1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

अमेरिकी सेना के पास यूएफओ के होने या न होने के सबूत नहीं

कार्ला ब्लाइकर
४ जून २०२१

आसमान में उड़ती अजीब चीजों के बारे में अमेरिकी रक्षा विभाग की टास्क फोर्स की रिपोर्ट का सबको इंतजार है, लेकिन उसके कोई सबूत नहीं हैं. लेकिन जो कुछ दिख रहा है उससे एलियन के अस्तित्व से पूरी तरह इंकार नहीं किया जा सकता.

Neuseeland | Fliegende Untertasse
एक तिहाई अमेरिकी यूएफओ को एलियंस का यान मानते हैंतस्वीर: Mary Evans Picture Library/picture-alliance

अगर यूएफओ या उड़नतश्तरियों के बारे में आप दिलचस्पी रखते हैं तो हमेशा ये सोचते हैं कि अमेरिकी सरकार और खुफिया सेवाएं उनके बारे में ठीक ठीक क्या सोचती हैं तो जून आपके लिए काम का महीना हो सकता है. अनआइडेन्टिफाइड एरियल फिनोमेना (यूएपी) टास्क फोर्स नाम से अमेरिकी रक्षा विभाग ने एक बल का गठन किया था. ये टीम इस महीने अपनी रिपोर्ट कांग्रेस में पेश करने वाली है. ये रिपोर्ट सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होगी. इसमें पेंटागन अधिकारी यूएपी पर अपनी जानकारी का ब्यौरा देंगे और ये भी बताएंगे कि इस बारे में वो क्या कर रहे हैं.

अज्ञात हवाई वस्तु यानी यूएपी शब्दावली का इस्तेमाल वे सैन्य अधिकारी और शोधकर्ता करते हैं जो उन चीजों को यूएफओ कहने से परहेज करते हैं जो आसमान में अदृश्य रूप से उड़ने वाली बतायी जाती हैं और जो भौतिकी के हमारे ज्ञान में फिट नहीं बैठती हैं. अमेरिकी रक्षा विभाग के अधिकारी, सीनेटरों को बताएंगे कि देश के हवाई क्षेत्र में उन्होंने यूएफओ के बारे में क्या मालूमात हासिल की है.

ये तमाम जानकारी जनता को भी हासिल हो पाएगी (हालांकि कांग्रेस में रिपोर्ट की प्रस्तुति और आम लोगों में पूरी रिपोर्ट के जारी होने के बीच देरी हो सकती है). ये एक बेलाग खुली रिपोर्ट होगी ना कि खुफिया सैन्य ठिकानों के बारे में कोई कानाफूसी जैसी. कॉन्सीपिरेसी थ्योरी वालों के मुताबिक यही कानाफूसी तबसे चली आ रही है जबसे एक यूएफओ की कथित रूप से न्यू मेक्सिको के रौसवेल इलाके में 1947 की गर्मियों में क्रैश होने की खबर आयी थी.

'सेना ने जुटाया है दस्तावेजी सबूत'

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में साइंस के प्रोफेसर और हार्वर्ड-स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स में इंस्टीट्यूट ऑफ थ्योरी एंड कम्प्यूटेशन के निदेशक अवी लोएब ने डीडब्लू को बताया कि ये अवसर इतना महत्त्वपूर्ण कैसे बना. डीडब्ल्यू को ईमेल के जरिए लोएब ने बताया, "ये नयी रिपोर्ट यूएफओ या यूएपी पर पुरानी बहसों से इस रूप में अलग है क्योंकि ये सैन्य कर्मियों के जुटाए दस्तावेजी सबूतों पर आधारित हैं. रडार, इंफ्रारेड कैमरा, ऑप्टिकल कैमरा जैसे बहुत सारे उपकरणों की मदद से ये साक्ष्य मिले हैं.”

रिपोर्ट में मौजूद सूचना, "हमारे पास उपलब्ध प्रौद्योगिकी की व्याख्याओं के दायरे से बाहर की चीजों के संभावित अस्तित्व” की ओर इशारा कर सकती है.

न्यू मेक्सिको का रोसवेल यूएफओ में दिलचस्पी लेने वालों का मक्कातस्वीर: Getty Images/J. Raedle

95 प्रतिशत मामलों की आमफहम व्याख्या

2019 में गैलप के एक पोल में दिखाया गया था कि अमेरिका के एक तिहाई बालिग मानते हैं कि कम से कम कुछ मामलों में यूएफओ दिखने की घटनाओं में वाकई एलियन के स्पेसशिप थे. हांस-वैर्नर पाइनिगर का 15 साल की उम्र में यूएफओ की ओर झुकाव हुआ था. उन्हें यूएफओ के बारे में शोध करते हुए 50 साल हो चुके हैं. जर्मनी में यूएफओ पर सोसायटी फॉर रिसर्च (जीईपी) के प्रमुख पाइनिगर बताते हैं कि देखे जाने की अधिकांश घटनाओं पर कुदरती और इंसानों की बनायी व्याख्याओं का ही बोलबाला है.

पाइनिगर ने डीडब्ल्यू को बताया कि "1972 से हमने करीब 4500 घटनाएं नोट की हैं” जिनके बारे में उन्हें प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया था. उनके मुताबिक, "करीब पांच प्रतिशत घटनाओं के बारे में ही हमें कोई स्पष्ट व्याख्या नहीं मिलती है.”

