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अमेरिकी युद्धक दस्ते ने इराक छोड़ा

१९ अगस्त २०१०

अमेरिका के आखिरी युद्धक दस्ते ने इराक की सीमा छोड़ दी है और वह रातों रात कुवैत पहुंच गया है. इस तरह अमेरिका के लड़ाकू सैनिक इराक से पूरी तरह हट गए हैं. यह काम तय वक्त से पहले ही हो गया. आखिरी वक्त तक इसमें गोपनीयता रही.

तस्वीर: AP

अमेरिकी मीडिया के मुताबिक अमेरिकी समाचार चैनल एनबीसी का एक रिपोर्टर इस दस्ते के साथ है, जिसने तड़के डेढ़ बजे इराक की सीमा से कुवैती सीमा में प्रवेश किया. यह दस्ता अमेरिकी सेना के चौथे स्ट्राइकर कॉम्बैट ब्रिगेड का है. हालांकि कुछ सैनिक पीछे रह गए हैं, जो औपचारिकता पूरी करने के बाद वहां से हटेंगे.

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पहले ही तय कर दिया है कि इस साल 31 अगस्त तक अमेरिका के सभी लड़ाकू सैनिक इराक छोड़ देंगे. इसके बाद इराक में सिर्फ 50,000 अमेरिकी सैनिक बचेंगे, जो पुनर्निर्माण और ट्रेनिंग का काम देखेंगे. ये फौजी इराकी सुरक्षा एजेंसियों को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग देंगे. पहले वहां लगभग 1,40,000 अमेरिकी सैनिक तैनात थे.

अफगानिस्तान पर होगा फोकसतस्वीर: picture-alliance/ dpa

द पोस्ट के मुताबिक अमेरिकी सैनिकों ने लगभग 580 किलोमीटर की दूरी हवाई यात्रा से पूरी करने की जगह सड़क मार्ग से पूरा करने का फैसला किया. इस तरह सात साल बाद अमेरिका के सभी लड़ाकू सैनिकों ने इराक की धरती छोड़ दी है. इस दौरान इराक के पूर्व राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन का पतन हुआ, उन्हें फांसी दे दी गई और डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों की जान गई. अमेरिका को भी अपने लगभग 4500 सैनिक गंवाने पड़े.

राष्ट्रपति ओबामा इराक की जगह अफगानिस्तान पर ज्यादा ध्यान देना चाहते हैं. उनकी रणनीति के तहत अगले साल अमेरिका के सभी सैनिक इराक से हट जाएंगे और तालिबान के खिलाफ अफगानिस्तान में चल रहे युद्ध पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा. अपने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान अभियान में भी ओबामा ने इराक युद्ध का विरोध किया था.

अमेरिकी युद्धक सैनिकों के हटने के साथ ही इराक की सुरक्षा एजेंसियों की जिम्मेदारी बढ़ जाएगी. उन्हें अब देश की सुरक्षा पर ज्यादा ध्यान देना होगा. इराक में मार्च में संसदीय चुनाव हुए हैं और उसके बाद हिंसा भी बढ़ी है. लेकिन अमेरिका साफ कर चुका है कि इन अड़चनों के बाद भी उसकी रणनीति में कोई बदलाव नहीं आएगा. अमेरिका का कहना है कि इराक में अल कायदा खोखला हो चुका है और हाल के हमलों के जरिए वह सिर्फ अपनी मौजूदगी दिखाना चाहता है.

इस महीने के आखिर तक दसियों हजार अमेरिकी सैनिक इराक छोड़ रहे हैं और इस दौरान सुरक्षा की जिम्मेदारी इराकी एजेंसियों को दी जा रही है. अमेरिकी सेना का कहना है कि इराकी एजेंसियां इस जिम्मेदारी को उठाने में सक्षम हैं.

रिपोर्टः डीपीए/ए जमाल

संपादनः ओ सिंह

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