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अहम राज्य में चांसलर मैर्केल को हार का खतरा

२७ मार्च २०११

जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल को बादेन व्युर्टेम्बर्ग राज्य में हार का खतरा है. सोशल डेमोक्रेटिक और ग्रीन पार्टी ने कहा है कि अगर वह जीत जाती हैं तो गठबंधन बना सकती हैं.

तस्वीर: dapd

चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में सामने आया है कि जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल की पार्टी क्रिश्चिन डेमोक्रेटिक युनियन और फ्री डेमोक्रेटिक पार्टी एफडीपी के गठबंधन पीछे रह गई हैं.

वहीं पड़ोसी राज्य राइनलैंड पेलेटिनेट में एसपीडी ग्रीन पार्टी के सहयोग से सत्ता में आ सकती है. चार साल पहले की तुलना में ज्यादा मतदाताओं ने अपने अधिकार का प्रयोग किया.

भारी नुकसान

1953 से सीडीयू पार्टी बादेन व्युर्टेम्बर्ग में सत्ता में है अगर वह अपनी पकड़ खो देती है तो यह उसके लिए बड़ा झटका होगा. इस नुकसान का कारण मैर्केल के परमाणु नीति पर डगमग फैसले रहे हैं. साथ ली लीबिया संकट और यूरो जोन में पैदा हुई मुश्किल के कारण मैर्केल को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है. बादेन व्युर्टेम्बर्ग में एसपीडी पार्टी के नील्स श्मिड ने कहा कि हमारी जीत की उम्मीद इतनी अच्छी कभी नहीं थी.

असमंजस में मतदातातस्वीर: dapd

सबसे अमीर

बादेन व्युर्टेम्बर्ग कार उद्योग के लिए जाना जाता है. यह जर्मनी का सबसे अमीर राज्य है और बेरोजगारी की दर यहां सिर्फ 4.7 फीसदी है. राज्य के मुख्यमंत्री श्टेफान मापुस अव्यवस्था की चेतावनी देते हैं. "बादेन व्युर्टेम्बर्ग का भविष्य दांव पर है. हमारे यहां सबसे कम बेरोजगारी दर है और सबसे ज्यादा वेतन है.अगर ग्रीन और एसपीडी जीत जाते हैं तो इससे बड़ी अव्यवस्था होगी."

इस राज्य में हार के बाद मैर्केल की ताकत को भी झटका लगेगा और पार्टी के नेतृत्व की गहरी आलोचना होगी. परमाणु ऊर्जा नीति विरोधी भावनाएं और मैर्केल के अस्पष्ट रुख की आलोचना की जा रही है.

वोटों की गिनतीतस्वीर: dapd

जर्मन टीवी एआरडी ने मतदान की दर काफी अच्छी बताई है. ताजा सर्वेक्षण बताते हैं कि एसपीडी और ग्रीन को बढ़त है जबकि सीडीयू और एफडीपी 48 और 43 फीसदी पर हैं. करीब 40 प्रतिशत मतदाताओं ने कोई फैसला नहीं किया है जो अपने आप में बहुत ज्यादा है.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम

संपादनः एन रंजन

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