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अमेरिकी मध्यावधि चुनाव : किस दिशा में?

३ नवम्बर २०१०

मंगलवार को मध्यावधि चुनाव का मतदान मौजूदा अमेरिकी कांग्रेस के भाग्य के लिए एक निर्णायक मतदान है, जो राष्ट्रपति बराक ओबामा और सत्ताधारी डैमोक्रैटों के लिए अच्छी खबर लाता नहीं जान पड़ता.

पैलिनः जीत की तैयारी?तस्वीर: AP

रिपब्लिकनों से बड़े स्तर पर सीटें हासिल करने की उम्मीद की जा रही है. अगर रिपब्लिकन कांग्रेस में बहुमत नहीं भी बना पाते, तब भी डेमोक्रैट अगले दो वर्षों में नई कांग्रेस में अपने नाममात्र के बहुमत से शायद ही कोई बड़ा काम अंजाम दे पाएं.

भारतीयों की भागीदारी

इन चुनावों पर 28 लाख से अधिक भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों की आंखें भी लगी हैं. भारतीय मूल के लगभग आधा दर्जन उम्मीदवार कांग्रेस के मुकाबलों में शामिल हैं. इसके अलावा साउथ कैरोलाइना राज्य के गवर्नर के पद के लिए भारतीय मूल की रिपब्लिकन निक्की रंधावा हेली अपने डेमोक्रैट प्रतिद्वंद्वी को कड़ा मुकाबला दे रही हैं. अगर वह जीत जाती हैं, तो वह अमेरिका में भारतीय मूल की दूसरी गवर्नर होंगी. भारतीय मूल के पहले गवर्नर हैं लुइजियाना राज्य के गवर्नर बॉबी जिंदल हैं.

कांग्रेस चुनावः किस राज्य में कौनसी पार्टी भारी

कांग्रेस

इस चुनाव में कांग्रेस के निचले सदन प्रतिनिधिसभा की सभी 435 सीटें दांव पर लगी हैं. सीनेट की 37 सीटों के लिए मतदान हो रहा है. और 37 राज्य अपने गवर्नर चुन रहे हैं. समझा जाता है कि रिपब्लिकन प्रतिनिधिसभा की कम से कम वे 40 सीटें हासिल करने में सफल जो जाएंगे, जिनकी उन्हें सदन का नियंत्रण संभालने के लिए आवश्यकता है.

इंडियाना, ओहायो और इलिनॉय जैसे मध्यपश्चिमी राज्यों में डेमोक्रैटों की हालत विशेष रूप से पतली है. अगर इन राज्यों में रिपब्लिकन उम्मीदवार अपनी गवर्नरशिप को बचाने का प्रयास कर रहे डेमोक्रैटों को पछाड़ देते हैं, तो शायद यह इस बात का स्पष्ट संकेत होगा कि वह देश भर में भारी स्तर पर जीत के निकट है. इसी तरह पैनसिल्वनिया में भी डेमोक्रैटिक पार्टी के लिए आसार अच्छे दिखाई नहीं देते. दक्षिणी राज्यों जॉर्जिया और साउथ कैरोलाइना और विशेष रूप से फ्लोरिडा पर भी सब की आंखें लगी हुई हैं.

हालांकि अगर मंगलवार की शाम को अगर रिपब्लिकन जोर पकड़ते दिखाई देते हैं, तो प्रतिनिधिसभा में कुल मिलाकर रिपब्लिकन बहुमत सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सीटें हासिल करने में समय लगेगा. कारण है, पश्चिमी राज्यों कैलिफोर्निया, वॉशिंगटन और ऑरेगन में कई घंटे बाद समाप्त होने वाला मतदान. इन राज्यों में प्रतिनिधिसभा की 67 सीटें दांव पर लगी हैं.

प्रचार कर रहे ओबामातस्वीर: AP

सीनेट

सीनेट की होड़ डेमोक्रैटों के लिए अधिक टेढ़ी खीर साबित हो सकती है, जहां नियंत्रण संभालने के लिए उन्हें इस चुनाव में 10 सीटें हर हाल में हासिल करनी होंगी. रिपब्लिकन इंडियाना की सीट शायद आसानी से जीत जाएं. लेकिन अगर कैन्टकी में रिपब्लिकन उम्मीदवार रैंड पॉल खरे नहीं उतरते, तो यह डेमोक्रैटों के लिए आशा का संकेत होगा और टी पार्टी सक्रियवादियों के लिए एक आघात. टी पार्टी आंदोलन से ही रिपब्लिकनों की एक बार फिर सत्ते में लौटने की आस बंधी है. वेस्ट वर्जीनिया राज्य की एक सीट के लिए चल रहा मुकाबला रिपब्लिकनों के लिए अच्छी खबर ला सकता है, जो एक लंबे अर्से तक दिवंगत डेमोक्रैट सेनेटर रॉबर्ट बर्ड के पास थी.

