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अयोध्या पर फैसलाः सुरक्षा से संतुष्ट चिदंबरम

३० सितम्बर २०१०

भारत के गृह मंत्री पी चिदंबरम ने अयोध्या पर हाई कोर्ट के फैसले से पहले देश की सुरक्षा व्यवस्था पर संतोष जताया है. उन्होंने महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए भारत के लोगों से एक बार फिर शांति बनाए रखने की अपील की.

याद आए बापूतस्वीर: AP

चिदंबरम ने कहा कि भारत 1992 से आगे बढ़ चुका है और उन्हें नहीं लगता है कि किसी तरह की समस्या आने वाली है. उनका कहना है कि सभी राजनीतिक पार्टियों, धार्मिक संगठनों और राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद मुकदमे से जुड़े पक्षों ने अदालत का फैसला मान लेने का वादा किया है.

उन्होंने कहा, "लेकिन सरकार में होने के नाते हमें कदम उठाने होंगे. इसलिए हमने बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया है. केंद्र सरकार ने सही कदम उठाते हुए पूरे देश में राज्य सरकारों के साथ बातचीत करके बड़ी संख्या में सेना को तैनात किया है." गृह मंत्री ने एक बार फिर पूरे देश की जनता से अपील की कि वे सरकार का सहयोग करें और देश के मूल्यों के मुताबिक काम करें.

तस्वीर: UNI

इस सिलसिले में चिदंबरम ने भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का भी जिक्र किया और उनके मशहूर भजन के बोल गुनगुनाए, "ईश्वर अल्ला तेरो नाम, सबको सम्मति दे भगवान."

उन्होंने विश्वास जताया कि फैसले के बाद कोई गड़बड़ी नहीं होगी. चिदंबरम ने कहा, "मुझे लगता है कि भारत आगे बढ़ गया है. युवा भारत बहुत आगे जा चुका है. मुझे लगता है कि युवा जानता है कि भारत किसी एक धार्मिक जगह पर विवाद से कहीं बड़ा है. भारत की कहानी बहुत बड़ी कहानी है और यह कहानी किसी एक जमीन के टुकड़े से प्रभावित नहीं होने वाली है."

उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टियों और धार्मिक नेताओं ने शांति की अपील की है और "मैं समझता हूं कि भारत सच में बहुत आगे बढ़ गया है. खास कर वे लोग जो 1992 के बाद पैदा हुए हैं. वे पूरी दुनिया को अलग नजरिए से देखते हैं."

गृह मंत्री ने कहा कि फैसले में छह दिन की देरी हुई है और इसका कहीं न कहीं फायदा पहुंचा है. उन्होंने कहा कि इस दौरान राजनीतिक पार्टियों और धार्मिक नेताओं ने इस बात पर जोर दिया है कि वे अदालत का फैसला मानेंगे. उन्होंने कहा कि यहां तक कि विश्व हिन्दू परिषद ने भी कहा है कि अदालत के फैसले के बाद वह जो भी कदम उठाएगा, वह कानून के तहत ही उठाएगा.

चिदंबरम ने कहा, "लगभग हर कोई समझता है कि मसले का हल अदालती कार्रवाई से ही हो सकता है. मैं समझता हूं कि यह 1992 की स्थिति से बिलकुल अलग स्थिति है." उन्होंने कहा कि पार्टियों और धार्मिक नेताओं के अलावा आम आदमी भी न्यायिक हल चाहता है.

यह पूछे जाने पर कि क्या बीजेपी शासित राज्यों में उन्हें कानून व्यवस्था बिगड़ने का कोई डर है, चिदंबरम ने कहा कि बीजेपी की केंद्रीय कमान ने शांति बनाए रखने और अदालती फैसला स्वीकार करने की अपील की है और मुझे लगता है कि राज्य सरकारें इस लाइन से नहीं हटेंगी.

उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र से ज्यादा बलों की मांग की है. इस सिलसिले में चिदंबरम का कहना है कि राज्य में एक लाख 90 हजार जवानों को तैनात किया गया है, जो कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि फैसला कुछ भी हो, किसी पक्ष को जश्न नहीं मनाना चाहिए क्योंकि कानूनी लड़ाई में कोई जीतता या हारता नहीं.

उन्होंने कहा कि जश्न को कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए बचा कर रखें.

रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल

संपादनः एस गौड़

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