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अमेरिकी बच्चे के कदमों में दुनिया

२५ दिसम्बर २०११

अथाह ठंड और अत्यंत विषम परिस्थितियों पर जीत हासिल करते हुए अमेरिका के 15 साल के किशोर ने इतिहास रचा. दो साल पहले माउंट एवरेस्ट पर फतह पाने वाले जॉर्डन ने शनिवार को दुनिया की सातवीं ऊंची चोटी पर कदम रखा.

तस्वीर: Zdravko Dejanovic

जॉर्डन रोमेरो की मां ने शनिवार को इस बात की पुष्टि कर दी कि उनका बेटा अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ गया है. जबरदस्त सर्दी के बावजूद जॉर्डन ने विन्सन मैसिफ पर विजय पाई. साथ में पिता और सौतेली मां भी विन्सन मैसिफ भी पर्वत के के शीर्ष पर पहुंचे. सात चोटियों पर विजय पाने के अभियान को पूरा करते ही जॉर्डन ने कैलीफोर्नियां में अपनी मां लीघ एन ड्राके से संपर्क किया. 15 साल का किशोर इससे पहले दुनिया की छह अन्य ऊंची चोटियों को चूम चुका है.

जॉर्डन ने हर महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ने का अभियान छह साल पहले शुरू किया. 10 साल की उम्र में उन्होंने अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किलीमंजारो पर चढ़ाई की. 13 साल की उम्र में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर विजय पाकर जॉर्डन ने दुनिया को चौंका दिया.

इससे पहले सबसे कम में उम्र में हर महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी पर चढने का रिकॉर्ड ब्रिटेन के जॉर्ज एटकिंसन के नाम था. एटकिंसन ने 16 साल की उम्र में सातों महाद्वीपों की चोटियों पर विजय पाई. लेकिन 2007 में अमेरिका के जॉर्डन ने 'अपने लिए एवरेस्ट खोजो' का नारा लगाया और हिम्मत की असीम पराकाष्ठा दिखाते हुए 2011 को अपने रिकॉर्ड का गवाह बना डाला.

रिपोर्ट: एपी/ओ सिंह

संपादन: एन रंजन

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