अमेरिकी संसद पर हिंसक प्रदर्शनकारियों के हमलों के बाद जर्मन संसद की सुरक्षा को सख्त करने पर विचार हो रहा है. पिछले साल कोरोना विरोधी प्रदर्शनकारियों ने जर्मन संसद के सामने हिंसक प्रदर्शन किया था.
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जर्मन संसद के निचले सदन बुंडेस्टाग के अध्यक्ष वोल्फगांग शॉएब्ले ने कहा कि अधिकारी जर्मन संसद की सुरक्षा के लिए जरूरी उपायों की समीक्षा करेंगे. शॉएब्ले ने कहा कि अधिकारी जो भी समीक्षा करेंगे, फिर उस पर उनका कार्यालय विचार करेगा. जर्मन सरकार ने अमेरिका में अपने दूतावास से भी इस बारे में रिपोर्ट मांगी है कि "कैपिटॉल पर हिंसक उपद्रवी किस तरह पहुंच गए."
जर्मन संसद की सुरक्षा को बेहतर करने के लिए संसद में प्रतिनिधित्व रखने वाली सभी पार्टियों के सुरक्षा प्रतिनिधियों से भी बात किए जाने की संभावना है. इस बारे में बर्लिन राज्य और जर्मनी के गृह मंत्रालय के अधिकारियों की राय भी ली जाएगी.
वॉशिंगटन की घटना पर जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने कहा कि इस पर उन्हें "गुस्सा भी आया और दुख भी हुआ". उन्होंने कहा कि कुछ हद तक इसकी जिम्मेदारी अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप पर भी है जिन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में अपनी हार नहीं मानी.
वैसे जर्मन संसद की सुरक्षा की समीक्षा की अकेली वजह वॉशिंगटन की घटना नहीं है. इससे पहले अगस्त में कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने भी जर्मन संसद की इमारत में घुसने की कोशिश की थी. नवंबर में भी ऐसी कोशिश देखने को मिली. इसके बाद जर्मन संसद की सुरक्षा को लेकर लगातार चर्चा हो रही है.
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दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र को ट्रंप समर्थकों ने हिला डाला !
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के समर्थकों ने बुधवार 6 जनवरी 2021 को एक मार्च के दौरान कैपिटल हिल पर धावा बोल दिया. सुरक्षाकर्मियों के साथ उनकी झड़प हुई और समर्थकों के पास से हथियार जब्त किए गए.
तस्वीर: Win McNamee/Getty Images
ट्रंप समर्थकों का बवाल
हाल के कई सालों में अमेरिका से इस तरह की तस्वीरें सामने नहीं आई हैं. सत्ता हस्तांतरण से पहले हिंसा और बवाल ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को हिला कर रख दिया. आरोप ट्रंप समर्थकों पर लगा कि उन्होंने कैपिटल हिल में घुसकर तोड़फोड़ की और उस पर कब्जे की कोशिश की.
तस्वीर: Brendan Smialowski/AFP/Getty Images
चार की मौत
पुलिस और सुरक्षाबलों के साथ झड़प में अब तक चार लोगों की मौत हुई और 52 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. दरअसल कैपिटल बिल्डिंग में कांग्रेस के दोनों सदनों में चर्चा हो रही थी और नव निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन की जीत की पुष्टि की जानी थी. इसी दौरान वहां हजारों लोग परिसर में घुस आए और बवाल काटा.
तस्वीर: Win McNamee/Getty Images
हथियार, डंडे और झंडे से लैस
वॉशिंगटन डीसी के पुलिस प्रमुख रॉबर्ट कॉन्टे के मुताबिक अब तक 52 में से 47 लोगों को रात का कर्फ्यू के उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. कई और लोगों को गैरकानूनी रूप से हथियार रखने या प्रतिबंधित हथियार के साथ चलने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. कुछ समर्थकों ने स्प्रे का इस्तेमाल सुरक्षाकर्मियों पर हमला करने के लिए किया.
