अमेरिकी संसद के निचले सदन में विपक्षी डेमोक्रैटिक पार्टी का बहुमत होने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं. हालांकि ऊपरी सदन सीनेट पर ट्रंप की रिपब्लकिन पार्टी का नियंत्रण है.
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डेमोक्रैटिक पार्टी ने प्रतिनिधि सभा में अपना दबदबा कायम होने के बाद कहा है कि पिछले दो साल के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप के कार्यकाल में जो कुछ हुआ है, उसके लिए रिपब्लिकनों को जबावदेह बनाया जाएगा.
अमेरिका के मध्यावधि चुनावों को ट्रंप के कार्यकाल पर एक जनमत संग्रह माना जा रहा था और प्रतिनिधि सभा में डेमोक्रैट्स का बहुमत होना उनके लिए बड़ा झटका है. राष्ट्रपति ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान अपनी पूरी ताकत लगा दी थी. इस दौरान सियासी छींटाकशी के साथ साथ नस्लवाद और आप्रवासन के मुद्दों को भी खूब उछाला गया.
चुनाव नतीजों के रुझान बताते हैं कि डेमोक्रैट्स को प्रतिनिधि सभा में 30 सीटें ज्यादा मिलने जा रही हैं जबकि उन्हें साधारण बहुमत के लिए सिर्फ 23 सीटों की जरूरत थी. पिछले आठ साल के दौरान यह पहला मौका है जब 435 सदस्यों वाले सदन में डेमोक्रैटिक पार्टी का बहुमत कायम हो रहा है.
अब तक ये सभी डील तोड़ चुके हैं ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप कभी अपने ट्वीट तो कभी अपने फैसलों के चलते चर्चा में बने रहते हैं. ट्रंप ने जिस दिन से पद संभाला है, उस दिन से लेकर अब तक वह कई समझौतों, करारों और साझेदारियों को तोड़ चुके हैं.
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ईरान परमाणु संधि
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की नजर में ईरान परमाणु संधि अब तक का सबसे घटिया समझौता है. साल 2015 में हुए ईरान परमाणु समझौते के तहत ईरान ने अपने करीब नौ टन अल्प संवर्धित यूरेनियम भंडार को कम करके 300 किलोग्राम तक करने की शर्त स्वीकार की थी. इस समझौते का मकसद था परमाणु कार्यक्रमों को रोकना. इन शर्तों के बदले में पश्चिमी देश ईरान पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंध हटाने पर सहमत हुए थे.
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ट्रांस पैसिफिक पार्टनरशिप
2016 में बराक ओबामा ने "ट्रांस पैसिफिक पार्टनरशिप" (टीपीपी) पर दस्तखत किए थे. टीपीपी प्रशांत महासागरीय क्षेत्र में स्थित 11 देशों के बीच हुआ एक व्यापार समझौता है. उद्देश्य था इन देशों के बीच आयात-निर्यात पर लगने वाले शुल्क में कमी लाना. लेकिन ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर दस्तखत कर इससे बाहर निकलने की घोषणा कर दी.
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पेरिस जलवायु समझौता
जून 2017 में ट्रंप ने पेरिस जलवायु समझौते से पीछे हटने की घोषणा की थी. साल 2015 के पेरिस जलवायु समझौते में दुनिया के लगभग 195 देशों ने हस्ताक्षर किए थे. यह समझौता दुनिया भर के तापमान में वृद्धि को 2 डिग्री सेल्सियस पर रोकने की बात करता है. ट्रंप को इस फैसले के चलते दुनिया की काफी आलोचना सहनी पड़ी थी.
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घरेलू पर्यवारण नियमन
डॉनल्ड ट्रंप ने न केवल अंतराराष्ट्रीय करारों और संधियों पर सख्ती दिखाई. बल्कि अमेरिका के भीतर भी ट्रंप ने पर्यावरण से जुड़े कई नियमों में उलटफेर किय. हाल में ही अमेरिका की एनवायरमेंट प्रोटेक्शन एजेसी के प्रमुख स्कॉट प्रूइट ने कहा था कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में जिन वाहन उत्सर्जन मानकों को तय किया गया उन्हें खत्म किया जाएगा.
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ओबामाकेयर
'द पेशंट प्रोटेक्शन एंड एफोर्डेबल केयर एक्ट' (पीपीएसीए) को बराक ओबामा आम अमेरिकियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के मकसद से लाए थे. इस हेल्थकेयर प्लान के तौर पर शुरू किया गया था. जो ओबामाकेयर नाम के मशहूर है. साल 2010 पर इस पर कानून बना. मकसद था स्वास्थ्य मामलों पर खर्च की जानेवाली रकम को कम करना. लेकिन इसकी जगह ट्रंप नया हेल्थ केयर बिल लेकर आए हैं. (क्रिस्टीना बुराक/एए)
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राष्ट्रपति ट्रंप के लिए राहत की बात यह है कि अमेरिकी कांग्रेस के ऊपरी सदन में उनकी पार्टी का दबदबा हो गया है. वैसे डेमोक्रैट्स को उम्मीद भी नहीं थी कि वह सीनेट में बहुमत पा सकते हैं. उन्हें मतदाताओं का इस कदर समर्थन नहीं मिल पाया कि संसद के दोनों सदनों में उनका बहुमत हो सके.
