अमेरिकी हमले के वक्त निहत्था था लादेन
४ मई २०११अमेरिकी राष्ट्रपति के प्रवक्ता जे कार्ने ने पत्रकारों को यह जानकारी दी. जे कार्ने के मुताबिक, "उसके पास हथियार नहीं था." इसके साथ ही कार्ने ने यह भी कहा कि एबटाबाद की इमारत में कई और लोग मौजूद थे जिनके पास हथियार थे और उन्होंने हमले के दौरान जवाबी गोलीबारी की. कार्ने के मुताबिक, "रुक रुक कर गोलीबारी होती रही."
बयान सुधारा
कार्ने ने व्हाइट हाउस से जारी एक संशोधित बयान को पढ़ा और पहले जारी बयान में मौजूद कई गलतियों में सुधार किया. इससे पहले के बयान में कहा गया था कि लादेन ने एक महिला को कवच के रूप में इस्तेमाल किया. नए बयान में कहा गया है, "ऐसी चिंता थी कि बिन लादेन उसे पकड़ने के अभियान का विरोध करेगा जो उसने किया. लादेन की पत्नी उस घर में मौजूद थी और उसके पैरों में गोली मारी गई लेकिन उसे जान से नहीं मारा गया. इसके बाद बिन लादेन को गोली मारी गई और वह मारा गया. उसके पास हथियार नहीं था."
भयानक तस्वीरें
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि लादेन के शव की तस्वीरें काफी भयानक हैं और इस बात पर विचार किया जा रहा है कि उन्हें जारी किया जाए या नहीं. अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के निदेशक लियोन पैनेटा ने ओसामा की मौत के बाद की तस्वीर जारी करने की बात कही है. हालांकि व्हाइट हाउस की तरफ से अभी भी यही कहा जा रहा है कि इस बारे में कोई फैसला नहीं हुआ है. सीआईए निदेशक लियोन पैनेटा ने अमेरिकी टीवी चैनल एनबीसी न्यूज से बातचीत में कहा, "जाहिर है कि सरकार इस बारे में बातचीत कर रही है कि इस काम को कैसे करना है. लेकिन मुझे नहीं लगता कि कोई संदेह है कि आखिरकार तस्वीर जनता के सामने लाई जाएगी."
सिर में मारी गोली
अमेरिकी फौज के ऑपरेशन के दौरान लादेन के सिर में गोली मारी गई. कार्ने के मुताबिक लादेन के घर में उसके अलावा दो और परिवार रह रहे थे. उन्होंने बताया, "अमेरिकी फौज की एक टीम ने लादेन के घर की पहली मंजिल से ऑपरेशन शुरू किया और फिर तीसरी मंजिल तक पहुंची. कमांडो की एक अन्य टीम ने परिसर में मौजूद एक दूसरी इमारत में कार्रवाई की. पहली मंजिल पर अल कायदा के दो कूरियर एक महिला के साथ मारे गए.
कार्ने ने ये भी कहा कि लादेन के मारे जाने के बाद भी अफगानिस्तान से अमेरिकी फौज को वापस बुलाने की योजना पर कोई असर नहीं पड़ेगा. राष्ट्रपति ओबामा ने फौज की वापसी शुरू करने के लिए जुलाई की समयसीमा तय कर रखी है.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः आभा एम