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सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प
ट्रंप समर्थकों के बवाल के दौरान 14 पुलिस अफसर घायल हो गए और दो अफसर अभी भी अस्पताल में दाखिल हैं. वॉशिंगटन की मेयर म्यूरियल बॉउसर ने शहर में 15 दिन के इमरजेंसी का ऐलान कर दिया है. यह इमरजेंसी 21 जनवरी तक लागू रहेगी. बॉउसर ने कहा है कि पुलिस जनता से दंगा करने वालों की पहचान करने की मदद मांगने का इरादा कर रही है.
तस्वीर: Win McNamee/Getty Images
संघर्ष
कैपिटल हिल परिसर में तैनात सुरक्षाकर्मियों को ट्रंप समर्थकों से निपटने में खासी मशक्कत करनी पड़ी. हिंसा की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुए. पुलिस से ट्रंप समर्थकों का भिड़ना और कुछ समर्थकों का संसद के भीतर दाखिल होने का वीडियो पूरी दुनिया ने देखा.
तस्वीर: Tasos Katopodis/Getty Images
मार्च के बहाने कैपिटल हिल पर हमला!
बुधवार 6 जनवरी को कैपिटल हिल बिल्डिंग में अमेरिकी कांग्रेस जो बाइडेन की जीत की पुष्टि के लिए बैठी तभी हजारों ट्रंप समर्थकों ने वॉशिंगटन में मार्च निकाला और कैपिटल हिल पर धावा बोल दिया. ट्रंप समर्थकों के मार्च को लेकर सुरक्षा बढ़ाई गई लेकिन देखते ही देखते वे बिल्डिंग की ओर बढ़ गए. उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे गए.
तस्वीर: Tasos Katopodis/Getty Images
हिंसा की निंदा
हंगामे और हिंसा की निंदा पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा समेत कई नेताओं ने की है. उनके अलावा नव निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ट्रंप से देश से माफी मांगने की सलाह दी है. उन्होंने ट्रंप को अपने समर्थकों को समझाने के लिए कहा है.
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हार नहीं मानेंगे ट्रंप!
राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने संसद का सत्र शुरू होने से ठीक पहले कहा था कि वह चुनाव में हार को स्वीकार नहीं करेंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि इसमें धांधली हुई और यह धांधली उनके प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन के लिए की गई थी.
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अपनी तरफ भी देखें...
जर्मन विदेश मंत्री हाइको मास ने अमेरिकी संसद पर ट्रंप समर्थकों के धावे और लॉकडाउन विरोधी प्रदर्शनकारियों की जर्मन संसद में घुसने की कोशिश की तुलना की है. इसके साथ ही उन्होंने जर्मनी के हाले और हानाऊ में हुए हमलों का भी जिक्र किया. उनका कहना है कि अमेरिका पर ऊंगली उठाने से पहले अपने आसपास भी देखना होगा.
मास ने कहा, "यहां तक कि हानाऊ में, हाले में और राइषटाग (जर्मन संसद) की सीढ़ियों पर, हमने अनुभव किया कि कैसे आवेश और भड़काऊ शब्द घृणित कृत्यों में बदल गए. " मास ने अमेरिकी संसद पर हुए हमले पर अपनी प्रतिक्रिया में राइषटाग पर हुई घटनाओं का जिक्र किया.
धुर दक्षिणपंथी एएफडी पार्टी के कुछ सांसदों पर प्रदर्शनकारियों को जर्मन संसद में बुलाने का आरोप है. कुछ सांसद तो आक्रामक तरीके से आगे बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों में शामिल दिखे थे. प्रदर्शनकारियों ने कई सांसदों के साथ बदसलूकी भी की.
लेकिन गुरुवार को एएफडी पार्टी ने बयान जारी कर कहा कि पिछले साल राइषटाग पर हुए प्रदर्शनों से उसका कुछ लेना देना नहीं है. पार्टी का कहना है कि दूसरे लोग राजनीतिक फायदे के लिए अमेरिका के हालिया घटनाक्रम का इस्तेमाल कर रहे हैं. पार्टी के नेताओं ने एक बयान में कहा, "जो कोई भी वॉशिंगटन में अशांति की तुलना बर्लिन में पिछले साल राइषटाग के सामने हुए प्रदर्शन से कर रहा है, वह जर्मनी में राजनीतिक कारणों से अराजक घटनाओं को इस्तेमाल कर रहा है."