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आंग सान सू ची पहली बार राष्ट्रपति से मुलाकात

१९ अगस्त २०११

म्यांमार की सरकार अपने आलोचकों से रिश्ते बेहतर करने की मुहिम लगी हुई. इसके तहत आंग सान सू ची ने पहली बार म्यांमार के राष्ट्रपति से मुलाकात की.

तस्वीर: dapd

म्यांमार की लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सू ची ने देश के नए राष्ट्रपति से पहली बार शुक्रवार को मुलाकात की. एक अधिकारी ने इस मुलाकात की जानकारी दी है. इस मुलाकात से ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि सरकार अपने विपक्ष तक पहुंचना चाहती है. पिछले 20 सालों से नजरबंद सू ची को पिछले साल रिहा किया गया था.

राष्ट्रपति थेइन सेइन और सू ची की मुलाकात बंद दरवाजों में हुई. दोनों के बीच किस मुद्दे पर बात हुई है यह साफ नहीं हो पाया है. बातचीत के पहले राष्ट्रपति के मुख्य राजनैतिक सलाहकार को को ह्लाइंग ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "राष्ट्रीय सामंजस्य के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है. हम सबको साथ मिलकर काम करना चाहिए." मार्च में म्यांमार की जुंटा शासन ने म्यांमार की सत्ता राष्ट्रपति थेइन सेइन को सौंप दी थी.

छवि सुधारने की कोशिश

सेइन पूर्व जनरल हैं और जुंटा के शासन में प्रधानमंत्री का पद संभाल चुके हैं. म्यांमार में पिछले साल नवंबर में चुनाव हुए. इसके बाद सू ची को रिहा किया गया. 1990 में चुनाव जीतने के बाद सैन्य शासन ने एनएलडी को सत्ता में आने नहीं दिया. एनएलडी ने पिछले साल हुए चुनाव का बहिष्कार किया था. इस कारण पार्टी से राजनैतिक हैसियत छीन ली गई.

तस्वीर: dapd

लेकिन हाल के दिनों में ऐसे संकेत मिले हैं कि सरकार अपने आलोचकों की तरफ रुख नरम कर रही है. रविवार को सू ची ने अपने घरेलू शहर से बाहर पहली बार यात्रा की. सू ची को प्रशासन ने इस यात्रा को न करने की चेतावनी दी थी. इस चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए सू ची ने बागो इलाके की यात्रा की. यंगून से करीब 80 किलोमीटर दूर इस इलाके में लोग सू ची को देखने के लिए उमड़े थे.

यूएन दूत करेंगे दौरा

नई सरकार ने जातीय विद्रोहियों से भी शांति वार्ता की पेशकश की है. यही नहीं सरकार संयुक्त राष्ट्र के दो दूत को देश में यात्रा करने की इजाजत दी है. एक साल से भी ज्यादा समय के बाद संयुक्त राष्ट्र के दूत अपने दौरे पर वहां जा रहे हैं.

म्यांमार के राष्ट्रपति थेइन सेइनतस्वीर: AP

संयुक्त राष्ट्र के दूत म्यांमार शासन के मुखर आलोचक रहे हैं. पिछली बार की यात्रा में यूएन दूत मानवाधिकार उल्लंघन की बात उठाकर जुंटा शासन को गुस्से में ला दिया था. अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने म्यांमार में कई सुधार की वकालत की है. समुदाय ने 2000 के करीब राजनैतिक बंदियों को रिहा करने करने की मांग की है.

रिपोर्ट:एजेंसिया/ आमिर अंसारी

संपादन: आभा एम

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