अरबों के जुर्माने से बचा गूगल
६ फ़रवरी २०१४यूरोपीय संघ में प्रतिस्पर्धा के नियम को लेकर बेहद सख्ती है और किसी भी उद्योग पर अपने प्रतिद्वंद्वी को ऐसा नुकसान पहुंचाने की इजाजत नहीं है, जिससे प्रतियोगिता प्रभावित होती हो. इसी मामले में लगभग तीन साल की जांच के बाद गूगल ने तय किया कि वह यूरोप में अपने सर्च इंजन में बदलाव करेगा. इस तरह वह अपने राजस्व के करीब 10 फीसदी यानी पांच अरब यूरो (करीब 400 अरब रुपये) के जुर्माने से बच सकता है. गूगल को अगले पांच साल तक अपने फैसले पर कायम रहना होगा.
नवंबर 2010 में माइक्रोसॉफ्ट सहित दर्जन भर कंपनियों ने यूरोप में गूगल के खिलाफ शिकायत की थी. इसमें कहा गया था कि गूगल दूसरी कंपनियों के खर्च पर अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग कर रहा है. इस मामले में पहले भी दो बार बातचीत हो चुकी है लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला था. तीसरी बार में संघ के प्रतियोगिता कमिश्नर खोआकीन अल्मूनिया ने कहा कि वह गूगल की बात पर सहमत हो रहे हैं.
फैसले पर विवाद
हालांकि इसके लिए उन्होंने शिकायत करने वालों की राय नहीं ली. इसकी वजह से भी विवाद हो रहा है. एक लॉबी ग्रुप के डेविड वुड ने कहा, "तीसरी पार्टी की समीक्षा के बगैर अल्मूनिया ने फैसला लिया है. हो सकता है कि गूगल ने उन्हें पट्टी पढ़ाई होगी." जर्मन मैपिंग सर्विस यूरो-सिटीज ने कहा कि वह इस मामले को अदालत तक ले जाएगा. इसके प्रमुख हांस बीयरमन का कहना है, "इस फैसले से भी कई सवाल रह गए हैं. हम गूगल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते रहेंगे. हम जर्मन कोर्ट में जाएंगे और जरूरी हुआ तो यूरोपीय अदालत में भी."
कुछ इसी तरह का मामला अमेरिका में भी चला था, लेकिन गूगल को वहां ज्यादा परेशानी नहीं हुई. यूरोप में गूगल ने सर्च इंजन के करीब तीन चौथाई बाजार पर कब्जा कर रखा है. अब वह अपनी वेबसाइट पर सबसे ऊपर तीन छोटे लोगो बना कर तीन अलग अलग कंपनियों के सर्च नतीजे भी देगा. हालांकि ये लोगो विज्ञापन वाली जगह (पीले रंग में) से ऊपर होंगे, जहां आम तौर पर यूजर की नजर नहीं जाती.
एंड्रॉयड पर भी सवाल
हालांकि गूगल के खिलाफ यूरोपीय संघ की एक और जांच हो सकती है, जो इसके स्मार्टफोन के लिए एंड्रॉयड एप्लीकेशन पर है. इस जांच में गूगल के सामने और बड़े खतरे पैदा हो सकते हैं. गूगल पर आरोप है कि वह एंड्रॉयड के जरिए इंटरनेट ट्रैफिक अपने सर्च इंजन पर धकेल देता है.
सर्च इंजन वाले मामले में शिकायत करने वाली 18 कंपनियों को एक बार फिर अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा, जिसके बाद ही आखिरी फैसला होगा. हालांकि संघ ने संकेत दिए हैं कि गूगल की बात मान ली जाएगी. आयुक्त अल्मूनिया कहते हैं, "तीन साल की जांच के बाद मैंने गूगल का पक्ष माना है क्योंकि मुझे लगता है कि यह काफी मजबूत है. मुझे लगता है कि हमने मामला सुलझा लिया है."
एजेए/एमजे (डीपीए, एपी, रॉयटर्स)