आइवरी कोस्ट में ग्बाग्बो की सेना वतारा पर हावी
१० अप्रैल २०११आबिदजान में लॉरां ग्बाग्बो की वफादार सेना ने अलासान वतारा के होटल में बने मुख्यालय पर हमला बोल दिया. संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने बताया कि गोल्फ होटल पर हुए हमले में भारी हथियारों का इस्तेमाल किया गया है और ऐसा लग रहा है कि यह हमला ग्बाग्बो के राष्ट्रपति महल से हुआ है. वतारा ने नवम्बर में हुए चुनाव के बाद से गोल्फ होटल में ही अपना अड्डा बनाया हुआ है. अपनी पहचान गुप्त रखने की शर्त पर अधिकारी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को एक एसएमएस में लिखा, "गोल्फ होटल पर मोरटार दागे जा रहे हैं."
घरों पर असर
वतारा के प्रवक्ता मसेर तुरे ने बताया कि होटल की सुरक्षा के लिए मौजूद संयुक्त राष्ट्र बलों और ग्बाग्बो की सेना के बीच गोलीबारी हुई, ''शाम यहां गोलीबारी हुई, क्योंकि ग्बाग्बो की सेना होटल के और करीब आने की कोशिश कर रही थी और संयुक्त राष्ट्र का दल उन्हें रोकने की कोशिश में था." दोनों तरफ की लड़ाई का असर आस पास के घरों पर भी पड़ा. होटल के पास रहने वाली मरियम कोनेट ने बताया, "यहां बहुत भारी हथियारों के साथ लड़ाई चल रही थी. हमारे घर हिल रहे थे और कई खिडकियां भी टूट गई. हम सब ने अपने आप को अपने घरों में बंद कर लिया, लेकिन फिर एक घंटे बाद सब शांत हो गया."
बंकर में छिपे हैं ग्बाग्बो
आइवरी कोस्ट में मौजूद फ्रांस की सेना के अनुसार ग्बाग्बो की सेनाओं ने शुक्रवार को फ्रांस के राजदूत के घर पर भी हमला किया. पैरिस में ग्बाग्बो के सलाहकार ने इस बात से इनकार किया है. फ्रांस की सेना मानवीय मिशन पर देश में मौजूद है और राजनयिकों को वहां से सुरक्षित निकालने की कोशिश कर रही है. शनिवार को सेना द्वारा किए प्रयास उस वक्त विफल हुए जब ग्बाग्बो के सैनिकों ने उन पर हमला बोल दिया. फ्रांस की सेना हेलिकोप्टर द्वारा राजनयिकों को कोकोदी शहर से बाहर निकालने की कोशिश कर रही थी.
माना जा रहा है कि ग्बाग्बो कोकोदी शहर में अपने घर में बने एक बनकर में छिपे हैं. जानकारों के मुताबिक अगर ग्बाग्बो हार भी जाते हैं, तब भी वतारा के लिए लड़ाई आसान नहीं होगी. पिछले हफ्ते आइवरी कोस्ट में नरसंहार की खबरें आईं थीं, जिसमें कम से कम 115 लोग मारे गए थे. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार इसके पीछे वतारा की सेनाओं का हाथ है, जब कि वतारा ने इस से इनकार किया है. इस नरसंहार में कई लोगों को जिंदा जला दिया गया था और कई लोगों को कुएं में फेक दिया गया था. इससे पहले भी देश के दक्षिणी हिस्से में 800 लोंगों की सामूहिक हत्या की जाने की रिपोर्टें आ चुकी हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ईशा भाटिया
संपादन: ओ सिंह