"असली मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहते हैं दिग्विजय"
२१ दिसम्बर २०१०कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सरकार्यवाहक भैयाजी जोशी ने कहा कि पार्टी आरएसएस पर निराधार आरोप लगा रही है. आरएसएस के मुताबिक जब भी कांग्रेस मुश्किल दौर से गुजरती है तो वह आरएसएस पर आरोप लगाने का मौका नहीं चूकती. "दिग्विजय सिंह का बयान गैरजिम्मेदारी भरा और निराधार है. यह सच्चाई से परे और झूठ का पुलिंदा है. पार्टी अपने गलत कामों की वजह से चारों ओर से घिर चुकी है और लोगों का ध्यान भटकाने के लिए आरएसएस पर ऐसे आरोप लगा रही है.."
कांग्रेस के महाधिवेशन में अपने संबोधन में कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि मुस्लिमों के खिलाफ आरएसएस की नफरत ऐसी है जैसी यहूदियों के प्रति हिटलर और नाजियों के मन में थी. भारत में आतंकवाद के लिए दिग्विजय सिंह ने लालकृष्ण आडवाणी की 1990 में रथ यात्रा को जिम्मेदार ठहराया. लेकिन आरएसएस इन आरोपों को पूरी तरह नकार रही है. उसका कहना है कि कांग्रेस अल्पसंख्यक समुदाय के वोट पाने के लिए हमेशा से सांप्रदायिक कार्ड खेलती आ रही है.
आरएसएस की ओर से सफाई पेश करते हुए भैयाजी जोशी ने कहा कि संघ ने कभी भी हिंसा या आतंकवाद का समर्थन नहीं किया है. "आरएसएस का मानना है कि आतंकी घटना के बाद उसकी पूरी तरह से जांच होनी चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए. जिन मामलों का वह उल्लेख कर रहे हैं उनमें न्यायिक प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई है और ऐसे गैर जिम्मेदाराना बयान जांच में हस्तक्षेप करते हैं."
कुछ दिनों पहले कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने यह बयान देकर सबको चौंका दिया था कि एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे ने 26/11 के हमलों से कुछ घंटे पहले उन्हें फोन कर बताया था कि मालेगांव धमाकों की जांच के चलते आरएसएस के लोग उन्हें धमकी दे रहे हैं और उसके कुछ ही देर बाद मुंबई हमलों के दौरान उनकी हत्या हो गई. हालांकि दिग्विजय सिंह इस बातचीत का कोई सबूत अभी पेश नहीं कर पाए हैं और हेमंत करकरे की पत्नी कविता करकरे ने भी उनके इस दावे को खारिज किया है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ए जमाल