अरबपति महिला का फरेब और सिलिकॉन वैली की सांसत
५ जनवरी २०२२37 साल की एलिजाबेथ होम्स ने महज कुछ बूंद खून की जांच से छोटी-बड़ी सैकड़ों बीमारियों का पता लगाने वाली मशीन बनाने का दावा किया था. उनकी स्टार्टअप थेरेनॉस ने निवेशकों को बड़े सब्जबाग दिखाए कि वे एक ऐसी कंपनी में निवेश करने जा रहे हैं जो बीमारियों का पता लगाने वाली मौजूदा प्रयोगशालाओं के तंत्र को पीछे छोड़ कर सिरमौर बन जाएगी. दावा था कि यह मशीन बहुत कम समय में नतीजे दे देगी और डॉक्टरों के लिए बीमारी का इलाज मौजूदा तंत्र की तुलना में बहुत जल्दी शुरू हो जाएगा. कैंसर और एचआईवी जैसी बीमारियों के इलाज में इसे काफी मददगार बताया गया. होम्स के स्टार्टअप में निवेश करने वालों को यही लगा कि वे अपना पैसा भविष्य के माइक्रोसॉफ्ट या एप्पल में लगा रहे हैं. करोड़ों डॉलर उनके स्टार्टअप में पहुंच गए और वो बहुत जल्द अपने दम पर बनी अरबपतियों की कतार में खड़ी हो गईं.
एलिजाबेथ होम्स के अपराध
हालांकि अब हालात एकदम से बदल गए हैं. करीब महीने भरी चली सुनवाई के बाद होम्स को फरेब के कई मामलों में दोषी माना गया है और उनके जेल जाने की आशंका पैदा हो गई है. उन्हें मशीन के बारे में झूठे दावे करने का दोषी माना गया है. सन 2002 में महज 19 साल की उम्र में होम्स ने इस मशीन के साथ यह स्टार्टअप बनाया था. अब एक जूरी ने उन्हें निवेशकों को धोखा देने का दोषी पाया है. जूरी ने पाया कि निवेशकों को यह यकीन दिला गया कि होम्स ने एक क्रांतिकारी मशीन की खोज की है. उन्हें तीन निवेशकों के साथ धोखाधड़ी का भी दोषी करार दिया गया है.
उन्हें कुल चार मामलों में दोषी माना गया है और हर एक के लिए 20 साल के कैद की सजा हो सकती है. हालांकि कानून के जानकारों का कहना है कि उन्हें अधिकतम सजा मिलने के आसार कम है. जूरी ने होम्स को चार दूसरे मामलों में बरी भी कर दिया है. इनमें उन मरीजों को धोखा देने का आरोप शामिल था जिन्होंने उनकी मशीन से ब्लड टेस्ट कराने के लिए पैसे दिए थे.
अमेरिका के संघीय अभियोजकों ने होम्स को संपत्ति और शोहरत की भूखी महिला माना है. जूरी के सामने कठघरे में सात दिन खड़ी हो कर आरोपों का सामना करने वाली होम्स ने पुरुषों के प्रभुत्व वाले सिलिकॉन वैली में खुद को एक दूरदर्शी महिला के रूप में पेश किया. हालांकि इस दौरान यह जानकारी भी सामने आई कि उनके पूर्व प्रेमी और बिजनेस पार्टनर भारतीय मूल के सन्नी बलवानी ने उनका भावनात्मक और यौन शोषण किया था.
सिलिकॉन वैली में सदमा
एलिजाबेथ होम्स पर 2018 में जब पहली बार आरोप लगे तभी अमेरिका के कानून विभाग ने यह उम्मीद जता दी थी कि यह मामला सिलिकॉन वैली को हिला कर रख देगा. अटॉर्नियों की मार्केटिंग कंपनी एस्क्वायर डिजिटल के चीफ लीगल एनालिस्ट आरोन सोलोमन का कहना है, "कोई भी स्टार्टअप शुरू करने वाला जो यह मानता है कि उनकी टेक्नोलॉजी अभी तैयार नहीं है लेकिन एक दिन होगी वो बहुत नर्वस होगा. मेरा दावा है कि बहुत से फाउंडर जिन्होंने इस ट्रायल को देखा है उन्हें लग रहा होगा कि उन्होंने भी ठीक वही काम किया है जो एलिजाबेथ का है."
जानकार मानते हैं कि यहां बहुत सारा पैसा दांव पर लगा होता है ऐसे में सच्चाई के साथ थोड़ी खींचतान बहुत सहज लगती है लेकिन निवेशकों से झूठ बोलना एक अलग बात है.
सिलिकॉन वैली सपना देखने और उसे बेचने वालों की दुनिया है. यह सपने तब तक सपने रहते हैं जब तक कि आप उन्हें सच में ना बदल दें. इसी सोच ने गूगल, नेटफ्लिक्स, फेसबुक, एप्पल जैसी कई दिग्गज कंपनियों को खड़ा किया. एप्पल के सह संस्थापक स्टीव जॉब्स को एलिजाबेथ होम्स अपना हीरो मानती थीं.
एनआर/आरपी (एएफपी, एपी)