अर्मेनिया और अजरबाइजान क्यों लड़ रहे हैं?
२९ सितम्बर २०२०![Aserbaidschan Konflikt um Berg-Karabach](https://static.dw.com/image/55081966_800.webp)
अर्मेनिया के रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि दक्षिण और उत्तर पूर्व के विवादित नागोर्नो काराबाख इलाके में अजरबाइजान की सेना ने धावा बोला है. नागोर्नो काराबाख एक विवादित इलाका है जो अजरबाइजान की सीमा में है और अंतरराष्ट्रीय तौर पर अजरबाइजान का हिस्सा माना जाता है. वहां मुख्यतः अर्मेनियाई आबादी रहती है और 1988 में काराबाख आंदोलन के उदय के बाद से वहां स्वतंत्र शासन है. हालांकि नागोर्नो काराबाख रिपब्लिक को अभी अंतरराष्ट्रीय मान्यता नहीं मिली है.
अर्मेनियाई रक्षा मंत्रालय का कहना है कि काराबाख रिपब्लिक की सेना हमलों का जवाब दे रही है. काराबाख में सेना ने सोमवार की रात बताया कि उसने अजरबाइजान की सेना के एक विमान को मार गिराया है. हालांकि अजरबाइजान ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है. दोनों देश एक दूसरे पर विवाद भड़काने का आरोप लगा रहे हैं और देश में युद्ध छिड़ने का एलान कर दिया है.
नागोर्नो कारबाख की राजधानी स्टेपानाकर्ट में नेशनल असेंबली के अध्यक्ष आर्तर तोमास्यान ने धमकी दी है कि रविवार को हुए हमले के बाद अजरबाइजान के इलाके में भी युद्ध छिड़ सकता है. आर्तर तोमासाव्यान का कहना है कि इलाके की सेना इससे पहले भी इस तरह के हमलों को खिलाफ लड़ चुकी है. उन्होंने आरोप लगाया है कि अजरबाइजान तुर्की के साथ मिल कर हिंसा की भाषा बोल रहा है और कूटनीति का खात्मा कर रहा है. तोमासाव्यान ने कहा, "अजरबाइजान और तुर्की के साथ मिल कर छेड़ी गई यह जंग अजरबाइजान के लोगों की जंग नहीं है बल्कि यह सत्ता को अपने हाथ में रखने के लिए इलहाम अलीयेव की ओर से छेड़ी गई है."
राष्ट्रपति इलहाम अलीयेव 2003 से ही अजरबाइजान की सत्ता पर काबिज हैं. अलीयेव ने अर्मेनिया पर हमला करने का आरोप लगाया है. लड़ाई के चपेट में आकर मरने वालों में आम लोग भी शामिल हैं और बहुत से लोग घायल भी हुए हैं.
इन आरोपों के बीच संयुक्त राष्ट्र के महासचिव अंटोनियो गुटेरेश ने दोनों देशों के नेताओं से संपर्क करने की कोशिश की है. गुटेरेश के प्रवक्ता स्टेफानी दुजारक ने पत्रकारों से सोमवार देर शाम कहा, "दोनों नेताओं से अलग अलग बातचीत में एक ही संदेश दिया गया है, लड़ाई को तुरंत रोकने की जरूरत, तनाव को घटाना और बिना किसी शर्त या देरी के सार्थक बातचीत पर वापस आना." संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में भी नागोर्नो काराबाख के मुद्दे पर बंद दरवाजे के पीछे चर्चा होने जा रही है. जर्मनी और फ्रांस ने बेल्जियम, ब्रिटेन और एस्तोनिया के समर्थन से इस चर्चा के लिए आग्रह किया है.
हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच कई बार यह खूनी जंग हो चुकी है. नागोर्नो काराबाख के इलाके को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुस्लिम अजरबाइजान का हिस्सा माना जाता रहा है. हालांकि इस पर कई दशकों से अर्मेनियाई ईसाई अलगाववादियों का नियंत्रण है. 1994 से यहां एक शांति समझौता भी लागू है लेकिन वह बार बार टूटता रहा है.
अजरबाइजान की सेना ने सोमवार को कहा कि उसने पर्वतीय नागोर्नो काराबाख इलाके के कई अहम ठिकानों को "मुक्त" करा लिया है. अजरबाइजान के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा है, "तालयश गांव के आस पास कई प्रमुख जगहों को कब्जा करने वाली ताकतों से मुक्त करा लिया गया है और दुश्मनों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है."
दोनों देश इस विवादित इलाके में 1980 के दशक के आखिरी और 1990 के दशक के शुरुआती सालों में जंग लड़ चुके हैं. यह वो समय था जब सोवियत संघ का विघटन हो रहा था और इन देशों की स्वतंत्र पहचान बन रही थी. गरीब देश अर्मेनिया बहुत हद तक रूस पर निर्भर है. उधर तेल से भरे अजरबाइजान को तुर्की से समर्थन और सहयोग मिलता है. तुर्क मूल के लोगों से उनके मजबूत संबंध हैं. रूस और यूरोपीय संघ ने इस मौके पर दुर्लभ एकजुटता दिखाते हुए तुरंत युद्धविराम की मांग की है.
इधर तुर्की ने अपने सहयोगी अजरबाइजान के प्रति समर्थन दिखाया है. तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयब एर्दोवान का कहना है कि शांति की रक्षा तभी हो सकेगी जब अर्मेनिया अजरबाइजान के इलाकों पर से अपना कब्जा हटा ले. एर्दोवान ने यह भी कहा कि वो अजरबाइजान का "हर तरफ से" साथ देंगे.
यूरोपीय मानवाधिकार अदालत ने कहा है कि अर्मेनियाई सरकार ने उससे अजरबाइजान को निर्देश देने का आग्रह किया है कि अर्मेनिया और नागोर्नो काराबाख की नागरिक बस्तियों पर हमले को तुरंत रोका जाए. स्ट्रासबुर्ग में मौजूद इस अदालत ने कहा है कि वह इस आग्रह पर विचार कर रही है. दोनों देश एक दूसरे पर नागरिक क्षेत्रों में हमले का आरोप लगा रहे हैं. इस बीच दोनों देशों को बातचीत की मेज पर लाने के लिए कूटनीतिक कोशिशें भी तेज हो गई हैं.
एनआर/आईबी(डीपीए)
__________________________
हमसे जुड़ें: Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore