आईएमएफ में बात मनवाने की कोशिश में भारत
२६ मई २०११
मुखर्जी ने कहा, "मैं विकासशील देशों और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के वित्त मंत्रियों के साथ संपर्क कर रहा हूं...हम खुद को ऐसी स्थिति में लाने की कोशिश कर रहे हैं जहां हम अपनी बात जोर देकर कह सकें." अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष आईएमएफ के पूर्व प्रमुख डॉमिनिक स्ट्रॉस कान के इस्तीफे के बाद अब नए प्रमुख का चुनाव होना है.
ज्यादातर यूरोपीय देश फ्रांस की तरफ से उम्मीदवार क्रिस्टीन लगार्द का समर्थन कर रहे हैं. लेकिन विकासशील देश चाहते हैं कि उनकी तरफ से आईएमएफ प्रमुख नामांकित किया जाए. भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी विकासशील देशों से कहा है कि वह अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं के सुधार में एक हों. मुखर्जी ने भी कहा, "मैंने दक्षिण अफ्रीका के वित्त मंत्री से बात की है."
बुधवार को ब्रिक देश, यानी भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, चीन और रूस ने इस बात का विरोध किया कि आईएमएफ का अगला प्रमुख भी यूरोपीय देश से होगा. उनका कहना था कि इस तरह प्रमुख के चुनने से संस्था की वैधानिकता पर असर पड़ता है. अब तक आईएमएफ का प्रमुख हमेशा किसी यूरोपीय देश से रहा है जबकि विश्व बैंक का अध्यक्ष अमेरिका से चुना जाता है. आईएमएफ में अमेरिका और यूरोपीय देशों की हिस्सेदारी लगभग 50 प्रतिशत है. लिहाजा इन देशों के अलावा किसी और देश से प्रमुख का चुना जाना लगभग नामुमकिन है.
रिपोर्टः पीटीआई/एमजी
संपादनः वी कुमार