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अल कायदा नेता की मौत से ड्रोन हमलों को समर्थन

५ जून २०१२

पाकिस्तान के कबायली इलाकों में अमेरिकी ड्रोनों ने अल कायदा के उप प्रमुख अबू याहया अल लिबी पर निशाना साधा लेकिन अब तक उसकी मौत की खबर की पुष्टि नहीं हो पाई है.

तस्वीर: dapd

पिछले दिनों में हुए अमेरिकी ड्रोन हमलों में दर्जनों लोग मारे गए हैं लेकिन अमेरिकी अधिकारी इस बात से पीछे हट रहे हैं. अब उनका कहना है कि सोमवार को हुए ड्रोन हमले में पांच लोग मारे गए जिसमें शायद अल लिबी भी मौजूद था. पाकिस्तान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अल लिबी की मौत के बारे में पक्की जानकारी नहीं है और अमेरिकी अधिकारी अपने निशानों के बारे में जानकारी नहीं देते. उन्होंने कहा, "हमें या तो मीडिया से जानकारी मिलती है या स्थानीय सूत्रों से, जो हमें अब तक नहीं मिली है."

पिछले साल मई में ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद अल कायदा के कई वरिष्ठ नेता ड्रोन हमलों का शिकार बने हैं. अमेरिकी सरकार आतंकवादियों की एक सूची रखती है. इसे अमेरिकी सेना और अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने मिलकर बनाया है. इस सूची को राष्ट्रपति की सहमति मिलती है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने अल लिबी की मौत के लिए 10 लाख डॉलर का इनाम रखा था. अल लिबी लीबिया में पैदा हुआ था और वहां उसने अमेरिकी निशानों पर हमलों को उकसाने वाले कई वीडियो बनाए. 2005 में वह अफगानिस्तान के बाग्राम हवाई अड्डे से भाग निकला था. बिन लादेन की मौत के बाद अल जवाहरी अल कायदा का प्रमुख बना जिसके बाद अल लिबी को उप प्रमुख के रूप में चुना गया.

तस्वीर: picture-alliance/ dpa

अल कायदा के जनरल मैनेजर के तौर पर काम कर रहा अल लिबी पाकिस्तान के कबायली इलाकों में अपने आतंकवादी गुट की कार्रवाइयों और वहां काम कर रहे बाकी आंतकवादी संगठनों से संपर्क का जिम्मेदार था. पूर्व सीआईए अधिकारी पॉल पिलर का कहना है कि अल लिबी जाने माने नामों में से एक है और इसके मरने से पाकिस्तान में अमेरिकी ड्रोन हमलों को सही बताया जा सकता है. अगर पाकिस्तान ड्रोन हमलों को बंद करना चाहता है तो अमेरिका के पास अल लिबी की मौत हमलों को जारी रखने की एक और वजह होगी.

एमजी/एएम (एएफपी, रॉयटर्स)

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