प्रतिनिधि सभा में बहुमत होने के बाद अब डेमौक्रैट्स सदन की ऐसी समितियों का नेतृत्व करेंगे जो राष्ट्रपति ट्रंप के टैक्स रिटर्न, संभावित व्यापारिक हितों के टकराव और 2016 के राष्ट्रपति चुनावों में रूस की संदिग्ध भूमिका जैसे विषयों की छानबीन कर सकते हैं.
डेमोक्रैट्स कई और अहम मु्ददों पर राष्ट्रपति ट्रंप को कदम पीछे हटाने के लिए मजबूर कर सकते हैं, जिनमें मेक्सिको की सीमा पर दीवार बनाना, बड़ी टैक्स कटौतियों का पैकेज या फिर व्यापार के मुद्दे पर सख्त नीतियां शामिल हैं. वैसे प्रतिनिधि सभा में अपनी पार्टी के खराब प्रदर्शन के बावजूद ट्रंप ने ट्विटर पर लिखा, "आज की रात शानदार कामयाबी. सबका बहुत बहुत शुक्रिया"
आम तौर पर अमेरिका में जो भी राष्ट्रपति होता है, उसकी पार्टी को मध्यावधि चुनावों में हार का मुंह देखना पड़ता है. 2010 के मध्यावधि चुनावों में तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा की डेमोक्रैटिक पार्टी को भी बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था.
अरे ये असली नहीं, उनके हमशक्ल हैं
कहते हैं कि दुनिया में एक जैसी शक्ल कम से कम सात लोग मौजूद होते हैं. तो चलिए आज मिलते हैं दुनिया भर के नेताओं के हमशक्लों से.
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हम साथ साथ हैं
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की सिंगापुर में मुलाकात के मौके पर उनके हमशक्ल भी वहां पहुंचे हैं. वैले यह फोटो दक्षिण कोरिया में हुए शीत ओलंपिक खेलों के समय की है जहां उन्होंने लोगों का खूब मनोरंजन किया.
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किम का जलवा
उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन की तरह दिखने वाले कई लोग इन दिनों सोशल मीडिया पर मशहूर हो रहे हैं. ये लोग अपने बाल और पहनावा भी बिल्कुल उन्हीं के जैसा रखते हैं.
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मोदी और रामदेव
भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योग गुरु रामदेव से मिलते जुलते चेहरों वाले भी कई लोग मिल जाते हैं. खास कर चुनावी मौसम में होने वाली रैलियों में उन्हें खास तौर से देखा जाता है.
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यस वी कैन
आ गए ना पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा याद. वैसे इन जनाब का नाम इल्हाम अनास है और वे इंडोनेशिया के हैं. पेशे से फोटोग्राफर हैं, लेकिन कई लोग उनके साथ फोटो खिंचवाने के लिए उतावले रहते हैं.
तस्वीर: AP
स्टालिन, क्लिंटन और मैर्केल
रूसी शासक स्टालिन, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल. तीनों एक साथ. नहीं. ये तो (बाएं से) लोथार वंडरलिश, स्टेफान टोमासी और सुजाने क्नोल हैं. तस्वीर 2005 की है.
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फिर से मैर्केल
जर्मन शहर ल्यूबेक की रहने वाली और चांसलर मैर्केल की हमशक्ल सुजाने क्नोल राजनीति में दिलचस्प भी रखती हैं. हालांकि वह मैर्केल की पार्टी सीडीयू नहीं, बल्कि सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी एसपीडी की सदस्य हैं.
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व्लादिमीर पुतिन
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ताकत और दबंगई के प्रतीक हैं. वैसे यहां आप उन्हें नहीं, बल्कि उनके एक हमशक्ल को देख रहे हैं. तस्वीर रूस में 2013 में हुई वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के दौरान ली गई.
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क्वीन एलिजाबेथ?
17 जून 2000 को यूरो कप में इंग्लैड और जर्मनी के बीच फुटबॉल मुकाबला था. तभी वहां ब्रिटेन की महारानी क्वीन एलिजाबेथ की एक हमशक्ल ने पहुंच कर कई लोगों को हैरान कर दिया.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/M. Limina
पोप जॉन पॉल द्वितीय
यह है इटली का एक स्ट्रीट आर्टिस्ट जिसने खुद को पोप जॉन पॉल द्वितीय के रंग रूप में ढाला हुआ है. यह तस्वीर अप्रैल 2014 की है जब पोप जॉन पॉल और पोप जॉन 23वें को संत घोषित किया गया था.