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अमेरिकी हड़कंप को शांत करने की कोशिश

७ अगस्त २०११

अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग गिरने का असर दुनिया के आर्थिक हौसले पर हुआ है. देशों में हड़कंप है. आज जी 7 की बैठक हो सकती है. पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन ने की यूरोपीय नेताओं की खिंचाई.

तस्वीर: picture alliance/dpa

यूरोप के मौजूदा आर्थिक संकट के लिए जर्मनी और फ्रांस को जिम्मेदार ठहराते हुए ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन ने कहा है कि अंगेला मैर्केल और निकोला सारकोजी ने यूरोजोन के कर्ज संकट से निपटने के लिए गलत तरीकों का इस्तेमाल किया. उन्होंने कहा कि यूरोप ने आर्थिक संकट से उबरने का मौका गंवा दिया है.

जर्मनी और फ्रांस की खिंचाई

ब्राउन ने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति सारकोजी और जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल ने आर्थिक संकट को सुधारने के बजाय बिगाड़ दिया. रविवार को द इंडीपेंडेंट अखबार में लिखे एक लेख में ब्राउन ने अपना नजरिया पेश किया.

ब्राउन ने लिखा है, "जब तक यूरोजोन बड़े मुद्दों को टालता रहेगा, उसे और गहरे आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक संकटों का सामना करना पड़ेगा."

तस्वीर: AP

अमेरिका के हाल ही के कर्ज संकट के बाद से यूरोप समेत पूरी दुनिया में दोबारा आर्थिक मंदी का खतरा पैदा हो गया है. रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग घटा दी है. इसकी दुनियाभर में प्रतिक्रिया हुई है.

दुनिया चौकस

इस संकट को खतरनाक मानते हुए दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक ताकतें चौकस हो गई हैं. इस बारे में जल्दी ही जी-7 की एक बैठक हो सकती है जिसमें वित्त मंत्री संकट पर चर्चा करेंगे.

पहले यूरोजोन और फिर अमेरिका के कर्ज संकट ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर डाला है. चूंकि कई बड़ी अर्थव्यवस्थाएं अभी 2008 की मंदी से उबर ही रही थीं, इसलिए ये संकट उनके लिए कमजोर कड़ी पर चोट जैसे साबित हो सकते हैं.

ब्राउन ने अपने लेख में इस स्थिति का विश्लेषण करते हुए आर्थिक संकट से उबरने के तरीकों पर सवाल उठाए हैं. पिछले महीने यूरोजोन सम्मेलन को उन्होंने आर्थिक संकट से उबरने के एक और मौके को गंवा देना कहा. उन्होंने लिखा है कि यह सम्मेलन एक अहम मोड़ साबित हो सकता था लेकिन इतिहास ने इस पर मुड़ने का मौका ही खो दिया. ब्राउन ने लिखा है, "आर्थिक, वित्तीय और राजकोषीय संकट मिलकर एक हो गए हैं. अब आप वीकेंड पर एक दूसरे को कितने ही फोन कर लें, यह संकट नहीं सुलझ सकता. इसके लिए यूरोप के बैंकों और यूरो दोनों के पुनर्गठन की जरूरत है. इसके लिए बेशक जी 20 और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का दखल जरूरी हो गया है."

तस्वीर: AP

सोमवार का डर

अमेरिका के क्रेडिट रेटिंग गिरने की खबर आने के बाद दुनियाभर में हड़कंप मचा हुआ है. जापान, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी ने इस बारे में अपनी प्रतिक्रियाएं तो जाहिर की ही हैं, साथ ही संकट से निपटने की तैयारी भी शुरू कर दी है. इटली में छुट्टियां मना रहे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने शनिवार को फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोला सारकोजी से फोन पर करीब आधा घंटा बात की. जापान के वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा है कि जी 7 की बैठक रविवार को हो सकती है. जानकारों का मानना है कि सोमवार को पूरी दुनिया के शेयर बाजारों पर अमेरिका की रेटिंग गिरने का कहर नजर आ सकता है और उससे पहले जी 7 के मंत्री शांति का संदेश देना चाहेंगे.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एन रंजन

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