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अरबपति से कंगाली तक

ओएसजे/एमजे (एएफपी)४ मार्च २०१६

पांच साल पहले नाथन टिंकलर ऑस्ट्रेलिया के सबसे युवा अरबपति बने. उन्होंने अमीरों वाले शौक पाले. लेकिन धीरे धीरे पैसा घटता गया और अब नाथन दिवालिया हो चुके हैं.

तस्वीर: Reuters/S. Christo

एक इलेक्ट्रिशियन से अरबपति बने नाथन टिंकलर की कहानी किसी उपन्यास जैसी है. पेशे से इलेक्ट्रिशयन टिंकलर 40 साल की उम्र में कोयला खनन में घुसे. और 2011 में ऑस्ट्रेलिया के सबसे युवा अरबपति बन गए. उनकी संपत्ति 1.3 अरब डॉलर आंकी गई.

अकूत पैसे से टिंकलर ने दो रग्बी टीमें खरीदीं. घोड़ों की दौड़ में भी खूब पैसे लगाए. पैसे का नशा उन पर ऐसा चढ़ा कि वे लोगों को दुश्मन बनाते चले गए. 2012 में कोयले के दाम गिरने शुरू हुए. कारोबार फैलाने की योजना ठंडी पड़ गई. तमाम जगहों से लिया गया कर्जा भारी पड़ने लगा. टिंकलर को पैसे के संकट का सामना करना पड़ा. उन्होंने रग्बी की टीमें बेंची. 2014 में घोड़ों का ब्रीडिंग सेंटर और घुड़सवारी का साम्राज्य भी बिक गया.

जेट कंपनी का 22.5 लाख डॉलर का कर्ज बकाया रहा. मामला अदालत पहुंचा और मार्च 2016 में कोर्ट ने टिंकलर को दिवालिया घोषित कर दिया. कर्जदाताओं, मित्रों और परिवार के लोगों से माफी मांगते हुए टिंकलर ने एक अखबार से कहा, जश्न के बाद "मैं शैम्पेन के कॉर्क को नीचे गिरते सुन रहा हूं. मैं अपने कर्जदाताओं और परिवार से माफी मांगता हूं."

टिंकलर अब कोयला खनन के खिलाफ जागरुकता फैलाना चाहते हैं. अर्श से फर्श पर आने के बावजूद उन्होंने मीडिया और सरकार का आभार जताया. टिंकलर को उम्मीद है कि बतौर सामाजिक कार्यकर्ता उन्हें मीडिया और सरकार का सहयोग मिलता रहेगा.

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