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आईएसआई के आतंकी रिश्ते चिंता की बातः अमेरिका

१० सितम्बर २०१०

अमेरिका ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकवादी संगठनों के बीच साठगांठ पर चिंता जताई है. हालांकि उसने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लश्कर ए तैयबा के खतरे से लड़ने में पाक सरकार और आईएसआई की भूमिका अहम है.

आईएसआई का मुख्यालयतस्वीर: picture alliance/dpa

अमेरिका की पैसिफिक कमांड के चीफ एडमिरल रॉबर्ट विलर्ड ने कहा कि लश्कर ए तैयबा का केंद्र पाकिस्तान में है, लेकिन उसका जाल पूरी दुनिया में फैसला है और अमेरिका व यूरोप में आंतकी संगठनों से उसके रिश्ते हैं.

दो दिन की भारत यात्रा पर आए विलर्ड ने कहा, "जब हम लश्कर और हमेशा के लिए उसके खात्मे की बात करते हैं तो हमें समझना होगा कि उसका केंद्र पाकिस्तान में है. ऐसे में वहां की सरकार और उसकी एजेंसियों की मदद अहम हो जाती है." उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने बीते सालों में कई बार आईएसआई और आतंकी संगठनों के बीच किसी तरह के संबंध ना होने की बात कही है लेकिन यह लगातार एक चर्चा का विषय है. उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर ध्यान दिया जाना जरूरी है.

विलर्ड ने इस मामले में अमेरिका की पैसिफिक कमांड की भारत और आस पास के देशों के बीच साझेदारी पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा, "अब लश्कर एक अंतरराष्ट्रीय मुद्दा है. वे अब यूरोप में भी हैं. अमेरिका में भी उनसे जुड़े लोगों की पहचान हुई है. अतिवादियों का यह जाल अब दक्षिण एशिया के बाहर अपने पांव फैला रहा है लेकिन ऐतिहासिक या अन्य कारणों से उनका केंद्र अभी यहीं है."

विलर्ड ने माना कि लश्कर के फैलते असर को अमेरिका समझ रहा है और अल कायदा और उससे जुड़े संगठनों के संबंध में जब भी बात होती है तब लश्कर भी उनमें से एक होता है. उन्होंने कहा, "इस आतंकी संगठन को लेकर अब हमारे हित भी जुड़े हैं. हमें लगता है कि यह बहुत खतरनाक तरीके से फैल रहा है." उन्होंने कहा कि आतंकवाद से लड़ने में भारत और अमेरिका के हित एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और अमेरिका की पैसिफिक कमांड इस बात को लेकर प्रतिबद्ध है कि लश्कर को भारत के लिए और बाकी दुनिया की खातिर हराना ही होगा.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः ओ सिंह

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