristen und seinen Tod nicht auf mehreren Seiten und ressortuebergreifend berichtete. Die Titelseiten gehoerten dem Mann ohnehin, der zur Symbolfigur des islamistischen Terrors wurde. (zu dapd-Text) Foto: Steffi Loos/dapd](https://static.dw.com/image/6519623_800.webp)
पाकिस्तान में कई लोगों में इस बात को लेकर नाराजगी है कि अमेरिकी सैनिक बिना इजाजत उनके देश में घुस आए और अब कार्रवाई की कोई जानकारी देने से भी इनकार कर रहे हैं. पाकिस्तान की सबसे प्रभावशाली इस्लामी पार्टी जमात ए इस्लामी (जेआई) ने लोगों से अपील की है कि वो अमेरिका द्वारा पाकिस्तान में की गई कार्रवाई पर विरोध जताने के लिए प्रदर्शन में हिस्सा लें.
जमात ए इस्लामी ने कहा है कि अमेरिका ने एबटाबाद में अपनी सेना भेज कर देश की संप्रभुता पर हमला किया है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. पार्टी की मांग है कि पाकिस्तान सरकार अमेरिका का सहयोग बंद कर दे. जमात ए इस्लामी के प्रमुख सैयद मुनव्वर हसन ने कहा, "हमने सबसे अपील की है कि शुक्रवार को बढ़ चढ़ कर शांतिपूर्ण प्रदर्शन में हिस्सा लें. हमारी पहली मांग यही है कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई से पीछे हट जाए."
अमेरिका के लिए आतंकवाद और पड़ोसी देश अफगानिस्तान में तालिबान से लड़ाई में पाकिस्तान का सहयोग अहम है. लेकिन इस तरह की कार्रवाई से देश के लोगों में अमेरिका विरोधी भावना पैदा हो रही है. बिन लादेन की मौत के बाद सोमवार को पाकिस्तान में छोटे स्तर पर कुछ प्रदर्शन हुए. पाकिस्तान में धार्मिक पार्टियों की पकड़ बहुत खास नहीं है. लेकिन पिछले कुछ समय में इनकी लोकप्रियता बढ़ी है. अब बिन लादेन की मौत का विषय उठा कर वो लोगों में अपनी जगह बनना चाह रहे हैं. इससे पहले बिन लादेन को समुद्र में दफनाने पर भी इस्लामी पार्टियों ने नाराजगी जताई है.
आतंकवादी संगठन लशकर ए तैयबा ने खास प्रार्थना आयोजित की और बिन लादेन को शहीद घोषित किया.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ईशा भाटिया
संपादन: ए जमाल