कोरोना संकट के बीच दुनिया भर में मास्क की मांग बढ़ गई है और अधिकतर मास्क चीन से आ रहे हैं. फिनलैंड ने 20 लाख मास्क मंगाए थे जो डॉक्टरों के काम के ही नहीं निकले.
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मंगलवार को फिनलैंड की स्वास्थ्य मंत्री एनो-काइसा पेकोनेन ने एक तस्वीर ट्वीट करते हुए खबर दी कि चीन से 20 लाख सर्जिकल मास्क और दो लाख तीस हजार रेस्पिरेटर मास्क का पहला शिपमेंट हेलसिंकी पहुंच गया है. फिनलैंड के लिए यह एक अच्छी खबर थी लेकिन स्वास्थ्य मंत्री ने ट्वीट में ही साफ कर दिया था कि इस्तेमाल से पहले इनकी जांच की जाएगी. अगले ही दिन स्वास्थ्य अधिकारियों ने खबर दी कि चीन द्वारा भेजे गए मास्क कोरोना वायरस को रोकने में कारगर नहीं हैं और उनका इस्तेमाल अस्पतालों में नहीं किया जा सकता. प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रवक्ता किर्सी वरहीला ने कहा, "जाहिर है, हमारे लिए यह थोड़ा निराशाजनक है."
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मास्क भले ही डॉक्टरों के लिए ठीक ना हों लेकिन उनका इस्तेमाल रिहाइशी इलाकों में काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा किया जा सकेगा. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक अन्य अधिकारी टॉमी लूनेमा ने कहा, "दाम लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. खरीद जल्द से जल्द करनी होती है और रकम पहले ही चुका देनी पड़ती है." फिनलैंड सरकार ने यह तो नहीं बताया कि चीन के इस ऑर्डर के लिए कितनी कीमत दी गई थी लेकिन बुधवार को सुरक्षा उपकरणों, मास्क इत्यादि के लिए 60 करोड़ यूरो की अतिरिक्त राशि की घोषणा की गई. कोरोना संकट के असर से निपटने के लिए सरकार ने पहले ही चार अरब यूरो का बेलआउट पैकेज दिया है. यह राशि उसी का हिस्सा है.
मास्क भी फैशनेबल हुआ
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए लोग जहां मासक या रुमाल का इस्तेमाल कर रहे हैं तो वहीं कुछ नामी कंपनियां महंगे मास्क भी बाजार में लेकर आई है. एक नजर डालते हैं, महामारी के इस समय में कैसे कैसे मासक बिक रहे हैं.
तस्वीर: Courtesy of Cambridge Masks Co.
पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना वायरस महामरी से जूझ रही है. ऐसे में बड़ी बड़ी कंपनियां फैशनेबल मास्क बाजार में उतार रही हैं.
तस्वीर: Courtesy of AusMask.
बाजार में मास्क सस्ते भी मिल रहे हैं और महंगे भी. कुछ बड़े ब्रांड्स हैं जो प्रदूषण से लड़ने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले मास्क बनाते हैं हालांकि उनकी कीमत अधिक होती है.
तस्वीर: Courtesy of O2 Today
लोग एक तरह के मास्क पहनकर बोर ना हो जाएं इसके लिए कंपनियां मास्क में भी रचनात्मकता ला रही हैं. रंग और डिजाइन को ध्यान में रखा जा रहा है.
तस्वीर: Courtesy of Cambridge Masks Co.
कोरोना वायरस के चलते लोग हैंडसैनेटाइजर के साथ-साथ मास्क का इस्तेमाल भी कर रहे हैं. इस बीच कई देशों में मास्क की कमी भी हो गई है.
तस्वीर: Courtesy of O2 Today
सरकार की सलाह है कि घर से बाहर निकलते वक्त लोग अपना चेहरा सही तरह से ढंके. कुछ लोग मास्क नहीं होने पर रुमाल का भी इस्तेमाल कर लेते हैं.
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फिलिस्तीन में लोगों को मास्क पहने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कलाकार अपनी तरह से कोशिश कर रहे हैं. वे मास्क पर रंग लगाकर उसे आकर्षक बना रहे हैं.
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मुंबई की सड़कों पर मास्क लगाने का संदेश देने के लिए पुलिसकर्मी ने खास तरह का मास्क पहना. इस मास्क पर हिन्दी फिल्म गली ब्वॉय का मशहूर गाना ‘अपना टाइम आएगा’ लिखा हुआ है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/I. Mukherjee
भारत में ऐसे लोगों के लिए बनियान से बने मास्क बांटे जा रहे हैं जो मास्क खरीदने में असमर्थ हैं.
तस्वीर: DW/A. Ansari
मास्क पहनने का संदेश सभी लोगों तक पहुंचाने के लिए लोग तरह तरह के प्रयोग भी कर रहे हैं. इस केक पर भी मास्क बनाया गया है.
