अल्पसंख्यकों की रक्षा करे पाक: संयुक्त राष्ट्र
२९ मई २०१०लाहौर में अल्पसंख्यक अहमदी समुदाय की दो मस्जिदों पर हुए आतंकी हमले में 70 से ज़्यादा लोग मारे गए और करीब 100 घायल हुए. इस हमले की दुनिया भर के नेताओं ने कड़े शब्दों में आलोचना की है. अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता फिलिप क्राउले ने कहा कि आम लोगों पर हुए इस हमले की अमेरिका कड़ी निंदा करता है. वहीं भारत के विदेश मंत्रालय ने भी इस हमले की भर्त्सना की है और मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की.
यूरोपीय संघ की विदेश मामलों की आयुक्त कैथरीन एशटन ने कहा कि वे हमले की खबर से स्तब्ध हैं. अपनी सहानुभूति घायल लोगों और मारे गए लोगों के परिजनों तक पहुंचाते हुए उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ पूरी तरह से पाकिस्तान के साथ है.
तालिबान से जुड़े एक गुट ने इस हमले की ज़िम्मेदारी ली है. डीपीए समाचार एजेंसी ने इस गुट के हवाले से ये लिखा है. "अहमदियों पर हुए इस हमले की हम ज़िम्मेदारी लेते हैं. अहमदी पैगंबर मोहम्मद को आख़िरी पैगम्बर नहीं मानते और मुजाहिदीन के ख़िलाफ षडयंत्रों में शामिल हैं और फेसबुक यू ट्यूब पर पैगंबर के स्कैच के मामले में यहूदियों के साथ मिले हुए हैं."
अपने बयान में इस गुट ने कहा है, "उन्होंने हमला करके अहमदियों को आख़िरी चेतावनी दी है कि वे पाकिस्तान छोड़ दें या फिर मरने के लिए तैयार रहें."
पाकिस्तानी टीवी फुटेज में दिखाया गया कि किस तरह से हमलावरों ने मस्जिद की मीनार से पुलिस वालों पर हमला किया. ये हमला ऐसे समय किया गया जब जुमे की नमाज़ ख़त्म होने को ही थी.
मौके पर मौजूद एक व्यक्ति का कहना था कि एक मस्जिद में जैसे ही पुलिस ने घुसने की कोशिश की हमलावरों ने ख़ुद को उड़ा लिया. इस कारण हताहतों की संख्या बढ़ गई.
दो घंटे के संघर्ष के बाद पुलिस मस्जिदों को खाली कर सकी और करीब दो हज़ार श्रद्धालुओं को बचाया. पंजाब प्रांत के पुलिस प्रमुख तारिक़ सलीम डोगर ने जानकारी दी कि दो हमलावरों और एक किशोर लड़के को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. बम निरोधक दस्ते ने 18 ग्रैनेड बरामद करने का दावा किया है.
लाहौर में हाल के दिनों में काफी हमले हुए हैं लेकिन अहमदी अल्पसंख्यकों पर लक्षित हमला पहली बार हुआ है. 1974 में अहमदी समुदाय को ग़ैर मुस्लिम करार दे दिया गया था. देश के करीब 40 लाख अहमदी मानते हैं कि उनके संप्रदाय के संस्थापक मिर्ज़ा ग़ुलाम अहमद भी एक पैगंबर हैं जो कि इस्लाम की विचारधारा से अलग है. इस्लाम कहता है कि पैंगंबर मोहम्मद आख़िरी पैंगबर थे. टकराव इसी वजह से है.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा मोंढे
संपादनः ओ सिंह