अर्थव्यवस्था कुछ सुधरी, शेयर बाज़ार ख़ूब उछला
२९ मई २००९मार्च 2008 वित्तीय वर्ष में दर लगभग 9 प्रतिशत थी. 6.7 प्रतिशत की विकास दर को अपेक्षाकृत बेहतर इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि आर्थिक विश्लेषक वित्तीय संकट के चलते ख़राब अर्थव्यवस्था की आशंका जता रहे थे और विकास दर को 6 से 6.5 प्रतिशत के बीच होने का अनुमान जता रहे थे. मार्च की तिमाही में विकास दर 5.2 के अनुमान के बजाय 5.8 फ़ीसदी रही.
माना जा रहा है कि अर्थव्यवस्था का सबसे ख़राब दौर बीत चुका है और इसकी एक वजह यह है कि हाल के दिनों में रिज़र्व बैंक की ओर से ब्याज दरों में कटौती नहीं की गई है ताकि अर्थव्यवस्था में जान फूंकी जा सके. ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि अनुमानित समय से पहले ही भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत मिल रहे हैं.
आर्थिक विकास की दर के अनुमान से अधिक होने का असर शेयर बाज़ार पर भी दिखाई दिया और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक सेंसेक्स 370 अंक चढ़कर 14,667 पर पहुंच गया. 2009 में समाप्त हुए वित्तीय वर्ष की आख़िरी तिमाही में विकास दर 5.8 प्रतिशत आंकी गई है.
विकास दर के अनुमान से थोड़ा बेहतर होने की ख़बर कांग्रेस सरकार के लिए राहत की सांस लेने का मौका है. नए वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने पद संभालने के बाद कहा था कि आर्थिक क्षेत्र में विकास की गति को बढ़ाना उनकी प्राथमिकताओं में से है.
रिपोर्ट - एजेंसियां, एस गौड़
संपादन - ए कुमार