तस्वीर: Reuters/I. Abu Mustafa
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अब मास्क की सप्लाई को पूरा करने के लिए देश में ही तीन कंपनियों को दो लाख मास्क बनाने का काम सौंपा गया है. लेकिन इसकी प्रोडक्शन अप्रैल के अंत तक ही शुरू हो पाएगी. इस बीच प्रधानमंत्री सना मरीन ने ट्विटर पर अधिकारियों को इस बात के लिए फटकारा कि देश की महामारी नीति के अनुसार तीन से छह महीने तक का सामान जमा कर के क्यों नहीं रखा गया.
कोरोना संकट के बीच ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि चीन द्वारा भेजे गए मास्क खराब क्वॉलिटी के निकले हों. इससे पहले स्पेन, नीदरलैंड्स, तुर्की और ऑस्ट्रेलिया भी इस तरह की शिकायत कर चुके हैं. इसके जवाब में चीन सरकार यहां तक कह चुकी है कि देशों को ऑर्डर करने से पहले ही दो बार जांच कर लेनी चाहिए. इस वक्त दुनिया भर में मास्क की जितनी मांग है उसकी आधी आपूर्ति चीन ही कर रहा है. जनवरी में कोरोना संकट के शुरू होने के बाद से चीन में मास्क की प्रोडक्शन को कई गुना बढ़ा दिया गया. फरवरी के अंत में वहां हर दिन 11 से 12 करोड़ मास्क बन रहे थे. लगभग हर पश्चिमी देश इस वक्त मास्क की किल्लत से गुजर रहा है. धीरे धीरे मास्क पहनने को अनिवार्य भी किया जा रहा है. ऐसे में आने वाले दिनों में मास्क की मांग और बढ़ेगी और ऐसे में चीन से और भी उम्मीदें लगाई जाएंगी.
कोरोना वायरस को लेकर पूरी दुनिया में सतर्कता बरती जा रही है. चीन से फैला कोरोना वायरस अब महामारी घोषित हो चुका है. वायरस का असर धार्मिक आयोजनों पर भी पड़ा है. वैटिकन सिटी से लेकर मक्का शहर तक इससे प्रभावित हुए हैं.
तस्वीर: Reuters
जब खाली हुआ काबा
कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए मुसलमानों के सबसे पवित्र मस्जिद काबा के मताफ को पहली बार खाली कराया गया. रात में मताफ को साफ करने के लिए सफाई कर्मचारियों ने काम किया. स्वास्थ्य कर्मचारियों ने काबा के आस-पास की जगह को सैनेटाइज किया. फिलहाल उमरा पर रोक लगी हुई है.
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मास्क के साथ बचाव
मक्का शहर में कोरोना वायरस से बचाव के लिए लोग मास्क पहने हुए नजर आ रहे हैं. उमरा के लिए विदेश से आने वाले जायरीनों के लिए रोक है.
तस्वीर: AFP/A.G. Bashir
कभी पोप के लिए होती थी भीड़
वैटिकन सिटी में पोप फ्रांसिस को सुनने के लिए इतनी भीड़ होती है कि वहां पैर भी रखने को जगह ना मिले, लेकिन 8 मार्च को पोप फ्रांसिस ने अपना संदेश वीडियो स्क्रीन के जरिए दिया. लोग भी मास्क पहने संदेश सुनने पहुंचे.
तस्वीर: Reuters/C. Casilli
सामुदायिक प्रार्थनाओं पर असर
ईरान में कोरोना वायरस का बहुत अधिक असर हुआ है. ईरान में इस संक्रमण से 350 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. लोग नमाज के लिए भी जाते वक्त एहतियात बरत रहे हैं.
तस्वीर: picture-alliance/AA
वायरस के प्रसार से बचाव
स्वास्थ्यकर्मी कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए तमाम उपाय अपना रहे हैं. इस तस्वीर में इराक के शहर नजफ की एक मस्जिद को खास तरह के केमिकल से सफाई करते स्वास्थ्यकर्मी.
तस्वीर: AFP/H. Hamdani
बेथलेहम में बचाव
इस्राएल के बेथलेहम शहर में एक चर्च के भीतर मास्क पहने श्रद्धालु. इस्राएल में कोरोना वायरस के मामलों की पुष्टि हुई है. लोग वायरस से बचने के लिए मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं.
तस्वीर: picture-alliance/NurPhoto/A. Widak
फीकी होली
कोरोना वायरस की वजह से इस साल भारत में होली भी फीकी रही. लोगों ने बड़े पैमाने पर भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचने की कोशिश की.
तस्वीर: DW/A. Sharma
शिक्षा भी जरूरी
पाकिस्तान के लाहौर में स्कूली बच्चों को वायरस से बचने और खुद को साफ रखने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है. इस तस्वीर में बच्चों को खांसते और छींकते समय अपने मुंह और नाक ढंकना बताया जा रहा है.