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आईएसआई के आंतकी संगठनों से संबंध: अमेरिका

शोभा शमी
४ अक्टूबर २०१७

अमेरिका के एक शीर्ष जनरल जोसेफ डनफोर्ड ने कहा है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के आतंकी समूहों के साथ संबंध हैं.

Jim Mattis
तस्वीर: Reuters/E. Vidal

अमेरिका के रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने सीनेट की प्रभावशाली सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों से कहा कि आईएसआई के संबंध आतंकी संगठनों से हैं और उनकी अपनी विदेश नीति भी है. जब उनसे पूछा गया कि अगर पाकिस्तान आतंक को खत्म करने के लिए तत्काल प्रभाव से कोई कदम नहीं उठाता तो क्या गैर नाटो सहयोगी देश के तौर पर उससे रिश्ता खत्म किये जाने का विकल्प है? इसपर जिम मैटिस ने जबाव दिया, "हां, यह विकल्प होगा"

जोसेफ डनफोर्ड ने कहा कि स्वाभाविक है कि पाकिस्तान इन आरोपों पर हमेशा से इनकार करता रहा है लेकिन अमेरिका इन झूठी बातों को अब नहीं सुनेगा. उन्होंने कहा, "यह मुझे साफ है कि इंटर सर्विस इंटेलिजेंस के आतंकी समूहों से संबंध हैं."

हालांकि, जिम मैटिस और डनफोर्ड दोनों कोई बड़ा फैसला लिए जाने से पहले पाकिस्तान के साथ "एक और बार" काम करने के इच्छुक हैं.शीर्ष अमेरिकी जनरल के साथ वहां मौजूद रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने आईएसआई की आलोचना भी की. सार्वजनिक रुप से पहली बार मैटिस ने यह स्वीकार किया कि आईएसआई की अपनी विदेश नीति है और ऐसा नहीं लगता कि वह संघीय सरकार के अधीन है. ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों के यह बयान ऐसे समय पर आए हैं, जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ तीन दिवसीय दौरे पर वॉशिंगटन पहुंच चुके हैं.

पाकिस्तान पर लगातार आतंकवादी संगठनों को समर्थन देने के आरोप लगते रहे हैं. इस साल हुए ब्रिक्स सम्मेलन में भी पाकिस्तान में हक्कानी नेटवर्क के सक्रिय होने को लेकर सवाल उठाये गये थे. हक्कानी नेटवर्क अफगान तालिबान के साथ मिल कर अफगानिस्तान में अमेरिका और दूसरे देशों के समर्थन वाली सरकार के खिलाफ युद्ध कर रहा है. अमेरिका ने तब भी पाकिस्तान को चेतावनी दी थी कि वह अपनी सीमा में हक्कानी नेटवर्क की गतिविधियों और सुरक्षित ठिकानों के खिलाफ और ज्यादा कार्रवाई करे, वरना उसकी सैन्य मदद रोकी जा सकती है.

इसके अलावा हाल में पाकिस्तान में हाफिज सईद के राजनीतिक पार्टी बनाने और चुनाव में उतरने की तैयारी को लेकर भी कड़ी आलोचना झेलनी पड़ी थी. पाकिस्तान में आंतरिक मंत्रालय ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखकर सिफारिश की थी कि उसे मिली मुस्लिम लीग (एमएमएल) के आधिकारिक पार्टी बनाने के आवेदन को रद्द कर देना चाहिए क्योंकि पार्टी का संबंध लश्कर ए तैयबा (एलईटी) के साथ हैं. भारत इस आतंकवादी समूह को 2008 के मुंबई हमलों का जिम्मेदार मानता है. मुंबई हमलों में 166 लोग मारे गए थे.

 

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