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आईएसआई अब तालिबान का दोस्त नहीं रहाः कुरैशी

२९ मार्च २०१०

पाकिस्तान ने साफ किया है कि उनकी खुफिया एजेंसी आईएसआई और अफगानिस्तान में सक्रिय तालिबान को अब दोस्त नहीं समझना चाहिए. पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने वॉशिंगटन में यह बात कही.

आईएसआई अब तालिबान का दोस्त नहीं...तस्वीर: AP

मंत्री ने यह बयान ऐसे वक्त में दिया है, जब भारत ने कड़े शब्दों में कहा कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई अफगानिस्तान में तालिबान का साथ दे रही है. भारत का आरोप है कि तालिबान इसी शह पर वहां भारतीयों को निशाना बना रहा है.

लेकिन पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का कहना है, “जिस तरह से आईएसआई काम कर रही है और जिस तरह से उसे तालिबान निशाना बना रहा है, वह आपके सामने है. आप देखिए किसके लोग मारे जा रहे हैं. आप देखें कि पिछले डेढ़ साल में किसके लोग सबसे ज्यादा घायल हुए हैं. आपको पता है, वे आईएसआई ऑपरेटर हैं.”

जब अमेरिका के एक टेलीविजन शो पर उनसे तालिबान और आईएसआई के रिश्तों के बारे में पूछा गया, तो कुरैशी ने कहा, “आप देखिए कि किस तरह से पेशावर, लाहौर और मुल्तान में आईएसआई के अफसरों को निशाना बनाया गया. यह बात पक्की है कि हमारे पक्ष को अब उनका साथी नहीं समझना चाहिए.”

पाकिस्तानी विदेश मंत्री का कहना है कि अफगानिस्तान के साथ पाकिस्तान के गहरे रिश्ते हैं क्योंकि दोनों देशों में सांस्कृतिक, भाषाई और पुश्तैनी समानता है. उनका कहना है कि अफगानिस्तान भारत से कहीं ज्यादा पाकिस्तान के लिए मायने रखता है. उन्होंने कहा, “जाहिर तौर पर भारत का हित वैसा नहीं हो सकता, जैसा हमारा. हमारी सीमा अफगानिस्तान से लगी है.”

कुरैशी का कहना है कि अफगानिस्तान चारों तरफ जमीन से घिरा है और उसका कारोबार ज्यादातर पाकिस्तान के रास्ते होता है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः आभा मोंढे

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