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अमेरिकी विमान पर हमले की साजिश नाकाम

८ मई २०१२

अल कायदा ने तीन साल के अंदर दूसरी बार अमेरिकी विमान को निशाना बनाने की कोशिश की. इस बार भी अंडरवियर में बम छिपा कर हमले की साजिश रची गई.

तस्वीर: dapd

सोमवार को अल कायदा ने बयान जारी कर कहा कि यह हमला ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के एक साल पूरा होने पर किया जाना था. एफबीआई का कहना है कि विस्फोटक पदार्थ की जांच की जा रही है. एफबीआई के अनुसार हमले की योजना कुछ उसी तरह बनाई गई थी जैसी 2009 में डेट्रॉयट जा रहे एक विमान के लिए बनाई गई. उस समय अंडरवीयर बॉम्बर की बात सामने आई थी. नाइजीरिया के एक व्यक्ति ने अपने अंडरवीयर में विस्फोटक छिपा रखे थे. इस बार भी हमलावर की तैयारी वैसी ही थी.

अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई का कहना है कि उन्होंने यमन में इस साजिश का बनते वक्त ही भंडाफोड़ कर दिया. इस मामले को अंजाम देने के लिए अभी न तो किसी हवाई जहाज को चुना गया था और न ही उसके लिए टिकट खरीदे गए थे.

सरकार का कहना है कि शुरुआती दौर में साजिश का पता लगने से नागरिकों की सुरक्षा को कोई खतरा नहीं रहा. आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए बने अमेरिकी दल के एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "इस विस्फोटक का एक आत्मघाती हमलावर विमान पर इस्तेमाल करने वाला था, लेकिन हमने किसी भी एयरलाइन को जोखिम की स्थिति में आने नहीं दिया."

तस्वीर: picture-alliance/dpa

बिना धातु का बम

अमेरिका की सीनेट इंटेलिजेंस कमेटी की अध्यक्ष डीयान फीनस्टाइन ने कहा, "मैं सीआईए को मुबारकबाद देना चाहूंगी कि उन्होंने अल कायदा द्वारा अमेरिका के एक यात्री विमान पर हमले की योजना को नाकाम कर दिया. इस तरह के हमलों में खास तरह के विस्फोटक का इस्तेमाल होता है, जिन्हें मैग्नेटोमीटर भी पकड़ नहीं पाता." अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के विस्फोटक का अल कायदा पहले भी इस्तेमाल कर चुका है. यह आईईडी जैसा होता है और इसमें किसी धातु का इस्तेमाल नहीं किया जाता ताकि मेटल डिटेक्टर में इसकी पहचान न हो सके.

काउंटर टेरोरिज्म अधिकारी का कहना है, "कुछ मायनों में यह 2009 में इस्तेमाल हुए बम से अलग है. यह बात साफ है कि अल कायदा बम बनाने की तकनीक को बेहतर करने की कोशिश में लगा है ताकि पिछली बार जिन कारणों से वह नाकाम रहा, उन्हें ठीक किया जा सके."

ओबामा को थी जानकारी

अमेरिका की नेशनल सेक्योरिटी काउंसिल की उपप्रवक्ता कैटलीन हेडन ने एक बयान में कहा है कि राष्ट्रपति बराक ओबामा को इस हमले की योजना के बारे में अप्रैल में ही अवगत करा दिया गया था. बयान में कहा गया, "राष्ट्रपति को सूचित किया गया कि इस विस्फोटक से नागरिकों को कोई खतरा नहीं है. उन्होंने फौरन सुरक्षा विभाग को और खुफिया एजेंसियों को जरूरी कदम उठाने को कहा ताकि इस तरह के हमले को रोका जा सके."

अरबी प्रायद्वीप में मौजूद अल कायदा (एक्यूएपी) को 2009 में एक नागरिक विमान और 2010 में कारगो विमान में हमले की कोशिशों का संदिग्ध माना जाता है. रक्षा मंत्री लियोन पनेटा ने कहा है कि अमेरिका को अल कायदा के ऐसे हमलों से सचेत रहने की जरूरत है. एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा, "यह घटना दिखाती है कि देश को सतर्क रहने की जरूरत है. हम अमेरिका को सुरक्षित बनाए रखने के लिए हर मुमकिन कोशिश जारी रखेंगे."

2009 के बाद से अमेरिकी हवाई अड्डों पर सुरक्षा और भी कड़ी कर दी गई है. उस समय अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की कड़ी निंदा की गई थी कि वे अलग अलग रिपोर्टों के बीच कड़ियां जोड़ कर खतरे को भांप नहीं पाईं.

आईबी/एजेए (एएफपी, एपी)

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