पाइनिगर के मुताबिक बाकी घटनाओं में जिन चीजों को लेकर यूएफओ के दिखने के दावे आते हैं वे मेलों में दिखने वाले हीलियम गुब्बारे होते हैं, या उड़ान भरते कीटपतंगे जो फोटुओं में उड़नतश्तरी की तरह दिख सकते हैं, मौसम की कोई परिघटना या सैटेलाइट. रही बात पांच प्रतिशत मामलों की तो "हो सकता है वे ऐसी कुदरती परिघटनाएं हैं जिन्हें हम अभी साफतौर पर समझा नहीं सकते हैं.”

लोएब की किताब 25 भाषाओं में छपी हैतस्वीर: Lotem Loeb

ये रिपोर्ट अब क्यों आ रही है?

ये संयोग नही है कि अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों को इस महीने यूएपी पर और जानकारी मिल रही है. यूएपी टास्क फोर्स की विस्तृत रिपोर्ट, उस विशाल 2.3 अरब डॉलर वाले बजट का हिस्सा है जिसे कांग्रेस ने दिसंबर 2020 में पास किया था. छह महीने के भीतर कानूनी प्रावधान के साथ, रक्षा विभाग और डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस के ऑफिस को "अज्ञात हवाई परिघटना, यूएपी के डाटा और इंटेलिजेंस का विस्तृत विश्लेषण” पेश करना होगा.

आज डेमोक्रेटस और रिपब्लिकन्स यूएफओ पर रिपोर्ट की मांग कर रहे हैं. ये वो विषय था जो बहुत समय नहीं हुआ जब साइंस फिक्शन वाली फिल्मों, कॉन्सपिरेसी थ्योरी वाले लोगों और एलियन के चहेतों के बीच ही लोकप्रिय था. नयी रुचि ये दिखाती है कि आला अमेरिकी अधिकारी को ये संभावना पहले की तरह उतनी अटपटी नहीं लगती कि दूसरे ग्रहों में भी ज्ञान वाले प्राणी हो सकते हैं.

पिछले साल यूएपी से जुड़ी बहुत सी महत्त्वपूर्ण घटनाएं हुई थीं. उसके बाद से ही ये अभियान शुरू हुआ. अप्रैल 2020 में रक्षा विभाग के अधिकारियों ने नेवी पायलटों के खींचे तीन वीडियो जारी किए थे जो सालों पहले लीक हो चुके थे. इन रिकॉर्डिंग्स में दिखाया गया है कि कि चीजें कुछ इस अजीब अंदाज में आसमान में चक्कर काट रही थीं कि पायलटों का उन पर ध्यान जाना स्वाभाविक था.

रक्षा विभाग ने वीडियो को प्रामाणिक पाया लेकिन सालों पहले यूएफओ के चहेते लोग ऑनलाइन पर उपलब्ध वीडियो का छोटा से छोटा हिस्सा पहले ही खंगाल चुके थे. पेंटागन की एक प्रेस रिलीज के मुताबिक "वीडियो की सच्चाई को लेकर जनता में किसी भ्रामक धारणा को साफ करने के लिए” उनकी प्रामाणिकता की जांच की गयी थी. उसके मुताबिक, "तीनों वीडियो में दिखने वाली हवाई चीजों का वजूद ‘अज्ञात' पाया गया है.”  

इस तरह के अंतरिक्ष यानों को भी यूएफओ समध लिया जाता हैतस्वीर: picture-alliance /dpa/Press Association Images/@alias_Amanada

यूएफओ में कोई समानता नहीं मिली

चार महीने से कम समय में, यूएपी टास्कफोर्स का गठन कर दिया गया. और अब उसके शोधकर्ता कांग्रेस के समक्ष अपने नतीजे पेश करेंगे. इसी साल "एक्स्ट्राटैरेसट्रियलः द फर्स्ट साइन ऑफ इंटेलिजेंट लाइफ बियॉन्ड अर्थ” नाम से किताब प्रकाशित करने वाले हार्वर्ड प्रोफेसर लोएब कहते हैं कि नेवी के पुराने वीडियो फिर से जारी करना ही काफी नहीं है. बल्कि अधिकारियों को अब पूरी मुस्तैदी से प्रमाण जुटाने चाहिए.

डीडब्ल्यू को भेजे अपने ईमेल में लोएब ने लिखा, "वैज्ञानिक विशेषज्ञता न रखने वाले चश्मदीदों की इस्तेमाल की हुई पुरानी तकनीकों की झलक दिखाते दस्तावेजों को सार्वजनिक करने के बजाय ज्यादा अच्छा होता कि उन ठिकानों पर आला दर्जे के रिकॉर्डिग उपकरण लगाए जाते जहां से यूएपी की रिपोर्टें आयी थीं और उनके जरिए अस्वाभाविक सिग्नलों की शिनाख्त की जाती.”

पाइनिगर कहते हैं कि उन्होंने जितने मामलों का अध्ययन किया है, वो देखते हुए उन्हें इस बात पर संदेह होता है कि दिखने वाली कोई भी यूएपी, किसी एलियन का जहाज होगा. कथित रूप से इन अंतरिक्षयानों के आकार या उड़ान के पैटर्न के बारे में उदाहरण देते हुए वो इस ओर इशारा करते हैं कि "अगर वाकई कोई परग्रही बौद्धिकता या जीव हमसे मिलने आया तो उनके यूएफओ में कुछ न कुछ समान बात जरूर होनी चाहिए. लेकिन हमने जितने मामलों को देखा है उनमें ऐसा कुछ नजर नहीं आया.” पाइनिगर का कहना है कि, "मैं पूरी तरह उन्हें खारिज नहीं करना चाहता हूं. लेकिन मैं ये मानता हूं कि दूसरे ग्रह के लोग फिलहाल हमसे मिलने नहीं आ रहे हैं.”

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें