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अमेरिकी राहत न ले पाकः तालिबान

११ अगस्त २०१०

पाकिस्तानी तालिबान ने वहां की सरकार से कहा है कि वह बाढ़ पीडितों की राहत के लिए पश्चिमी देशों से आर्थिक मदद न लें क्योंकि इस पैसे से पीड़ितों को नहीं बल्कि भ्रष्ट अधिकारियों को ही फायदा होगा.

तस्वीर: AP

पाकिस्तानी तालिबान के प्रवक्ता आजम तारिक ने एक बयान में कहा, "हम सरकार से कहना चाहते हैं कि वह पश्चिमी देशों से मदद न ले. खैबर पख्तूनख्वाह और केंद्रीय सरकार, दोनों ये मदद लेने के लिए बेचैन हैं, पीड़ितों के लिए नहीं बल्कि अपने बैंक खातों को बड़ा करने के लिए."

अमेरिका ने मंगलवार को एलान किया था कि वह पाकिस्तान को इस संकट से जूझने के लिए दो करोड़ डॉलर की अतिरिक्त राशि दे रहा है. इसके अलावा अमेरिकी हेलिकॉप्टर पहले से ही पीड़ितों को सुरक्षित जगहों तक पहुंचाने में लगे हुए हैं.

तालिबानः पश्चिमी मदद के खिलाफतस्वीर: Abdul Sabooh

ऐसा माना जा रहा है कि चरमपंथी इस्लामी राहत संगठन स्थिति का फायदा उठाकर लोगों को राहत पहुंचाने की कोशिश करेंगे. इस समय उन्हें सरकार की बिगड़ती छवि का फायदा हो सकता है. इससे पहले सरकार के राहत कार्यों में कमियों के बारे में कई लोगों ने शिकायतें की हैं.

खैबर पख्तूनख्वाह में में जमात उद दावा प्रवक्ता अतीक चौहान ने कहा कि उनका संगठन लोगों को खाना और दवाईयों के अलावा बर्तन और रहने के लिए टेंट भी दे रहा है. साथ ही हर परिवार को 5000 रुपए दिए जा रहे हैं. चौहान के मुताबिक अब तक दो लाख 50,000 लोगों को मदद दी गई है. जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज मोहम्मद सईद का हाथ 2008 के मुंबई हमलों में माना जाता है. आम लोगों का भी मानना है कि स्थानीय धार्मिक संगठनों ने राहत पहुंचाने में सरकार से ज्यादा मदद की है.

राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी भी बाढ़ पीड़ितों के मदद को लेकर आलोचना का शिकार बन गए हैं. संकट के बावजूद विदेश यात्रा पर जाने से उनकी छवि को काफी नुकसान हुआ है. इस बीच पाकिस्तानी सेना राहत कार्य को संभाल रही है. आने वाले दिनों में स्थिति के और बिगड़ने की आशंका है.

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक बाढ़ संकट पाकिस्तान के लिए अब तक की सबसे बड़ी परेशानी है और लोगों को दोबारा बसाने में सरकार को अरबों डॉलर खर्च करने पड़ेंगे.

रिपोर्टः एजेंसियां/एम गोपालकृष्णन

संपादनः आभा एम

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