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अर्थव्यवस्था सिर्फ लाभ नहीं, लोगों के लिए भीः पोप

१८ अगस्त २०११

पोप बेनेडिक्ट 16वें विश्व युवा दिवस के मौके पर स्पेन पहुंचे हैं जहां उनका जितनी जोर शोर से स्वागत हुआ उतने की कड़े तरीके से विरोध भी. विरोध करने वालों का कहना है कि वित्त संकट के समय में इतना खर्च क्यों.

Pope Benedict XVI walks with Spain's King Juan Carlos and Queen Sofia upon his arrival at Madrid Barajas airport, Thursday, Aug. 18, 2011. The Pontiff arrived in the Spanish capital of Madrid for a four-day visit on the occasion of the Catholic Church's World Youth Day. (Foto:Gregorio Borgia/AP/dapd)
पोप पधारे मैडरिडतस्वीर: dapd

पोप बेनेडिक्ट 16वें ने स्पेन की वर्तमान संस्कृति की निंदा करते हुए अपील की है कि वह अपनी 'ईसाई जड़ें' बना कर रखे. मैड्रिड एयरपोर्ट पर उतरने के बाद उन्होंने कहा, "युवा कैथोलिक श्रद्धालुओं ने यहां मौजूद उथलापन, उपभोक्तावाद, सुख सुविधा में रहने की लत, एकता की कमी और भ्रष्टचार देखा है."

उन्होंने ड्रग्स, भेदभाव और बेरोजगारी की समस्या के बारे में भी कहा. "कई युवा नौकरी ढूंढते समय अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं." स्पेन की पहचान उसकी 'ईसाईयत है और पूरी रचनात्मकता' से इसे बना कर रखा जाना चाहिए.

विश्व युवा दिवस में पोप बेनेडिक्ट 16वेंतस्वीर: dapd

वहीं उनका स्वागत करते हुए किंग खुआन कार्लोस ने स्पेन को लोकतांत्रिक, पुरातन और विविधताओं से भरा देश बताया जहां ईसाई धर्म ने अहम सांस्कृतिक, कलात्मक और धार्मिक भूमिका निभाई है.

पोप ने अपने भाषण में वैश्विक संकट में यूरोपीय भूमिका की आलोचना की और कहा कि आर्थिक नीति में नैतिकता का ध्यान रखा जाना चाहिए और पर्यावरण की रक्षा की जानी चाहिए.

भारी विरोध

दुनिया भर से विश्व युवा दिवस के मौके पर आए कैथोलिक युवाओं ने देखा कि किस तरह लोग इस सम्मेलन का विरोध कर रहे हैं. मैड्रिड में वर्ल्ड यूथ डे पर जर्मनी के वुर्जबुर्ग से पहुंची काथारीना कहती हैं, "जो यहां हो रहा है वह हिला कर रख देता है. यह बड़ा विरोध प्रदर्शन है जो किसी ने नहीं सोचा था."

इस कार्यक्रम की आलोचना हो रही है. लोगों का कहना है कि देश में सामाजिक कार्यक्रमों और सरकारी खर्चे में भारी कटौती हो रही है, देश मुश्किल में है, फिर इस कार्यक्रम के लिए इतना पैसा क्यों खर्च किया जा रहा है. विश्व युवा दिवस में शामिल हुए पाको कहते हैं, "उन्होंने (प्रदर्शनकारियों) ने कुछ खर्च नहीं किया है. हम कैथोलिकों ने सब खर्च किया है. प्रदर्शनकारियों को पता होना चाहिए कि हम यहां नौकरियों का भुगतान करते हैं. हम ही हैं जो इनमें से कई को दिन का खाना मुहैया होने का कारण हैं."

पोप के विरोध में प्रदर्शनतस्वीर: dapd

पोप और विश्व युवा दिवस के विरोध में खड़े लोगों में समलैंगिक महिला और पुरुष भी हैं, जिनकी नाराजगी ईसाई धर्म से है क्योंकि वह समलैंगिकता के खिलाफ है. एक महिला का कहना है, "मैं चर्च के विरोध में नहीं हूं. भले ही देश धर्मनिरपेक्ष हो लेकिन तब भी मेरी आय सिर्फ देश के लिए ही है, चर्च के लिए नहीं. इसलिए मैं इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुई हूं."

5 करोड़ का खर्च

पहले भी स्पेन में सरकार और कटौती के विरोध में गुस्से और विरोध का प्रदर्शन हुआ है लेकिन मंगलवार की शाम को यह विरोध सिर्फ चर्च का था. स्पेन के संविधान की धारा 16 के अनुच्छेद 3 में लिखा गया है कि स्पेन में कोई धर्म राष्ट्रीय नहीं है. लेकिन यह भी लिखा है कि स्पेन को सभी धर्मों को साथ ले कर चलना चाहिए. और इसलिए कैथोलिक ईसाई धर्म के साथ ही दूसरे धर्मों से संबंध बनाना चाहिए.

कई श्रद्धालुओं को इस बात पर आश्चर्य है कि स्पेन की सामाजिक समस्याओं को छोड़ दिया गया है और विश्व युवा दिवस में उन्हें बिल्कुल शामिल नहीं किया गया.

सरकारी आंकड़ों के हिसाब से 190 देशों से 10 लाख श्रद्धालु युवा मैड्रिड पहुंचे हैं. कई दिनों से शहर रंग बिरंगे कपड़े पहने और गाते बजाते युवाओं से भरा हुआ है. पोप के आने पर लोगों में नाराजगी है क्योंकि सिर्फ उनकी यात्रा पर ही 5 करोड़ यूरो खर्च होते हैं. अधिकारियों का कहना है कि यह खर्च श्रद्धालुओं की फीस और स्पॉन्सरशिप से पूरा किया जाता है. लेकिन आलोचक 10 हजार पुलिसकर्मियों की तैनाती, कम किए गए टिकट के पैसों और सार्वजनिक सेवाओं के उपयोग की लागत को इन लोगों के लिए कम करने की ओर इशारा करते हैं.

चर्च नहीं शिक्षा के लिए धनतस्वीर: dapd

क्या है विश्व युवा दिवस

विश्व युवा दिवस कैथोलिक चर्च का आयोजन है जिसे पोप जॉन पॉल द्वितीय ने 1985 में शुरू किया था. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे हर दो या तीन साल के अंतर पर मनाया जाता है और इसमें दुनिया के कई देशों के कैथोलिक ईसाई भाग लेते हैं. एक सप्ताह तक चलने वाले इस सम्मेलन को मैड्रिड से पहले 2008 में ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में आयोजित किया गया था. इस सम्मेलन के दौरान रविवार की प्रार्थना में दुनिया भर से चार लाख श्रद्धालु इकट्ठे हुए.

हाल के दिनों में कैथोलिक चर्च विवादों में फंसा रहा जिसके कारण उसकी साख काफी गिरी. जर्मनी और इंग्लैंड के चर्च में बच्चों के साथ पादरियों द्वारा यौन शोषण के कई मामले सामने आए जिसके बाद पारंपरिक तौर पर रुढ़िवादी ईसाई यूरोप में चर्च के प्रति विश्वास हिल गया.

रिपोर्टः डॉयचे वेले/आभा मोंढे

संपादनः ए कुमार

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