आईएनएक्स मीडिया मामले में चिदंबरम को अंतरिम राहत नहीं
२१ अगस्त २०१९पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम अब देश छोड़कर नहीं जा सकते. सभी हवाईअड्डों, आव्रजन विभागों को सतर्क कर दिया गया है. यह कदम न्यायमूर्ति एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ के फैसले के बाद उठाया गया है. फिलहाल चिदंबरम की अग्रिम जमानत की याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए मामला मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के पास भेजा गया है. चिदंबरम के वकील तथा वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि लुकआउट नोटिस राजनीतिक बदले के तहत जारी किया गया है क्योंकि पूर्व मंत्री के भागने का खतरा नहीं है.
मंगलवार को चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के बाद से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशलय (ईडी) की टीमें पहले ही चिदंबरम के जोर बाग स्थित आवास पर बार-बार चक्कर काट रही हैं.
पूर्व मंत्री के आवास पर रात दो बजे एक नोटिस लगाया गया था. इस पर पीठ ने कहा, "मैं तत्काल सुनवाई के लिए यह फाइल मुख्य न्यायाधीश के पास भेज रहा हूं." सिब्बल ने इस पर कहा कि मंगलवार को उन्होंने मुख्य न्यायाधीश से संपर्क किया था लेकिन तत्काल सुनवाई नहीं हो सकी. सिब्बल ने अदालत को यह भी बताया कि मामले से जुड़े दस्तावेज मामले की तत्काल सुनवाई के लिए तैयार हैं. चिदंबरम ने दिल्ली हाईकोर्ट के मंगलवार के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत की याचिका को खारिज कर दिया है.
केंद्र की असफलताओं को उजागर करने की सजा भुगत रहे चिदंबरम
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम का समर्थन करते हुए कहा कि वे केंद्र सरकार की असफलताओं को उजागर करने पर 'शर्मनाक' रूप से केंद्र का शिकार हो रहे हैं. आईएनएक्स मीडिया मामले में दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा मंगलवार को पूर्व मंत्री की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के अगले दिन गांधी ने चिदंबरम को राज्यसभा का एक अत्यंत योग्य और सम्मानित सदस्य बताया. इसके साथ ही प्रियंका ने कहा कि पार्टी अपने नेता के साथ खड़ी हैं और "हम सच्चाई की इस लड़ाई को जारी रखेंगे, परिणाम चाहे जो भी हो."
प्रियंका ने ट्वीट किया, "वह सत्ता से बेहिचक सच बोलते हैं और इस सरकार की असफलताओं को उजागर करते हैं, लेकिन यह सच्चाई कायरों को असहज कर रही है, इसलिए उन्हें शर्मनाक तरीके से शिकार बनाया जा रहा है."
क्या है आईएनएक्स मीडिया मामला
आईएनएक्स मीडिया मामला फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) में कथित अनियमितताओं से संबंधित है. चिदंबरम पर साल 2007 में केंद्रीय वित्तमंत्री रहने के दौरान लगभग 300 करोड़ रुपये का विदेशी धन लेकर मीडिया समूह को एफआईपीबी मंजूरी देने में अनियमितता बरतने का आरोप है. पूर्व गृह और वित्त मंत्री चिदंबरम राष्ट्रीय सुरक्षा व आर्थिक मुद्दों पर केंद्र की भाजपा सरकार पर लगातार निशाना साधते रहे थे.
सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को बताया कि धन शोधन का यह मामला बहुत पुराना है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) यह जांच कर रहे हैं कि साल 2007 में जब पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे तो उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को फॉरेन इनवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी कैसे मिल गई थी. कार्ति चिदंबरम को सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया एफआईपीबी की मंजूरी दिलाने के बदले रुपये लेने के आरोप में 28 फरवरी 2018 को गिरफ्तार कर लिया था. कार्ति बाद में जमानत पर रिहा हो गए थे.
आईएएनएस/आरपी
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