एक बहुत ही चर्चित और कांटे का मुक़ाबला सीनेट में बहुमत के नेता डेमोक्रैट हैरी रीड की नेवाडा राज्य की सीट को लेकर जारी है, जहां टी पार्टी की पसंदीदा उम्मीदवार शैरन ऐंगल उन्हें कड़ी टक्कर दे रही हैं.

गवर्नर

हालांकि सारी तवज्जो इस समय कांग्रेस पर है, देश भर के कई राज्यों के गवर्नरों के मुक़ाबलों को लेकर कुछ कम सस्पेंस नहीं है. इनमें से सबसे अधिक चर्चित होड़ साउथ कैरोलाइना के गवर्नर पद के लिए है, जहां भारतीय मूल की रिपब्लिकन उम्मीदवार निक्की (रंधावा) हेली के डेमोक्रैट विन्सैंट शीहन के ख़िलाफ़ जीतने की संभावना बताई जा रही है. निक्की हेली की लोकप्रियता के पीछे उपराष्ट्रपतिपद की पूर्व प्रत्याशी सैरा पेलिन के अनुमोदन और टी पार्टी के समर्थन का बहुत बड़ा हाथ है.

उत्तरपूर्व में भी डेमोक्रैटों को रिपब्लिकनों से कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. मैसाचुसेट्स, वरमॉन्ट, मेन और कनैटीकट में रिपब्लिकन आगे बताए जाते हैं. उदारवादी गढ़ मैसाचुसेट्स में रिपब्लिकन जीत का अर्थ होगा कि टैक्सों और सरकार के बड़े आकार को लेकर टी पार्टी आंदोलन के रूप में उभरा गुस्सा रंग ला रहा है. फ्लोरिडा की सीट के मुक़ाबले को लेकर भी काफी सस्पैंस मौजूद है. कैलीफ़ोर्निया के निवर्तमान गवर्नर प्रसिद्ध फिल्म स्टार आर्नल्ड श्वार्ज़नेगर की सीट के लिए अरबपति महिला मैग व्हिटमन और पूर्व गवर्नर जैरी ब्राउन के बीच कड़ी टक्कर है.

राष्ट्रपति चुनाव

डेमोक्रैट्सः पतली हालततस्वीर: AP

हालांकि राष्ट्रपति के चुनाव में अभी दो वर्ष बाक़ी हैं, लेकिन कांग्रेस और गवर्नरों के इन चुनावों के परिणाम 2012 के उस चुनाव के रुख का पता देने वाला एक संकेत होगा. सारा पेलिन के अनुमोदन ने कई रिपब्लिकन उम्मीदवारों की लोकप्रियता बढ़ाने में सहायता की है. अगर ये उम्मीदवार जीतते हैं, तो यह 2012 में पेलिन के राष्ट्रपति पद की संभावित उम्मीदवारी के लिए अच्छी खबर हो सकती है.

जहां तक राष्ट्रपति बराक ओबामा की बात है, उनके लिए संभावनाएं बहुत कुछ कांग्रेस के नियंत्रण के जारी संघर्ष के नतीजों पर निर्भर होंगी. लेकिन ओहायो, आयोवा, फ्लोरिडा और उनके अपने राज्य इलिनॉय के गवर्नरों के मुकाबले भी कम महत्वपूर्ण नहीं होंगे.

राष्ट्रपति ओबामा ने कई रेडियो इंटरव्यू दिए हैं, जिनमें उन्होंने अपने समर्थकों से कहा है कि वह मतदान के समय एक किनारे न बैठे रहें, बल्कि कांग्रेस के भाग्य के निर्णय के लिए अपने वोट का इस्तेमाल करें. ओबामा ने कहा, "हालांकि मेरा नाम मतपत्र पर नहीं है, मेरा..हमारा आगे का कार्यक्रम इस बात पर निर्भर होगा कि लोग आज वोट देने पहुंचते हैं या नहीं." ओबामा बुधवार को दोपहर बाद एक पत्रकार सम्मेलन करेंगे.

रिपोर्टः गुलशन मधुर, वॉशिंगटन

संपादनः एमजी

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